छत्तीसगढ़ में आज पहले चरण की वोटिंग हुई। वोटिंग से पहले बैटिंग एप छत्तीसगढ़ की सियासत में बड़ा मुद्दा बन गया है। खुद को महादेव बेटिंग एप का मालिक बताने वाले शख्स ने दावा किया है कि उसने अपने कारोबार में मदद के लिए चीफ मिनिस्टर भूपेश तक 508 करोड़ पहुंचाए। ED ने पिछले हफ्ते पांच करोड़ 39 लाख रुपए कैश बरामद भी कर लिए। बैंक खातों में 15 करोड़ से ज्यादा की रकम सीज की। अब पता लगा है कि ED जल्दी ही इस मामले में भूपेश बघेल को समन जारी कर सकती है। चूंकि जांच तेजी से आगे बढ़ रही है, कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, आंच मुख्यमंत्री तक पहुंच गई है और चुनाव चल रहा है, इसलिए सत्ता के खेल में सट्टेबाजी बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गई। बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्ढा से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेता इस मुद्दे पर खूब बोले। नड्डा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने लूट मचा रखी है, पैसे के लालच में महादेव तक को नहीं छोड़ा। जवाब में खरगे ने कहा कि सारा एक्शन चुनावी है, मोदी जहां जाते हैं, उससे पहले ED और CBI को भेज देते हैं, जबकि भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी अपने पाप छुपाने के लिए अब बेटिंग एप चलाने वालों को मोहरा बना रही है, असल में बैटिंग एप के पीछे बीजेपी के लोग हैं। उन्होंने तो इस मामले में गोलमाल की शिकायत की थी। लेकिन केन्द्र सरकार ने जानबूझ कर महादेव एप से जुड़े लोगों को देश से बाहर भगा दिया। अब उनसे बयान दिलवाकर, ED के छापे डलवा कर कांग्रेस की सरकार को बदनाम किया जा रहा है।
अब सवाल ये है कि अगर सट्टेबाजी का ये धंधा कई साल से चल रहा था तो अब तक एक्शन क्यों नहीं हुआ। भूपेश बघेल ने पहले ये सारी बातें क्यों नहीं कहीं। अगर दुबई में बैठा शख्स झूठ बोल रहा है तो बिलासपुर और रायपुर में जो करोड़ों रुपए कैश बरामद हुए वो किसके हैं? किसके लिए भेजे गए? और अगर ED के रेडार पर सट्टेबाजी का ये खेल पहले से था तो फिर कार्रवाई चुनाव के मौके पर क्यों की गई?पहले ये बता देता हूं कि ये महादेव एप घोटाला है क्या? छत्तीसगढ़ में 2020 में एक बेटिंग एप लॉच हुआ। ये गेमिंग एप है जिसमें खेल के साथ साथ सट्टेबाजी होती है। इसके बाद पैसे का खेल शुरू हो गया। एप चलाने वाला शख्स देश छोड़कर दुबई चला गया। जांच शुरू हुई तो हैरान करने वाले खुलासे हुए। पिछले हफ्ते ED ने रेड डाली और 5 करोड़ 39 लाख का कैश बरामद किया। असीम दास नाम के जिस शख्स से कैश बरामद हुआ, उसने दावा किया कि ये पैसा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंचाना था। पैसा महादेव एप के मालिक ने कांग्रेस को चुनाव में मदद के लिए भेजा था। ED का दावा है कि गिरफ्तार आरोपियों ने माना है कि महादेव एप के मालिक ने भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए पहुंचाए है। एक ड्राइवर असीम दास के फ़ोन से ED को एक ऑडियो क्लिप भी मिला जिसमें शुभम सोनी, असीम से भूपेश बघेल को पैसे पहुंचाने के लिए कह रहा है। शुभम सोनी खुद को महादेव एप का मालिक बता रहा है। असीम दास के बारे में कहा जा रहा है कि वो छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं के साथ लाइजनिंग का काम करता था। असीम दास के अलावा, ED ने महादेव एप के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस के एक कांस्टेबल भीम यादव को भी गिरफ्तार किया है। भीम यादव पिछले तीन साल में कई बार दुबई जा चुका है और उसका सारा खर्च रैपिड ट्रैवल्स नाम की कंपनी उठाती थी। ये कंपनी भी महादेव ऐप से जुड़ी है।
