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"रो पड़ीं थीं प्रियंका"... राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी का खुलासा, बताया प्रियंका गांधी ने जेल में अपने पिता की हत्या को लेकर उससे पूछे थे सवाल

Rajiv Gandhi Murder Case: राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों में शामिस नलिनी श्रीहरन ने रिहा होने के बाद बताया है कि प्रियंका गांधी ने उससे जेल में अपने पिता की हत्या को लेकर सवाल पूछे थे। वह भावुक होकर रोई भी थीं।

Edited By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Published : Nov 13, 2022 22:10 IST, Updated : Dec 16, 2022 22:39 IST
राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन
Image Source : PTI राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। वजह है इसके दोषियों की रिहाई। इस हत्याकांड के दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन है। जिसने रविवार को कहा कि प्रियंका गांधी ने साल 2008 में जेल में उससे मुलाकात के दौरान अपने पिता की हत्या के बारे में पूछा था। नलिनी ने अब तक के अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में संबंधित मुलाकात के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए यहां कहा कि वह जो कुछ भी जानती थी, उसके बारे में प्रियंका को बता दिया। यह पूछे जाने पर कि 2008 में तमिलनाडु के वेल्लोर केंद्रीय कारागार में मुलाकात के दौरान प्रियंका मजबूत दिखी थीं या ‘‘भावुक होकर रो पड़ी थीं’’, नलिनी ने कहा, ‘‘हां वह बहुत भावुक हो गई थीं।’’

नलिनी ने कहा कि समय बीतने के बावजूद, अपने पिता की हत्या के कारण प्रियंका को मिले ‘‘घाव’’ उस मुलाकात में भी ठीक नहीं हुए थे। दोबारा यह पूछे जाने पर कि क्या प्रियंका रो पड़ी थीं, नलिनी ने कहा, ‘‘हां’’। राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती विस्फोट में हत्या कर दी गई थी। नलिनी ने कहा कि मुलाकात में हुई अन्य बातों का खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह प्रियंका के निजी विचारों से संबंधित है। नलिनी को 12 नवंबर को उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद रिहा कर दिया गया था।

गांधी परिवार के लोगों से मुलाकात पर क्या बोली?

यह पूछे जाने पर कि क्या उसे गांधी परिवार के सदस्यों से मिलने में कोई झिझक रही है, नलिनी ने कहा कि हत्याकांड की पृष्ठभूमि के चलते इस तरह की झिझक रही है। उसने कहा कि अगर गांधी परिवार के लोग उससे मिलना चाहेंगे तो वह उनसे मिलेगी। जेल में 30 से अधिक वर्षों में सीखे गए पाठ के बारे में पूछे जाने पर नलिनी ने कहा कि जेल एक 'बड़ा विश्वविद्यालय' है, जहां उसने बहुत सी चीजें सीखी हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या जेल में जीवन और सुरक्षित रिहाई के लिए कानूनी संघर्ष पर आत्मकथा जैसी किताब लिखने की उसकी कोई योजना है, उसने कहा कि उसका ध्यान केवल अपने पति श्रीहरन और लंदन में रह रही अपनी बेटी के साथ रहने पर है।

उच्चतम न्यायालय ने 1999 में सुनाई थी मौत की सजा

उच्चतम न्यायालय ने 1999 में नलिनी, उसके पति श्रीहरन और दो अन्य को मौत की सजा की पुष्टि की थी। तमिलनाडु सरकार ने 2000 में नलिनी की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। नलिनी और श्रीहरन शीर्ष अदालत के आदेश के बाद 12 नवंबर को रिहा हुए छह दोषियों में शामिल हैं।

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