Highlights
- दो हजार से भी अधिक बलिदानी परिवारों को कार्यकम में सम्मानित करेंगे
- '2022-23 के लिए 85000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए' - रक्षा मंत्री
- 'भारतीय सेना को आज आत्मरक्षा का पूरा भरोसा है' - रक्षा मंत्री
Rajnath Singh: देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा का दौरा करेंगे और देश की सेवा में प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों के परिवारों के सम्मान समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने रविवार को एक ट्वीट में कहा, "कल 26 सितंबर को मैं हिमाचल प्रदेश के बडोली, कांगड़ा का दौरा करूंगा। देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले हमारे वीर जवानों के परिवारों के सम्मान समारोह में शामिल होऊंगा।"
दो हजार से भी अधिक बलिदानी परिवारों को कार्यकम में सम्मानित करेंगे
पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, केंद्रीय मंत्री का हेलीकाप्टर सोमवार सुबह 10.30 बजे जिला हमीरपुर के नादौन स्थित अमतर मैदान में उतरेगा, जहां से नादौन स्थित विश्राम गृह में रुकने के बाद उन्हें कार्यक्रम स्थल तक ले जाया जाएगा। रक्षा मंत्री आयोजन समिति के माध्यम से राज्यभर के दो हजार से भी अधिक बलिदानी परिवारों को कार्यकम में सम्मानित करेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भैया जी जोशी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। आयोजन समिति की तरफ से विभिन्न तरह की प्रदर्शनियां लगाई हैं। अमृत महोत्सव समिति के संयोजक लेख राज राणा ने बताया समिति कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। भव्य आयोजन होगा।
'2022-23 के लिए 85000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए'
वहीं इससे पहले दिल्ली में एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा कि, हमारे रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा घरेलू विक्रेताओं से खरीद के लिए रखा जाता है। 2022-23 के लिए 85000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। रक्षा अनुसंधान और विकास बजट का एक चौथाई हिस्सा उद्योगों और अनुसंधान विकास को समर्पित किया गया। नई रक्षा प्रौद्योगिकियों और नवाचारों के लिए मार्ग प्रशस्त किया गया।
'भारतीय सेना को आज आत्मरक्षा का पूरा भरोसा है'
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना देश को बुरी नजर से देखने वाली किसी भी ताकत का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखती है। जब भी हमारी सेना को चीन ने चुनौती दी, हमने उन्हीं की भाषा में उन्हें जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जब भारत ने 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजस्थान में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था, तो विचार किसी देश के खिलाफ हथियार का उपयोग करने का नहीं, बल्कि एक निवारक बनाए रखने का था। भारतीय सेना को आज आत्मरक्षा का पूरा भरोसा है। आज 2022 में जब भारत की सेना चीन के साथ जुड़ती है, तो वह समान रूप से ऐसा करती है।