लखनऊ में बने देश के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में नमाज पढ़ने के मामले को लेकर हैरान करने वाली हकीकत सामने आई है। कुछ लोग शॉपिंग मॉल में खरीदारी करने की बजाय सिर्फ नमाज पढ़ने गए थे। मॉल के अंदर कुछ लोगों का एक ग्रुप अचानक दाखिल हुआ, उन लोगों ने नमाज पढ़ी, नमाज का वीडियो बनाया और मॉल से बाहर निकलने से पहले उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। दरअसल, ये लोग मॉल में खरीददारी करने के लिए नहीं आए थे। मॉल के अंदर नमाज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर इनका मकसद सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था।
शुक्रवार को लखनऊ पुलिस ने मॉल मैनेजमेंट की ओर से शिकायत मिलने पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की । पुलिस ने आईपीसी की धारा 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर किया गया कार्य), धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 341 (किसी को गलत तरीके से रोकना), धारा 505 (समाज में वैमन्सय पैदा करने के उद्देश्य से झूठ प्रसारित करना ) के तहत केस दर्ज किया है।
मॉल के अंदर ओपेन एरिया में नमाज अदा करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा भी सामने आ गई। उसने मॉल के अंदर हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करने की धमकी दी। अखिल भारत हिंदू महासभा ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) स्थित लुलु ग्रुप और मॉल के मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। अखिल भारत हिंदू महासभा ने कहा कि यह राज्य सरकार के उस फैसले का उल्लंघन है जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर नमाज की अनुमति नहीं दी गई है। मॉल मैनेजमेंट द्वारा हिंदू संगठन के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया गया। बातचीत के बाद हिंदू संगठनों ने मॉल के अंदर हनुमान चालीसा पढ़ने की धमकी वापस ले ली।
संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बड़े बिजनेस समूह लुलु ग्रुप के मालिक एम.ए युसुफ अली हैं। युसुफ अली भारतीय हैं और केरल के त्रिशूर के रहनेवाले हैं। इस बात के साफ संकेत मिले हैं कि युसुफ अली और उनके शॉपिंग मॉल को बदनाम करने के लिए जानबूझकर मॉल के अंदर नमाज अदा की गई थी। लखनऊ पुलिस ने कहा, ऐसा लगता है कि सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए जानबूझकर ऐसा काम किया गया।
अब सवाल यह है कि एक बिजनेस ग्रुप को बदनाम करने से किसे फायदा होगा? मुसलमानों के लिए फख्र की बात होनी चाहिए कि यूपी में देश का सबसे बड़ा मॉल दुनिया के बड़े मुस्लिम कारोबारी ने बनाया, जिसकी गिनती संयुक्त अरब अमीरात के बड़े व्यापारियों में होती है और जिसने खाड़ी में हजारों भारतीयों को नौकरी दी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई को लुलु शॉपिंग मॉल का उद्घाटन किया। यह भारत का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल है। उद्घाटन के दो दिन बाद 13 जुलाई को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग मॉल के अंदर नमाज पढ़ रहे थे। इसके बाद लखनऊ में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
इंडिया टीवी रिपोर्टर विशाल प्रताप सिंह ने बताया कि जब विवाद बढ़ा तो लखनऊ पुलिस ने मॉल में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। पता चला कि नमाज पढ़ने वाला ग्रुप सबसे पहले एंट्री गेट पर दिखा। इसके बाद वे सीधे सीढ़ियों की तरफ गए। ज्यादातर दुकानें पहली मंजिल पर ही हैं लेकिन ये लोग पहली मंजिल पर नहीं रुके।
इस ग्रुप के सभी सातों लोग दूसरी मंजिल पर गए। दूसरी मंजिल पर फूड कोर्ट और बच्चे के लिए स्पोर्ट्स एरिया है। दो-तीन इलेक्ट्रॉनिक्स के शो रूम भी हैं। ये लोग सीधे इलेक्ट्रॉनिक्स के शो रूम के पास वाली खाली जगह पर पहुंचे और नमाज पढ़ने लगे। इनलोगों ने नमाज पढ़ने का वीडियो बनाया और फिर नमाज पढ़ने के बाद सीधे ग्राउंड फ्लोर पर आए और मॉल से बाहर निकल गए। सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि इस ग्रुप का इरादा शॉपिंग या कोई और काम नहीं बल्कि नमाज अदा करने का वीडियो बनाने का था।
पुलिस अब उन सात लोगों के साथ ही उस शख्स की भी पहचान की कोशिश में जुटी हुई है जिसने नमाज का वीडियो बनाया। पुलिस सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो का क्रम भी खंगालने की कोशिश कर रही है।
मॉल के जनरल मैनेजर समीर वर्मा ने कहा-मॉल के अंदर अब प्रमुखता से यह नोटिस लगाया गया है कि यहां किसी भी किस्म की धार्मिक प्रार्थना की इजाजत नहीं है। वर्मा ने कहा-नमाज अदा करने वाले मॉल के कर्मचारी नहीं थे। उन्होंने कहा, 'हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक प्रार्थना की अनुमति नहीं देने की सरकार की नीति का पालन करेंगे।'
