स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. सबसे पहले मैं आपसे भारत की शान, देश के मुकुट, कश्मीर की बात करना चाहता हूं. जिस कश्मीर घाटी में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सन्नाटा हुआ करता था, कर्फ्यू लगता था, वहां लोगों का हुजूम है, सबके हाथों में तिरंगा लहराता हुआ दिखाई दे रहा है. जहां अलगाववादी नारे सुनाई देते थे, वहां 'भारत माता की जय' के उद्घोष सुनाई दे रहे हैं. श्रीनगर से लेकर अनंतनाग, पुलवामा से लेकर शोपियां तक हर जगह तिरंगे की धूम है. पूरे भारत में रविवार से हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत हुई है औऱ कश्मीर ने दिखा दिया कि तिरंगा फहराने, लहराने में वहाँ के लोग किसी से पीछे नही है. जहां से बंद की कॉल दी जाती थी वहाँ मौसम बदल चुका है.
श्रीनगर में, डल झील से लेकर लाल चौक तक हर तरफ तिरंगा शान से लहरा रहा है. लोग आजादी का जश्न मना रहे हैं. आज कश्मीर घाटी में भारत का झंडा लेकर घूमने में किसी को कोई डर नहीं है, जिन घरों के नौजवान भटक कर आतंकवादी बन गए थे, उनके घरों में भी तिरंगा लहराता दिखाई दिया. ये जवाब है उन दुश्मनों को जिन्होंने कश्मीर को अलगाववाद के रास्ते में धकेला था. ये जवाब है उन नेताओं को, जो कहते थे कि अगर कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा तो तिरंगा थामने वाला कोई हाथ नहीं मिलेगा. आज कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटे चार साल हो चुके हैं लेकिन तिरंगा थामने वाले हाथों की कोई कमी नहीं है.
सोपोर में हिज्बुल के एक आतंकवादी के भाई रईस मट्टू ने अपने घर पर तिरंगा लहराया. ये अपने आप में बहुत खास घटना है, बहुत बड़ा संदेश देती है. रईस मट्टू अकेले नहीं हैं जिनके घर का सदस्य आतंकवादी हो औऱ वो अपने घर पर तिरंगा लहरा रहे हों. ऐसी ही तस्वीर किश्तवाड़ से भी आई. किश्तवाड़ के दच्चण इलाके में 20 लाख रुपये के इनामी आतंकवादी मुदस्सर हुसैन के घर पर तिरंगा फहरा. मुदस्सर हुसैन के पिता तारिक हुसैन ने कहा कि उनका बेटा राह भटक गया है.मुदस्सर हुसैन 2018 में घर से भागकर हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था, कई आतंकी घटनाओं में उसका नाम आया इसलिए सरकार ने उस पर 20 लाख रुपये का इनाम रखा है लेकिन उसके माता-पिता चाहते हैं कि वो लौट आए और सरेंडर कर दे. मुदस्सर के पिता कह रहे हैं कि कश्मीर के हर घर में तिरंगा लहराना चाहिए.
वादी में इस बार हर घर, ऑफिस, सरकारी संस्थाओं और प्राइवेट इंस्टीट्यूट पर तिरंगा पूरी शान से लहरा रहा है और सबसे अच्छी बात ये है कि सरकार की तरफ से कोई दबाव नहीं है. लोग खुद आगे आकर अपने घर और संस्थाओं पर तिरंगा लगा रहे हैं क्योंकि इनको कश्मीर में आया बदलाव दिखाई दे रहा है. अगस्त 2019 में जब कश्मीर से धारा-370 खत्म की गई थी तो कई तरह की आशंकाएं जताईं गई लेकिन आज वो सभी डर, सभी आशंकाएं गलत साबित हुई. कश्मीर में अब रिकॉर्ड संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. आतंकवादी वारदात में कमी आई है. लोगों में आतंकियों का खौफ कम हुआ है. यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों में लगे हैं.
अनंतनाग पीडीपी नेता महबूब मुफ्ती का इलाका है. यहां के स्पोर्ट्स स्टेडियम में बड़ी संख्या में लोग हाथ में तिरंगा लिये पहुंचे. महबूबा मुफ्ती कहती थीं कि अगर कश्मीर से धारा-370 खत्म की गई तो घाटी में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा, लेकिन आज देखिए उन्हीं महबूबा मुफ्ती के जिले अनंतनाग में सबके हाथ में तिरंगा है और शान से लहरा रहा है. कश्मीर घाटी के हर इलाके से तिरंगा यात्रा की ऐसी ही तस्वीरें आ रहीं है. शोपियां एक समय आतंकियों का गढ़ था. शोपियां में कई सौ मीटर लंबी लाइन वाली तिरंगा यात्रा निकली. सबसे खास बात ये है कि इस तिरंगा यात्रा में महिलाओं और लड़कियों की तादाद भी अच्छी खासी है..आप गौर से देखेंगे तो पुरुषों से ज्यादा महिलाएं ही दिखीं. शोपिंया, अनंतनाग वो इलाके हैं,जहां 14 और 15 अगस्त यानी पाकिस्तान और भारत की आज़ादी के दिन आम तौर पर बंद की कॉल दी जाती थी. किसी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए इंटरनेट बंद किया जाता था. लेकिन इस बार यहां ऐसा कुछ नहीं है.
