Highlights
- देश सेना का सदैव ऋणी रहेगा - रक्षा मंत्री
- सैनिकों का पेशा एक पेशे से बढ़कर सेवा है - राजनाथ सिंह
- लिखित परीक्षा देने के बाद भी शामिल नहीं हो सका - राजनाथ सिंह
Rajnath Singh: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने निजी जीवन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वे देश की सेना में शामिल होकर देशसेवा करना चाहते थे। लेकिन लिखित परीक्षा देने के बाद भी शामिल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि, मैं जहां कहीं भी जाता हूं, मैं सुनिश्चित करता हूं कि मैं सेना के जवानों से मुलाकात करूं।
पारिवारिक समस्याओं के कारण मैं सेना में शामिल नहीं हो पाया - राजनाथ सिंह
शुक्रवार को असम राइफल्स और भारतीय सेना की 57वीं माउंटेन डिवीजन के जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने बताया कि, "मैं अपने बचपन की एक कहानी बताना चाहता हूं। मैं भी सेना में शामिल होना चाहता था और मैंने एक बार ‘शार्ट सर्विस कमीशन’ की परीक्षा भी दी थी। मैंने लिखित परीक्षा दी थी, लेकिन मेरे पिता का निधन हो जाने और कुछ अन्य पारिवारिक समस्याओं के कारण मैं सेना में शामिल नहीं हो पाया।"
देश सेना का सदैव ऋणी रहेगा - रक्षा मंत्री
उन्होंने कहा, "यदि आप किसी बच्चे को सेना की वर्दी देते हैं, तो आप देखेंगे कि उसका व्यक्तित्व ही बदल जाता है। इस वर्दी में कुछ तो बात है।" इस मौके पर थल सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी उनके साथ थे। राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम के दौरान भारत और चीन के बीच पैदा हुए गतिरोध के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा दिखाए गए शौर्य को याद किया। उन्होंने कहा, "जब भारत-चीन गतिरोध जारी था, तब आपके पास शायद विस्तार से जानकारी नहीं होगी, लेकिन मैं और उस समय के सेना प्रमुख हमारे जवानों के साहस एवं बहादुरी से अवगत थे, हमारा देश आपका सदैव ऋणी रहेगा।"
सैनिकों का पेशा एक पेशे से बढ़कर सेवा है - राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं जहां कहीं भी जाता हूं, मैं सुनिश्चित करता हूं कि मैं सेना के जवानों से मुलाकात करूं। जब मेरे मणिपुर दौरे की योजना बनी थी, तब मैंने (सेना प्रमुख) पांडे जी से कहा था कि मैं असम राइफल्स और 57वीं माउंटेन डिवीजन के कर्मियों से मिलना चाहता हूं।" उन्होंने कहा कि सेना के जवानों से मिलकर उन्हें गौरव की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा, "चिकित्सक, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंड किसी न किसी तरीके से देश के लिए योगदान दे रहे हैं। लेकिन मेरा मानना है कि आपका पेशा एक पेशे से बढ़कर सेवा है।"