असल में मॉल के उदघाटन के सिर्फ 48 घंटे के बाद ही विवाद हो गया, उसी वक्त मुझे शक हुआ कि कुछ तो गड़बड़ जरूर है। यह मामला उतना सीधा नहीं है जितना दिख रहा है। क्योंकि लुलू मॉल कोई साधारण मॉल नहीं है। यह देश का सबसे बड़ा मॉल है। यह 22 लाख स्क्वॉयर फीट एरिया में फैला हुआ है। 2000 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। फूड कोर्ट में 1500 लोगों के एक साथ बैठकर खाने का इंतजाम है। तीन हजार गाड़ियों के पार्किंग की जगह है। इस मॉल में 11 थिएटर हैं और यह सबसे कम वक्त में बनकर तैयार हुआ है।
केरल में जन्मे एम.ए. युसुफ अली लुलु ग्रुप के प्रमुख हैं। यूसुफ़ अली ने बहुत कम उम्र में अपने चाचा का रिटेल का बिजनेस संभाल लिया था। कारोबार को बढ़ाने के लिए वो अबू धाबी चले गए थे। वर्ष 2021 में फ़ोर्ब्स मैग्ज़ीन में यूसुफ अली दुनिया के सबसे अमीर कारोबारियों में 38वें नंबर पर थे।
युसुफ अली के लुलु ग्रुप का कारोबार 22 देशों में फैला हुआ है। उनके ग्रुप में 57 हजार से ज़्यादा लोग काम करते हैं। युसुफ यूनाइटेड अरब अमीरात के सबसे कामयाब कारोबारियों में गिने जाते हैं। 2021 में युसुफ अली को अबू धाबी के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें पद्मश्री और प्रवासी भारतीय पुरस्कार भी दिया जा चुका है।
पिछले महीने 4 जून को लखनऊ में हुई इन्वेस्टर्स समिट में एम. ए. यूसुफ़ अली ने यूपी में 2500 करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया। वे लखनऊ के अलावा वाराणसी और प्रयागराज में भी शॉपिंग मॉल बनाने जा रहे हैं। लखनऊ में बना लुलू मॉल, इस ग्रुप का भारत में पांचवां मॉल है। यूसुफ़ अली के ग्रुप ने इससे पहले कोच्चि, बेंगालुरू और तिरुवनंतपुरम में भी लुलू मॉल बनाए हैं। लखनऊ के मॉल का उद्घाटन 10 जुलाई को योगी आदित्यनाथ ने किया था। उद्घाटन के बाद यूसुफ़ अली ने कहा था कि बिजनेस के लिए योगी ने जो माहौल बनाया है उससे निवेशकों का हौसला बढ़ा है।
युसूफ अली अबू धाबी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने दुबई और अबू धाबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, तब से वो UAE और अन्य खाड़ी देशों के साथ रिश्ते बेहतर बनाने में जुटे हैं। मोदी चार बार UAE का दौरा कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री के साथ हुई मुलाकात में यूसुफ़ अली ने भारत में इन्वेस्टमेंट बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूपे कार्ड योजना की तारीफ़ की और बताया कि उन्होंने इस कार्ड को हर उस देश में लागू करने का फ़ैसला किया है जहां उनका कारोबार है। यूसुफ़ अली ने प्रधानमंत्री को ये भी बताया कि वो कश्मीर में भी बड़ा निवेश करने की सोच रहे हैं।
मुझे लगता है कि लखनऊ के लुलु मॉल में जो हुआ वो जानबूझ कर नमाज़ और सुंदरकांड के नाम पर हिंदू-मुस्लिम विवाद खड़ा करने के लिए किया गया। यह सब इस मॉल को बनाने वाले यूसुफ अली को मुसीबत में डालने के लिए किया गया। यूसुफ अली इसलिए निशाने पर आए क्योंकि वो नरेन्द्र मोदी के मुरीद हैं।
यूसुफ अली दुनिया के 22 देशों में हाईपर मार्केट और शॉपिंग मॉल चलाते हैं। यूसुफ़ अली ने भारत के बाहर, सबसे ज़्यादा भारतीय लोगों को नौकरी दी है। इसी वजह से नरेंद्र मोदी उनसे काफ़ी प्रभावित हुए। पीएम मोदी जब भी संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए वह सार्वजनिक तौर पर यूसुफ अली से बात करते दिखाई दिए। इस साल जून महीने में जब नरेन्द्र मोदी इन्वेस्टर समिट का उद्घाटन करने लखनऊ गए थे तो यूसुफ़ अली ने उन्हें बनारस और प्रयागराज में बनने वाले शॉपिंग मॉल के बारे में बताया था।
मोदी ने भी कई बार यूसुफ अली के इंडिया में निवेश को लेकर उनकी तारीफ की है। लगता है यही तारीफ यूसुफ अली को भारी पड़ गई। उन्हें बदनाम करने और विवादों में डालने के लिए उनकी मॉल में नमाज का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया और फिर सुंदर कांड पढ़ने वाले भी मैदान में उतार आए।
अगर वक्त रहते यूपी पुलिस ने एक्शन नहीं लिया होता तो बात बिगड़ सकती थी। लेकिन यूसुफ अली का संबंध सिर्फ इंवेस्टमेंट और मॉल से नहीं है। UAE और सऊदी अरब में उनका बड़ा कारोबार है, काफी रसूख है। इस वजह से यूसुफ अली भारत और खाड़ी देशों के बीच में एक मजबूत कड़ी हैं। मुझे लगता है कुछ लोगों को ये बात अच्छी नहीं लगी इसीलिए सोची-समझी साजिश की गई। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 15 जुलाई, 2022 का पूरा एपिसोड