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Rajat Sharma’s Blog : नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के राज़

नरेंद्र मोदी दिन-रात काम में लगे रहते हैं। चाहे सरकार चलाने का काम हो, बीजेपी के संगठन का काम हो, या फिर चुनाव लड़ने का, हर जगह मोदी फ्रंट से लीड करते हैं।

Written By: Rajat Sharma
Published on: July 30, 2022 16:31 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

देश की जनता का सियासी मिजाज भांपने के लिए हमने एक राष्ट्रव्यापी ओपिनियन पोल किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि अगर आज लोकसभा चुनाव कराए जाएं तो कौन सी पार्टी जीतेगी। इंडिया टीवी-मैट्रिज ओपिनियन पोल ने यह अनुमान जताया है कि अगर अभी लोकसभा चुनाव कराए जाएं तो एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलेगा। 

सर्वे में उत्तरी, पश्चिमी, मध्य और उत्तर-पूर्वी भारत में एनडीए की बड़ी जीत का अनुमान है। वहीं क्षेत्रीय और गैर-बीजेपी दल दक्षिण के राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में बेहतर प्रदर्शन करेंगे जबकि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत का सिलसिला जारी रहेगा। यही इस पूरे ओपिनियन पोल का संक्षिप्त निष्कर्ष रहा। 

अगर लोकप्रियता की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी-भी अव्वल हैं। 48 फीसदी लोगों की पसंद के साथ उन्होंने राहुल गांधी, ममता बनर्जी और विपक्ष के अन्य नेताओं को पीछे छोड़ दिया है। यह सर्वे मैट्रिज न्यूज ने 11 जुलाई से 24 जुलाई के बीच 34 हजार लोगों के बीच किया जिसमें करीब 20 हजार पुरुष और 14 हजार महिलाएं शामिल हुईं। 

ओपिनियन पोल में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए को लोकसभा की कुल 543 में से 362 सीटें जीतने का अनुमान जताया गया है। अगर यही ट्रेंड्स चुनाव तक बना रहा तो नरेंद्र मोदी इतिहस रच सकते हैं। वे जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर सकते हैं। क्योंकि अबतक सिर्फ जवाहरलाल नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 में लगातार तीन लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की है। आमतौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा होने तक किसी भी नेता या पार्टी के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी (सत्ता विरोधी) लहर शुरू हो जाती है, लेकिन मोदी के मामले बिल्कुल उल्टा है। सांप्रदायिक तनाव, महंगाई और बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों के बावजूद उनकी लोकप्रियता की रेटिंग लगातार बढ़ रही है।

अगर आज लोकसभा चुनाव कराए जाएं तो इंडिया टीवी-मैट्रिज ओपिनियन पोल के मुताबिक पार्टी के आधार पर सीटों का ब्यौरा कुछ इस प्रकार रह सकता है। 

एनडीए-362 सीटें (बीजेपी-326, जेडीयू-14, शिंदे शिवसेना-11, अन्य-11), यूपीए-97 सीटें (कांग्रेस-39, डीएमके-25, एनसीपी-6, आरजेडी-4, ठाकरे शिवसेना-3, अन्य-20)। वहीं 'अन्य' जिसमें क्षेत्रीय दल और निर्दलीय भी शामिल हैं, उन्हें 84 सीटें (तृणमूल कांग्रेस-26, वाईएसआर कांग्रेस-9, टीआरएस-8, आम आदमी पार्टी-5, समाजवादी पार्टी-2 अन्य और निर्दलीय-24) सीटें मिल सकती हैं। 

ओपनियन पोल का यह अनुमान साफ तौर पर बताता है कि यह लीडरशिप का असर है। पार्टी का नेतृत्व किसके हाथ में है, नेता कितना मजबूत है और उसकी छवि कैसी है, इस पर पार्टी का प्रदर्शन निर्भर करता है। सर्वे में इसका असर दिख रहा है। राहुल गांधी की लीडरशिप में कांग्रेस का ग्राफ 2014 के बाद से लगातार गिर रहा है। सर्वे के हिसाब से कांग्रेस न्यूनतम आंकड़े तक पहुंचने का रिकॉर्ड बनाएगी। खास बात यह है कि इस दौरान कोरोना जैसी ग्लोबल महामारी आई, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से तेल संकट भी पैदा हुआ। इसके बावजूद मोदी की अगुवाई में एनडीए अपनी सीटें बढ़ा रहा है। 

मोदी की बढ़ती लोकप्रियता को लेकर राज्यसभा में सदन के नेता और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ग्लोबल लेवल पर इतने संकट आने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह हालात को संभाला, कोरोना के दौरान गरीबों तक राशन पहुंचाया, उसकी वजह से उन्होंने देश की जनता के दिल को छुआ है। और यही वजह है कि एनडीए सरकार पहले से ज्यादा मजबूत हुई है।

