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Rajat Sharma's Blog | चीन में कोरोना क़हर: भारत पूरी तरह अलर्ट

चीन पूरी दुनिया को सिर्फ दर्द बांट रहा है। इसने पहले कोरोना को लेकर झूठ बोला उसके बाद जब हालात खराब हुए तो कोरोना वायरस फैलने की बात मानी। पूरे चीन में लॉकडाउन लगा दिया। यह भी आरोप लगे कि चीनी अधिकारियों ने बाकी दुनिया से तथ्यों को छिपाने के लिए गुप्त रूप से शवों का निपटान किया।

Written By: Rajat Sharma
Published on: December 21, 2022 19:06 IST
Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog on Covid in China- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma

चीन में कोविड-19 के एक नए वेरिएंट के बड़े पैमाने पर फैलने की खबरों के बीच केंद्र ने आज लोगों को तत्काल प्रभाव से भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी। केंद्र ने चीन से भारत आने वाले सभी हवाई यात्रियों की स्क्रीनिंग का भी आदेश दिया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में  कोविड के संभावित संकट से निपटने की रणनीति तैयार की। मंडाविया ने बाद में ट्वीट किया: “COVID अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी को अलर्ट रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। हम किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं।"

नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल के प्रमुख डॉ. वी. के. पॉल ने लोगों से कहा कि घबराएं नहीं क्योंकि पर्याप्त टेस्ट किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें, हैंड सैनिटाइजर का दोबारा इस्तेमाल शुरू करें और भीड़ से बचें।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के लिए गाइडलाइंस में अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आज मांग की कि केंद्र को चीन से सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को तुरंत बंद कर देना चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार की रात सभी राज्य सरकारों को एक सर्कुलर जारी कर किसी भी नए वेरिएंट की जांच के लिए पॉजिटिव कोविड मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग करने का निर्देश दिया। अपने पत्र में, उन्होंने लिखा, ''भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) नेटवर्क के माध्यम से कोरोना के खतरनाक वैरिएंट को ट्रैक करने के लिए पॉजिटिव केसों के सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग कराना जरूरी है।''

चीन, जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और ब्राजील में अचानक बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने कहा, "इस तरह की कवायद (जीनोम सीक्वेंसिंग) देश में नए वेरिएंट का समय पर पता लगाने में सक्षम होगी और इसके लिए आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने की सुविधा प्रदान करेगी।”

केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि कोविड के सभी पॉजिटिव मामलों के सैंपल हर रोज़  नामित INSACOG जीनोम सीक्वेंसिंग लैब को भेजे जाएं। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस तरह के लैब नियुक्त किये गये है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा, भारत ने अबतक अपनी पांच स्तरीय रणनीति - टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट, वैक्सीन और कोविड की रोकथाम से जुड़े आचरण  की मदद से कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने में सफल रहा है। इस वक्त देश में हर सप्ताह कोरोना के करीब 1200 केस आ रहे हैं।

मंगलवार की रात अपने प्राइमटाइम शो 'आज की बात' में हमने चीन के अस्पतालों के कॉरिडोर, फ्यूनरल पार्लर और इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों के बाहर पड़े सैकड़ों शवों के वीडियो दिखाए। हालांकि चीनी अधिकारी कोविड से संबंधित मौतों की संख्या को कम करके आंकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ये दृश्य उनके दावों को झुठलाते हैं। चीन के अस्पताल भरे हुए हैं और नए कोविड मरीजों के लिए बेड उपलब्ध नहीं है। हालात इतने खराब है कि कोरोना के मरीजों को हॉस्पिटल्स के बाहर गाड़ियों में ही सलाइन ड्रिप चढ़ाई जा रही है।

ऐसा लग रहा है कि चीन में महामारी नियंत्रण से बाहर हो गई है, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने कहा है कि केवल सांस की बीमारी से होने वाली मौतों को ही कोविड संबंधित मौतों के रूप में गिना जाएगा। यह वाकई अजीब है। चीन “जीरो कोविड नीति” लागू करने वाला पहला देश था। चीन ने दावा किया कि उसने पहली कोविड वैक्सीन सिनोवैक बनाई है। उसने दावा किया कि उसने अपनी 90.2 फीसदी आबादी को इस वैक्सीन की डबल डोज दी है।

चीन ने दावा किया कि इस साल 21 नवंबर तक उसने 346 करोड़ 40 लाख 9,039 कोविड डोज दी। और फिर भी, यह इस नई लहर के प्रकोप को रोकने में विफल रहा। सूत्रों ने कहा, सिर्फ 17 दिसंबर को राजधानी बीजिंग में 2,700 मरीजों की मौत कोरोना से हुईं। बीजिंग में सभी विद्युत शवदाह गृह शवों के अंतिम संस्कार के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।

