Friday, November 22, 2024
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मुंबई रानी बाग नाम विवाद: महाराष्ट्र सरकार पर हिन्दू विरोधी के लगने लगे आरोप, जानिए सच्चाई?

वहीं बीजेपी के पदाधिकारियों ने ज़ू के डायरेक्टर डॉक्टर संजय त्रिपाठी से मांग की है कि इस नेम बोर्ड के आगे "हाजी पीर बाबा दरगाह की तरफ जाने का मार्ग" ऐसा लिख दिया जाए और रानी बाग ये शब्द हटा दिया जाए। 

Reported by: Jayprakash Singh @jayprakashindia
Published on: December 22, 2021 17:21 IST
मुंबई रानी बाग नाम विवाद: महाराष्ट्र सरकार पर हिन्दू विरोधी के लगने लगे आरोप, जानिए सच्चाई?- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO मुंबई रानी बाग नाम विवाद: महाराष्ट्र सरकार पर हिन्दू विरोधी के लगने लगे आरोप, जानिए सच्चाई?

Highlights

  • भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय पार्षद भी रानी बाग उद्यान के संचालक से मिलने पहुंचीं
  • ज़ू के संचालक मंडल ने कहा, इसमें कोई भी राजनैतिक एंगल नहीं है

मुंबई के प्रसिद्ध ब्रिटिशकालीन रानी बाग नेशनल पार्क जिसका असली नाम वीर जिजामाता भोंसले उद्यान है का नाम क्या बदलकर हाजी पीर बाबा उद्यान रख दिया गया है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही कुछ तस्वीरों ने इस दावे को हवा देने का काम किया और देखते ही देखते महाराष्ट्र सरकार हिन्दू विरोधी है ऐसे आरोप भी लगने शुरू हो गए। इस दावे की पड़ताल करने जब इंडिया टीवी की टीम रानी बाग गई जहां देश का पहला पेंग्विन जू भी बनाया गया है तो वहां हमें भी ये कोनशिला याने पत्थर से बना नेम बोर्ड नजर आया जिस पर सुनहरे शब्दों में लिखा था "हाजी पीर बाबा दरगाह -रानी बाग।" 

इस पत्थर के बोर्ड से साफ हो रहा था कि रानी बाग का नाम हाजी पीर बाबा के नाम पर रखा गया है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय पार्षद भी रानी बाग उद्यान के संचालक से मिलने पहुंची हुई थीं। लेकिन जब जांच पड़ताल हुई तो पता चला कि रानी बाग उद्यान जिसका नाम शिवाजी महाराज की माताजी जिजा माता के नाम पर रखा गया है उनका नाम बदला नहीं गया है, नाम वही है लेकिन इसी रानी बाग के अंदर एक ब्रिटिश कालीन दरगाह है जो हाजी पीर बाबा के नाम पर बनाई गई है। इस दरगाह के दर्शनार्थियों को दर्शन के लिए असुविधा न हो इसलिए दरगाह तक जाने के रास्ते पर मार्बल पत्थर की एक कोन शिला लगाई गई है। इस कोन शिला का पुनर्निमाण किया गया और इस नाम को बड़े अक्षरों में लिखा गया जिससे ये आभास हो रहा है कि आर्किलोजिकल रानी बाग का नाम ही एमवीए सरकार ने बदल दिया। 

वहीं बीजेपी के पदाधिकारियों ने ज़ू के डायरेक्टर डॉक्टर संजय त्रिपाठी से मांग की है कि इस नेम बोर्ड के आगे "हाजी पीर बाबा दरगाह की तरफ जाने का मार्ग" ऐसा लिख दिया जाए और रानी बाग ये शब्द हटा दिया जाए। बीजेपी और राज ठाकरे की पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस एनसीपी के दबाव में मुस्लिम वोटरों को प्रलोभित करने के लिए शिवसेना और बीएमसी जानबूझकर ऐसे काम कर रही है, जिससे हिन्दू जनमानस की भावनाएं आहत हों वही ज़ू के संचालक मंडल का साफ कहना है कि इसमें कोई भी राजनैतिक एंगल नही है और रानी बाग का नाम आज भी वीर जिजामाता भोंसले राष्ट्रीय उद्यान ही है। 

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