Highlights
- राज्य के गृह सचिव ने एसएसपी से मांगा स्पष्टीकरण
- यह कानून सम्मत नहीं, हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन-गृह सचिव
- 10 जून को हुई हिंसा में दो लोगों की हुई थी मौत
Ranchi Violence: पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) में हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में अब नया मोड़ आ गया। इस मामले के आरोपियों की तस्वीरों वाला पोस्टर जारी करने पर सरकार ने एसएसपी (SSP) से सफाई मांगी है। पोस्टर जारी किए जाने के एक दिन बाद राज्य के गृह सचिव राजीव अरुण इक्का ने वारिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है। राज्य के गृह सचिव की ओर से भेजी गई चिट्ठी में इसे गैरकानूनी गतिविधि बताया गया है।
बता दें कि राज्य की रांची में विभिन्न स्थानों पर पोस्टर लगाने के बाद पुलिस ने ‘तकनीकी त्रृटि’ के चलते इसे वापस ले लिया था। पुलिस ने कहा था कि वह गलतियों को ठीक कर पोस्टर जारी करेगी। गृह, कारागार और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव इक्का ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा, ‘यह कानून सम्मत नहीं है और नौ मार्च 2020 को माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन है।
रांची के छह थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा जारी, अबतक 29 गिरफ्तार
रांची हिंसा के सिलसिले में अबतक 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही आगे सांप्रदायिक तनाव पैदा न हो इसके लिए शरारती तत्वों की पहचान की जा रही है। निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा एवं निष्कासित मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल की पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी के विरोध में 10 जून को हुए हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हुई थी जबकि दो दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। वहीं, रांची में अब भी मेन रोड और आसपास के छह थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू है।
रांची और आसपास के इलाकों में अर्धसैनिक बलों एवं पुलिस की भारी तैनाती जारी है। संवदेनशील इलाकों में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए लगभग साढ़े तीन हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गयी है। इस बीच, झारखंड सरकार द्वारा शनिवार को हिंसा की घटना की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति ने बुधवार को कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किये और हिंसा वाले क्षेत्रों का स्वयं दौरा किया। समिति को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। (इनपुट-एजेंसी)