Highlights
- टाटा ने गुडफेलोज स्टार्टअप में इंवेस्ट करने की घोषणा की
- अकेले रहने वाले बुजुर्गों की मदद करेगा गुडफेलोज स्टार्टअप
- ये नया स्टार्टअप शांतनु नायडू का है
Ratan Tata News: देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) ने मंगलवार को एक स्टार्टअप गुडफेलोज में इंवेस्ट करने की घोषणा की है। देश के सीनियर सिटीजन्स के लिए ये पहला कम्पैनियनशिप स्टार्टअप है। इस स्टार्टअप का मकसद है कि युवाओं और शिक्षित ग्रेजुएट्स के जरिए अकेले रहने वाले बुजुर्गों की मदद की जाए।
बीते 6 महीनों में 'गुडफेलोज' ने काफी सफलता पाई है और अब ये मुंबई, पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में भी जल्द ही उपलब्ध होगा।
अकेले रहने वाले बुजुर्गों की मदद है लक्ष्य
गुडफेलोज का मुख्य फोकस देश के वो बुजुर्ग हैं, जो अकेले रहते हैं। बता दें कि भारत में करीब 5 करोड़ बुजुर्ग अपने जीवन में अकेले हैं। इनमें कई ऐसे हैं, जिन्होंने अपने जीवनसाथी को किसी वजह से खो दिया और कई बुजुर्गों के परिजन दूसरी जगह जाकर रहने लगे, इसलिए वह अकेलेपन का जीवन गुजार रहे हैं।
गुडफेलोज के बिजनेस मॉडल के तहत बुजुर्गों को पहला महीना पूरी तरह मुफ्त मिलेगा। इसके बाद दूसरे महीने से एक छोटा सा मेंबरशिप चार्ज लगेगा, जिसे बुजुर्गों की पेंशन के आधार पर तय किया गया है। अच्छी बात ये है कि बुजुर्गों की सेवा के साथ-साथ कई युवाओं को गुडफेलोज के साथ इंटर्नशिप का भी मौका मिलेगा।
किसका है ये स्टार्टअप
ये नया स्टार्टअप शांतनु नायडू का है। ये वही शांतनु हैं, जिनका रतन टाटा के साथ एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में रतन टाटा एक कुर्सी पर बैठे थे और उनके सामने एक छोटा सा कप केक रखा था। इसके बाद शांतनु ने टाटा के कंधे पर हाथ भी रखा था और उन्हें केक खिलाया था। बता दें कि शांतनु ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है और वह टाटा के कार्यालय में उप महाप्रबंधक हैं। साल 2018 से ही वह टाटा की मदद कर रहे हैं। टाटा ने एक बार नायडू की तारीफ भी की थी और कहा था कि जब तक आप वास्तव में बूढ़े नहीं हो जाते, तब तक किसी को भी बूढ़े होने का मन नहीं करता। नायडू ने इस दौरान टाटा को एक बॉस, मित्र और संरक्षक बताया था।
बता दें कि शांतनु का जन्म साल 1993 में पुणे में हुआ था। वह टाटा ट्रस्ट में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं और उनसे पहले उनके परिवार की 5 पीढ़ी टाटा के साथ काम कर चुकी हैं। वह सितंबर 2014 से टाटा के साथ काम कर रहे हैं।