कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक वीभत्स घटना में मंगलवार की रात बीजेपी युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेट्टरू की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई। बेल्लारे में प्रवीण की चिकन शॉप है और इसी दुकान के बाहर तीन बदमाशों ने प्रवीण हमला किया। प्रवीण अपनी दुकान बंद करके घर लौट रहे थे।बदमाशों ने कुल्हाड़ी से हमला किया और प्रवीण की जान ले ली।
ऐसी खबरें है कि प्रवीण की हत्या के बाद हत्यारे बाइक से पड़ोसी राज्य केरल भाग गए। हत्यारे जिस बाइक पर थे उस पर केरल का नंबर प्लेट था। इस लोमहर्षक हत्याकांड के बाद बुधवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। पथराव की घटनाएं हुईं और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इतना ही नहीं लोगों के अंदर आक्रोश इतना ज्यादा था कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील भी इससे बच नहीं पाए। उनकी गाड़ी पर भी हमला हुआ। इस घटना के विरोध में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा भी दिया।
कर्नाटक पुलिस इस पूरे मामले की जांच में लगी हुई है। इस वीभत्स हत्याकांड के पीछे छिपे मंसूबों को तलाश रही है। वहीं बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं का आरोप है कि प्रवीण नेट्टरू को अपने फेसबुक पेज पर 29 जून को लिखे पोस्ट के चलते इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले का शिकार होना पड़ा। प्रवीण ने अपने फेसबुक पोस्ट में राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या की निंदा की थी।
प्रवीण ने अपने फेसबुक पोस्ट में बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी का समर्थन किया था। वहीं पुलिस प्रवीण हत्याकांड की जांच अन्य एंगल से भी कर रही है। पुलिस का तर्क है कि 19 जुलाई को बेल्लारे में मसूद नाम के युवक पर हमला हुआ और 21 जुलाई को उसकी मौत हो गई थी। जिन लोगों पर मसूद पर हमले का आरोप है उनमें कुछ प्रवीण के परिचित हैं। मसूद केरल के कासरगोड का ही रहने वाला था। प्रवीण के हत्यारे जिस बाईक से आए उसपर केरल का नंबर था और हत्या के बाद हत्यारे कासरगोड की तरफ ही भागे हैं। इसीलिए पुलिस को लग रहा है कि हो सकता है प्रवीण की हत्या मसूद की हत्या का बदला हो।
एडिशनल डीजीपी (कानून-व्यवस्था) आलोक कुमार ने कहा, 'हम इस मामले में इन दोनों एंगल के अलावा अन्य सभी एंगल पर भी गौर कर रहे हैं। हम उन सभी चीजों पर नजर रख रहे हैं जो सार्वजनिक तौर पर सामने आए हैं। उन सभी तथ्यों पर गौर कर रहे हैं जिसके चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया।'
अभी तक जो भी सबूत सामने आए हैं उससे इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं रह गया है कि प्रवीण के हत्यारे केरल से आए थे और वे हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वापस भाग गए। कर्नाटक पुलिस ने हत्यारों को पकड़ने के लिए केरल पुलिस से सहयोग की मांग की है। छह टीमें इस केस को सुलझाने में जुटी हैं और अभी तक 15 लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ा गया है।
दक्षिण कन्नड़ जिले के स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता अपने नेताओं से बेहद नाराज़ हैं। राज्य बीजेपी अध्यक्ष नलिन कुमार कटील जिस गाड़ी से पहु्ंचे थे, उसे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पलट दिया। बीजेपी कार्यकर्ता यह सवाल कर रहे थे कि कर्नाटक में बीजेपी सरकार के सत्ता में होने के बावजूद कैसे प्रवीण नेट्टारू जैसे लोकप्रिय युवा नेता की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई? नलिन कुमार कटील प्रवीण नेट्टरू के परिवार से मिलकर सांत्वना देने पहुंचे थे। लेकिन हजारों लोगों की भीड़ ने उनकी गाड़ी को घेर लिया। हालात ऐसे बन गए कि नलिन कुमार को प्रवीण के परिवार से मिले बिना ही वापस लौटना पड़ा।
प्रवीण के पार्थिव शरीर को भगवा कपड़े में लपेटा गया। उनके अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग जुटे। ज्यादातर लोग भगवा कपड़े पहने हुए थे और भगवा झंडे लिए हुए थे। प्रवीण के पार्थिव शरीर पर फूल बरसाए गए और प्रवीण जिंदाबाद के नारे लगाए गए। बेल्लारे, पुत्तूर, सुल्या और कडाबा में बंद का आह्वान किया गया। बुधवार को वहां स्कूल और कॉलेज बंद रहे।
सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिए जिले में सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी को तैनात किया गया है। राज्य बीजेपी महासचिव सी.टी. रवि ने कहा कि कर्नाटक सरकार जिहादियों को सबक सिखाएगी और हत्यारों को छोड़ा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों में कई हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने वादा किया कि प्रवीण के हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कियह हत्या एक पूर्व नियोजित षडयंत्र का हिस्सा लग रहा है। बीजेपी कार्यकर्ताओं और हिंदू संगठनों ने इस निर्मम हत्या के पीछे एसडीपीआई (SDPI) और पीएफआई (PFI) का हाथ होने का आरोप लगाया है।
हिंदू संगठन श्रीराम सेना के नेता प्रमोद मुतालिक ने यह सवाल उठाया कि आखिर बीजेपी की सरकार PFI को बैन क्यों नहीं कर रही है? संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ-साफ कहा कि शुरुआती रिपोर्ट में प्रवीण की हत्या के पीछे SDPI और PFI का हाथ सामने आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां PFI और SDPI की गतिविधियों को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे ऐसे संगठनों का हौसला बढ़ रहा है।
अब सवाल यह है कि दक्षिण कर्नाटक में बीजेपी के समर्थक अपनी ही सरकार से इतने नाराज क्यों हैं ? वे बेल्लारे में प्रवीण की हत्या को मुस्लिम कट्टरपंथियों से क्यों जोड़ रहे हैं? दरअसल कर्नाटक में इस तरह के मामलों की एक लंबी फेहरिस्त है। इसी साल 22 अप्रैल को चन्द्रू नाम के 22 साल के लड़के की हत्या कर दी गई थी । इसके बाद कलबुर्गी में 25 साल के दलित युवक विजय कांबले की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि वह एक मुस्लिम लड़की से शादी करने वाला था। इससे पहले 20 फरवरी को शिवमोगा में बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की बेरहमी से हत्या हुई थी। हर्षा की हत्या इसलिए हुई क्योंकि वह हिन्दुओं के मसले को जोर-शोर से उठाता था। इसीलिए प्रवीण की हत्या पर कर्नाटक के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
मुझे लगता है कि इस तरह की घटनाएं कर्नाटक की बीजेपी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। बीजेपी नेता सी.टी. रवि की यह बात सही है कि जब कांग्रेस की सरकार थी उस वक्त भी इस तरह की घटनाएं हो रही थीं, लेकिन बीजेपी ने लोगों को सुरक्षा देने का वादा किया था। सबको सुरक्षा की गारंटी दी थी। इसलिए अब उस गारंटी को पूरा करना होगा। वरना इसी तरह लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी। इस्लामिक कट्टरपंथी पहले से ही नूपुर शर्मा का समर्थन करनेवालों का सिर काटने की धमकी दे रहे हैं। इसलिए कर्नाटक पुलिस को चौकन्ना रहना चाहिए। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 28 जुलाई, 2022 का पूरा एपिसोड