सबसे हैरानी की बात यह है कि हालात खराब होने के बावजूद चीनी अधिकारियों ने कोविड से संबंधित सभी प्रतिबंध हटा दिए हैं। सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें सामान्य रूप से चल रही हैं। अस्पतालों में सांस के लिए हांफते मरीजों और कॉरिडोर में पड़े शवों के दृश्य वाकई चिंताजनक हैं। यह महामारी की एक ताजा सबसे घातक लहर की शुरुआत हो सकती है। WHO के अधिकारियों को वायरस के नए वेरिएंट के बारे में जानकारी नहीं है जो चीन में फैल रहा है। चीनी अधिकारी तथ्य और आंकड़े छिपा रहे हैं।

'आज की बात' शो में हमने चीन के ज़ुहाई शहर के एक हॉस्पिटल के कॉरिडोर में स्ट्रेचर पर पड़ी लाशें दिखाईं। अस्पताल की मोर्चरी में शव रखने के लिए जगह नहीं बची है। ये दृश्य घातक डेल्टा वेरिएंट की यादें ताजा करते हैं, जिसने पिछले साल भारत में लाखों लोगों की जान ली थी। डेल्टा या ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में नया वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। कुछ ही घंटों में मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है।

राजधानी बीजिंग के सबसे बड़े विद्युत शवदाह गृह बाबा-ओशान में कोविड से मरने वालों के परिजनों को टोकन दिया जा रहा है। श्मशान घाट के बाहर कोविड मरीजों के शव ले जाने वाली कारों और अन्य वाहनों की लंबी लाइनें लगी हैं। कुछ रिश्तेदारों ने कहा, शवों अंतिम संस्कार के लिए 20-20 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। चूंकि चीनी मीडिया सरकार द्वारा नियंत्रित है, इसलिए सही तस्वीर सामने आना मुश्किल है। ज्यादातर खबरें हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान के अखबारों से आ रही हैं। टेस्टिंग सेंटर्स के बाहर टेस्ट कराने के लिए लंबी लाइनें लगी हैं।

अधिकांश मेडिकल स्टोर्स में कोविड के इलाज के लिए जरूरी दवाएं खत्म हो गई हैं। जहां पर दवाएं उपलब्ध है वहां लंबी लाइनें लगी हैं। हैरानी की बात ये है कि ऐसे हालात में भी सरकार ने कुछ शहरों में लॉकडाउन हटा लिया है। वुहान से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैला वहां हालात अब भी खराब हैं लेकिन सरकार ने वुहान से लॉकडाउन हटा लिया है।

कोरोना की ताजा लहर सवाल उठाती है कि क्या चीनी कोविड वैक्सीन सिनोवैक प्रभावी है? चीनी अधिकारी बाहर के एक्सपर्ट्स को उचित मूल्यांकन करने की अनुमति नहीं देते हैं। ऐसा हो सकता है कि चीनी वैक्सीन असरदार साबित न हुआ हो। कुछ विशेषज्ञों ने दावा किया कि सिनोवैक वैक्सीन की तीन डोज भी ओमिक्रॉन वेरिएंट को फैलने से नहीं रोक सकीं। हालांकि चीन ने दावा किया है कि उसने कोरोना की नई नेज़ल वैक्सीन बनाई है जो कोरोनावैक से करीब 15 गुना ज्यादा असरदार है लेकिन ये दावा कितना सही है इसकी जांच होना बाकी है।

चीन पूरी दुनिया को सिर्फ दर्द बांट रहा है। इसने पहले कोरोना को लेकर झूठ बोला उसके बाद जब हालात खराब हुए तो कोरोना वायरस फैलने की बात मानी। पूरे चीन में लॉकडाउन लगा दिया। यह भी आरोप लगे कि चीनी अधिकारियों ने बाकी दुनिया से तथ्यों को छिपाने के लिए गुप्त रूप से शवों का निपटान किया। चीन से सिनोवैक के टीके लेने वाले देशों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अभी तक चीन ने ना तो ये बताया कि उसने अपने कितने नागरिकों को वैक्सीन दी है। न ये बताया कि वैक्सीन कितनी प्रभावी है। चीन ने यूएन की टीम को भी चाइनीज वैक्सीन की टेस्टिंग का इजाजत नहीं दी।

इसके विपरीत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड महामारी से निपटने के लिए एक समन्वित रणनीति अपनाई इसलिए भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह अभी भी पता नहीं है कि कौनसा वेरिएंट चीन से भारत में प्रवेश कर सकता है। यही वजह है कि देशभर में जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है।

ये बात पूरी दुनिया जान गई है कि चीन दुनिया को सिर्फ टेंशन दे सकता है, जबकि भारत के पास समाधान है। चीन केवल बाकी दुनिया को वायरस भेज सकता है, और भारत बाकी दुनिया को उस वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन भेजता है। चीन सिर्फ बीमारी फैलाता है, इलाज सिर्फ भारत ही देता है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 19 दिसंबर, 2022 का पूरा एपिसोड

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