मशहूर उद्योगपति रतन टाटा आज हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके महान काम और उनके महान विचार दुनिया के लिए हमेसा मिसाल बनी रहेगी। रतन टाटा के निधन पर पूरे भारत में शोक की लहर है। हर कोई अपने-अपने तरीके से उन्हें याद कर रहा है। रतन टाटा से जुड़ी कई कहानियां और किस्से हैं जो लोग सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। रतन टाटा से ही जुड़ा एक किस्सा आज हम आपको बताने जा रहे हैं। दरअसल ये कहानी तब कि है जब ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स रतन टाटा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने रतन टाटा से लंदन आने का अनुरोध किया। रतन टाटा ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और लंदन आने के लिए उन्होंने हामी भर दी।
लंदन में मिलना था लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
लंदन के बंकिंघम पैलेस में इस लाइव टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड की तैयारियां पूरी कर ली गई थी। लेकिन इस दिन रतन टाटा लंदन नहीं गए। लेकिन लंदन न जाने के पीछे क्या वजह थी, यह हर किसी को जानना चाहिए। बिजनेसनमैन, कॉलमिस्ट और एक्टर सुहेल सेठ ने एक इंटरव्यू में इस किस्से के शेयर किया था। उन्होंने कहा कि 6 फरवरी को रतन टाटा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया जाना था। इसे लेकर बंकिंघम पैलेस में तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। इस दौरान वह 2 या 3 फरवीर को लंदन पहुंचे। इसके बाद जब वह एयरपोर्ट पर उतरे और उन्होंने अपने फोन को देखा तो उसपर रतन टाटा के लगभग 11 मिस्ड कॉल्स थे।
लंदन नहीं पहुंचे रतन, लेकिन प्रिंस चार्ल्स ने की खूब तारीफ
सुहेल सेठ ने बताया कि रतन टाटा के इतने मिस्ड कॉल्स देखकर मैं डर गया कि आखिर रतन को क्या हो गया। इसके बाद उन्होंने रतन टाटा को फोन किया और पूछा कि आखिर क्या हो गया। तब रतन टाटा ने सुहेल सेठ को बताया कि उनके डॉग टैंगों और टीटो में से कोई बीमार है। वह इस हालात में उन्हें ऐसे छोड़कर लंदन नहीं आ सकते हैं। इसपर सुहेल सेठ ने रतन टाटा को फोन पर कहा कि रतन लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड का यह कार्यक्रम आपके लिए रखा गया है। बावजूद इसके रतन टाटा लंदन नहीं गए। जब इस बात का पता प्रिंस चार्ल्स को लगा तो प्रिंस चार्ल्स इससे काफी प्रभावित हुए। प्रिंस चार्ल्स ने रतन टाटा की तारीफ करते हुए कहा कि इंसान ऐसा होना चाहिए। रतन टाटा कमाल के इंसान है। यही वजह है कि टाटा समूह आज इस मुकाम पर है।