ED का कहना है कि असीम दास और भीम यादव, दोनों ही महादेव एप केस के मोस्ट वांटेड, शुभम सोनी के संपर्क में थे। असीम दास और भीम यादव की गिरफ़्तारी के बाद, शुभम सोनी ने अपना एक रिकॉर्डेड वीडियो बयान जारी किया। इसमें शुभम सोनी ने कहा कि वो महादेव एप का असली मालिक है। शुभम सोनी ने दावा किया कि उसे दुबई जाने के लिए भूपेश बघेल ने कहा था। महादेव एप के केस में अभी तक 3033 बैंक खातों की जांच हुई है। एक हज़ार 35 खाते फ्रीज किए जा चुके है। इनमें साढ़े पन्द्रह करोड़ रुपए जमा हैं। 191 लैपटॉप और 858 फोन जब्त किए गए हैं। दावा तो ये किया जा रहा है कि ये घोटाला कई हजार करोड़ रु. का है। चूंकि खुद को महादेव एप का मालिक बताने वाले शख्स ने और गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने सीधे-सीधे भूपेश बघेल का नाम लिया है, इसलिए चुनाव के बीच कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भूपेश बघेल सारे इल्जामात को बीजेपी की चुनावी साजिश बता रहे हैं। बघेल ने कहा कि महादेव एप के खिलाफ जांच उन्होंने शुरू की, 72 केस दर्ज किए, डेढ़ साल में साढ़े चार सौ लोगों को गिरफ्तार किया। लैपटॉप और फोन छत्तीसगढ़ पुलिस ने जब्त किए। बघेल का दावा है कि एप का मालिक दुबई भाग था। इसलिए उन्होंने केन्द्र सरकार से मदद मांगी। दुबई भाग चुके आरोपियों के खिलाफ एक्शन की मांग की। दो महीने पहले केन्द्र सरकार से इस एप को बैन करने के लिए अनुरोध किया लेकिन मोदी सरकार ने ED को उन्हीं के पीछे लगा दिया। उन्हें ही आरोपी बनाने की कोशिश की जा रही है।
भूपेश बघेल का आरोप है कि महादेव एप केस के आरोपी शुभम सोनी का जो वीडियो बयान आया है, वो बीजेपी के इशारे पर ही तैयार किया गया और बीजपी ने ही इस बयान को जारी किया। एक बात तो साफ है कि महादेव एप के केस में घोटाला तो हुआ। बेटिंग के जरिए हजारों करोड़ का खेल तो हुआ। ये खेल तीन साल से चल रहा था। भूपेश बघेल भी ये बात मानते हैं। जहां तक ED के एक्शन का सवाल है तो चूंकि मामला मनी लॉड्रिंग का है, इसलिए ED का एक्शन भी जायज है। जहां तक टाइमिंग का सवाल है तो ये भी कहना पड़ेगा कि चुनाव के वक्त ED के एक्शन से और आरोपियों के जरिए हो रहे खुलासों से भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ेंगी, बीजेपी इसका फायदा उठाएगी। बीजेपी ये कर भी कर रही है। इसलिए अगर भूपेश भघेल ये कहते हैं कि बीजेपी ED का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है,तो ये गलत नहीं है। एक ज़माना था जब सरकार चुनाव के मौके पर इस तरह के एक्शन लेने से डरती थी।।उन्हें लगता था कि कहीं जनता इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई ना समझे। जिस पर एक्शन हो, उसे कहीं सहानुभूति न मिल जाए। पर मोदी सरकार की सोच अलग है। वो करप्शन के ऐसे मामलों में निर्मम है। चुनाव होते हैं तो एक्शन और ज़ोर से होता है। ये राजस्थान में भी देखने को मिला। चुनाव के बीचों-बीच पेपर लीक घोटाले से अशोक गहलोत परेशान हैं। (रजत शर्मा)