मोदी कैसे विपक्षी दलों के नेताओं को पछाड़ने में कामयाब रहे और देश के नंबर वन नेता बन गए, इसका जवाब पाने के लिए किसी सर्वे की जरूरत नहीं है। ममता बनर्जी, शरद पवार, के. चन्द्रशेखर राव और देवेगौड़ा जैसे तमाम नेता सार्वजनिक मंचों से कई बार कह चुके हैं कि मोदी का मुकाबला कोई अकेला नहीं कर सकता। विपक्षी दलों को मिलकर मोदी से लड़ना होगा। 

लगभग सभी विपक्षी दल यह मान चुके हैं कि मोदी इस समय भारत के सबसे बड़े, सबसे ताकतवर और सबसे लोकप्रिय नेता हैं, सर्वे तो सिर्फ इस बात पर मुहर लगाता है और इसकी पुष्टि करता है। नरेन्द्र मोदी के विरोधी भी मानते हैं कि मोदी ने पिछले आठ साल में देश की राजनीति में अपना कद इतना बढ़ा लिया है कि कोई दूर-दूर तक उनके मुकाबले में दिखाई नहीं देता। ऐसा एक भी नेता नजर नहीं आता जो उन्हें चुनौती देने की क्षमता रखता हो। 

मोदी की इस लोकप्रियता का राज क्या है ? 

मुझे लगता है कि इसका सबसे बड़ा राज है मोदी की मेहनत। नरेंद्र मोदी दिन-रात काम में लगे रहते हैं। चाहे सरकार चलाने का काम हो, बीजेपी के संगठन का काम हो, या फिर चुनाव लड़ने का, हर जगह मोदी फ्रंट से लीड करते हैं। जाहिर है जो भी यह सब करेगा उसे अथक परिश्रम करना पड़ेगा। न आराम का टाइम होगा और न मनोरंजन का। मैंने अपने चालीस साल के करियर में इतनी मेहनत करने वाला दूसरा नेता नहीं देखा। 

मोदी की सफलता का दूसरा राज यह है कि उन्होंने गरीबों और दलितों के लिए जो योजनाएं बनाई और चलाई, उससे लोगों में भरोसा पैदा हुआ है। मोदी से पहले नेताओं और सरकारों से सिर्फ वादे मिलते थे, लेकिन नरेन्द्र मोदी की सरकार में जब लोगों को घर, राशन, रसोई गैस, बिजली, पानी और सड़कें मिलीं तब लोगों को लगा कि एक नेता है, वो जो कहता है उसे पूरा करता है। जाहिर है कि ऐसे नेता का जनता सपोर्ट क्यों नहीं करेगी? ये सारी बातें हमारे सर्वे में रिफलैक्ट होती हैं, जिसे हमने शुक्रवार को इंडिया टीवी पर प्रसारित किया।  

मोदी को देश का सबसे लोकप्रिय नेता बताने के कुछ अन्य कारण भी हैं। पहली बात, लोगों को यह भरोसा है कि नरेन्द्र मोदी कट्टर देशभक्त हैं और उनके हाथों में देश सुरक्षित है। 

दूसरी बात, मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले लोगों को लगता था कि नेता ईमानदार नहीं होते हैं। राजनीति में सिर्फ भ्रष्टाचार है। लेकिन मोदी के आने के बाद उनके 8 वर्षों के शासन में लोगों के मन में यह भरोसा पैदा हुआ कि ईमानदारी से भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चल सकती है। लोगों को नरेन्द्र मोदी की ईमानदारी पर रत्ती भर भी शक नहीं है। 

तीसरी बात, देश के हिन्दू समाज को लगता है कि मोदी के कारण तुष्टिकरण का काम बंद हो गया है। अब यह दिखाई देता है कि दूसरी पार्टियों के नेता भी मंदिर जाते हैं, पूजा करते हैं, जनेऊ दिखाते हैं और खुद को अच्छा हिंदू बताते हैं। 

चौथी बात, मोदी की तीसरी आंख हर वक्त अपने राजनितिक विरोधियों पर रहती है। मोदी के पास एक सशक्त टीम है जो विरोधियों को ठिकाने लगाने के काम में दिन-रात लगी रहती है। 

पांचवीं बात, बाकी पार्टियों के मुकाबले बीजेपी के नेताओं-कार्यकर्ताओं को अपने एक लीडर पर पूरा विश्वास है। न पार्टी में कोई दूसरा पावर सेंटर है, न सरकार में कोई समानान्तर लीडरशिप है। बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता मानते हैं कि मोदी ही उन्हें जिता सकते हैं और मोदी ही सरकार चला सकते हैं। इंडिया टीवी के सर्वे में जो दिखाई देता है वो इन सारी बातों का असर है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 29 जुलाई, 2022 का पूरा एपिसोड

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