पुलवामा में हजारों लोग 'मेरी माटी, मेरा देश' तिरंगा रैली में शामिल हुए..पुलवामा के वुमेंस डिग्री कॉलेज में निकाली गई इस तिरंगा रैली के दौरान लोगों में देशभक्ति और राष्ट्रवाद का जोश देखने को मिला. रैली में बड़ी तादाद में नौजवान, स्कूल और कॉलेज के छात्र शामिल हुए. ये वही पुलवामा है जहां फरवरी 2019 में हुए आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे, लेकिन अब पुलवामा 4 साल पुरानी उन कड़वी यादों को भुलाकर आगे बढ़ चुका है. अब यहां लोग आतंकवाद के खौफ में नहीं जीते बल्कि तिरंगा लेकर बड़ी तादाद में बाहर निकलकर आज़ादी का जश्न मनाते हैं. श्रीनगर में डल झील के पास कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से बॉटिनिकल गार्डन तक तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस तिरंगा रैली में शामिल होने के लिए श्रीनगर से ही नहीं बल्कि अलग-अलग जिलों से लोग पहुंचे. करीब ढाई किलोमीटर लंबे रूट में निकली इस रैली में इतने लोग शामिल थे कि देखने वाले भी हैरान रह गए. एक तरफ सड़क पर तिरंगा यात्रा निकल रही थी, दूसरी तरफ डल झील में नाव चला रहे लोग भी तिरंगा लेकर चल रहे थे.
कश्मीर में पिछले कुछ साल में जो हालात बदले हैं, उसमें यहां के LG मनोज सिन्हा का भी अहम रोल रहा है. मनोज सिन्हा लोगों की चिंता करते हैं, सबसे मिलते हैं, उनकी समस्याएं सुनते हैं. इसकी वजह से वो लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब रहे. सोमवार शाम को श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक में क्लॉक टावर (घंटा घर) का उद्धाटन किया गया. श्रीनगर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस क्लॉक टावर को बनाया गया है. इस क्लॉक टावर को भी तिरंगे की रोशनी से नहलाया गया . एक समय में लाल चौक श्रीनगर का सबसे तनावग्रस्त इलाका माना जाता था लेकिन अब ये क्लॉक टावर यहां घूमने आने वालों के लिए एक नया आकर्षण केंद्र बन गया है. कश्मीर में ये बदलाव अदभुत है. कुछ साल पहले इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि यहां गली गली में तिरंगा लहराता हुआ दिखाई देगा. कश्मीर के लोगों का भरोसा जीतना आसान काम नहीं हैं. इसके लिए पिछले 4 साल में जबरदस्त कोशिश की गई. लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में सहूलियतें बढ़ाने की कोशिश हुई. स्कूलों में ,सड़कों पर,अस्पतालों में, पानी -बिजली में सुधार दिखाई देने लगा. लोगों को तरक्की होती दिखाई देने लगी. इससे यकीन बढ़ा. लोगों ने देखा कि साल भर में करीब 1 करोड़ 90 लाख सैलानी कश्मीर आए. कश्मीर में सैलानियों के आने का मतलब है लोकल लोगों को रोजगार, उनकी कमाई, उनकी समृद्धि, लेकिन ये अभी शुरुआत है.
ऐसा नहीं कहा जा सकता कि कश्मीर में सबकुछ ठीक ठाक है. अभी भी दहशतगर्दी की आग कहीं न कहीं दबी हुई है. अभी भी अविश्वास की चिंगारियां सुलगी हुई हैं. पड़ोसी मुल्क में बैठे हैंडलर्स की हरकतें बंद नहीं हुई हैं. इसलिए आज कश्मीर में जो दिखाई दिया वो एक शुरुआत है. कश्मीर की तरक्की वहां के लोगों के बगैर नहीं हो सकती. कश्मीर में अमन चैन वहां के लोगों का भरोसा जीते बिना कायम नहीं हो सकता. जख्म गहरे हैं, भरने में वक्त लगेगा लेकिन आज कश्मीर की घाटी में तिरंगा लहराते देख पूरे देश को गर्व हुआ. इस बात का यकीन हुआ कि हमने कश्मीर में तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ना शुरु कर दिया है. पत्थर उठाने वालों के हाथ में तिरंगा है. और पूरे देश को विश्वास हुआ है कि वो दिन दूर नहीं जब हमारा कश्मीर फिर से जन्नत बनेगा. (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 14 अगस्त, 2023 का पूरा एपिसोड