Highlights
- किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को फिर दी धमकी
- 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे- राकेश टिकैत
- सरकार का ध्यान किसानों की जमीन पर है इससे सचेत रहने की जरूरत है- राकेश टिकैत
भिवानी: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को एक बार फिर से कृषि कानूनों के विरोध में किए गए किसान आंदोलन की समाप्ति को लेकर बड़ा बयान दिया है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि किसान आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है, 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। टिकैत ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘सरकार का ध्यान किसानों की जमीन पर है इससे सचेत रहने की जरूरत है। सरकार का अगला वार उन भूमिहीन किसानों पर है जो पशु पालकर, दूध बेचकर गुजर-बसर करते हैं।’’
राकेश टिकैत ने कहा कि हर वर्ष 26 जनवरी को किसानों का ‘ट्रैक्टर मार्च’ निकाला जाएगा। दिल्ली के बॉर्डर पर 13 महीने तक चला आंदोलन तो किसानों की ट्रेंनिंग थी। उन्होंने कहा कि अब हमें पता चल गया है कि सरकार ने अगर मांगें नहीं मानी तो हम जानते हैं कि जनवरी में और जून में आंदोलन कैसे करना है। टिकैत ने चरखी दादरी में कहा कि खाप समाज का आईना हैं और इनका गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने जब-जब कहा खापों ने मजबूती से साथ दिया। टिकैत निर्दलीय विधायक एवं फौगाट खाप 40 के प्रधान सोमवीर सांगवान द्वारा आयोजित सर्व खाप महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकार की नीयत ठीक नहीं है। अभी पूरी तरह मुकदमे वापिस नहीं हुए हैं। 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।’’
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन की बदौलत ही जमीन और गांव को बचाया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार हर विभाग का निजीकरण करके बेरोजगारों की फौज खड़ी कर रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा हर मुद्दे को लेकर गम्भीर है और अब पीछे हटने वाले नहीं हैं। एक सौ से ज्यादा खापों की महापंचायत में सामाजिक बुराइयां, कुरीतियां दूर करने पर जोर दिया गया है। इसे संबोधित करने वाले अधिकतर वक्ताओं ने सरकार द्वारा लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र 18 की बजाय 21 साल करने के कदम का विरोध किया। वक्ताओं ने यह भी कहा कि विवाह माता-पिता की सहमति पर हों।
किसान नेता ने सरकार को धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर सरकार नहीं मानती है तो अब हम लाल किला नहीं नए संसद भवन पहुचेंगे। उन्होंने कहा 26 जनवरी को फिर से अलग-अलग जगहों पर ट्रैक्टर मार्च करेंगे। इसके अलावा टिकैट ने कहा कि ये सरकार दूध के दाम सस्ते करने को लेकर भी कोई समझौता करने वाली है, हम उसका भी विरोध करेंगे।