Friday, November 22, 2024
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Rajat Sharma’s Blog : ‘भारत’ नाम रखना हमारी संस्कृति, मान्यता के अनुरूप होगा

भारत हमारी विरासत है,आज भी जब घर में कोई पूजा या हवन होता है तो संकल्प लेते वक्त जम्बूद्वीपे..भारतखंडे ही कहा जाता है.तमाम ग्रन्थों में हिन्द महासागर से लेकर हिमालय के दक्षिण तक के भू-भाग को भारत ही बताया गया है. इसलिए भारत नाम से किसी को आपत्ति कैसे हो सकती है ?

Written By: Rajat Sharma
Updated on: September 06, 2023 18:54 IST
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।- India TV Hindi
Image Source : इंडिया टीवी इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

पूरे देश में इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है कि क्या हमारे देश का औपचारिक नाम सिर्फ भारत होना चाहिए? क्या इंडिया नाम को अब भूल जाना चाहिए? अभी संविधान में हमारे देश के दो नाम हैं - इंडिया और भारत लेकिन मंगलवार को राष्ट्रपति भवन के आमंत्रण में पहली बार ‘ प्रेसीडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया. इसके कारण पूरे देश में ये बहस शुरू हो गई कि नरेन्द्र मोदी की सरकार अब संविधान से इंडिया शब्द हटा देगी, अब हमारे देश का एक ही नाम होगा- भारत, हालांकि सरकार की तरफ से कोई  बयान नहीं आया है, लेकिन जैसे ही राष्ट्रपति भवन की तरफ से भेजे गए इन्विटेशन नेताओं को मिले तो मोदी सरकार के तमाम मंत्रियों ने इसे ट्विटर पर पोस्ट कर दिया. G-20 की मीटिंग के दौरान राष्ट्राध्यक्षों  के सम्मान में आयोजित डिनर के लिए राष्ट्रपति भवन के इन्विटेशन में सबसे ऊपर लिखा है – ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत’, जबकि इससे पहले लिखा जाता था ‘प्रेसीडेंट ऑफ इंडिया’. तमाम मंत्रियों ने इसी इन्विटेशन को ‘भारत माता की जय’ के कमेंट के साथ पोस्ट किया तो विरोधी दलों ने हंगामा खड़ा कर दिया. कांग्रेस ने यहां तक कह दिया कि इस तरह की कोशिश एक डरे और सहमे हुए तानाशाह की सनक है. शरद पवार, ममता बनर्जी, एम के स्टालिन, जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी, अरविन्द केजरीवाल, तेजस्वी यादव से लेकर मनोझ झा तक सभी ने  कहा मोदी इंडिया एलायन्स से डर गए हैं, इसलिए अब देश का नाम ही बदलना चाहते हैं. किसी ने कहा, मोदी संविधान को खत्म करना चाहते हैं और आर्टिकल 1 में बदलाव से इसकी शुरूआत होगी. कोई कह रहा है कि संसद का विशेष सत्र इसीलिए बुलाया गया है  ताकि संविधान से ‘इंडिया’ शब्द को हटाया जा सके. इस तरह की तमाम बातें कही गई, तमाम तर्क दिए गए. अरविंद केजरीवाल ने  कहा कि चूंकि विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया है और ये नरेंद्र मोदी को बर्दाश्त नहीं है, इसीलिए वो अब देश का नाम बदलने पर आमादा हैं.  केजरीवाल ने पूछा कि अगर कल को विपक्ष ने गठबंधन का नाम भारत रख दिया, तो क्या मोदी सरकार को भारत से भी नफ़रत हो जाएगी. 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए. लिखा कि आख़िर वो आशंका सच साबित हुई, मोदी सरकार देश का नाम बदलने की तैयारी कर रही है,  ये एक सनकी तानाशाह का डर है.  शशि थरूर ने कहा कि प्रेसिडेंट ऑफ भारत कहना ग़लत नहीं है लेकिन परंपरा तो प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया लिखने की रही है, आख़िर सरकार उस परंपरा को क्यों तोड़ रही है? लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर मोदी को गुलामी के प्रतीकों से इतनी ही नफरत है तो सबसे पहले राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लाक, साउथ ब्लॉक को तोपों से उड़ा दें क्योंकि ये सब अंग्रेजों ने बनाए हैं, कहा कि मोदी सरकार ने संविधान को ख़त्म करने की शुरुआत कर दी है. जवाब में बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कहा कि कांग्रेस एक तरफ़ तो भारत जोड़ो यात्रा निकालती है, दूसरी तरफ़ प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत लिखने पर ऐतराज़ जताती है, कांग्रेस को देश के सम्मान एवं गौरव से जुड़े हर विषय से इतनी आपत्ति क्यों है? कांग्रेस  को 'भारत माता की जय' के उद्घोष से नफरत क्यों है? असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा ने कहा कि देश अमृतकाल की तरफ़ बढ़ रहा है, ऐसे में भारत नाम से गर्व का एहसास होता है.  ममता बनर्जी ने कहा कि आख़िर सरकार सब कुछ बदलने पर क्यों आमादा है? बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने  कहा कि सरकार विरोधी दलों के एकता से डर कर इस तरह की हरकतें कर रही है वरना मोदी सरकार की तमाम योजनाओं के नाम में इंडिया है. तेजस्वी ने पूछा कि बीजेपी कहां कहां से इंडिया शब्द को हटाएगी. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि देश का नाम भारत भी है और इंडिया भी, इंडिया नाम को कोई हटा ही नहीं सकता. वैसे, दिलचस्प बात ये है कि इंडिया और भारत के विवाद पर सरकार की तरफ़ से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है. 

इस मुद्दे पर सिर्फ नेता नहीं, अभिनेता और खिलाड़ियों ने भी राय जाहिर की. मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर सिर्फ चार शब्द लिखे - भारत माता की जय. सुनील गावस्कर और वीरेन्द्र सहवाग ने स्वागत किया.सहवाग ने लिखा कि अब टीम इंडिया नहीं, टीम भारत कहा जाना चाहिए. दरअसल  दो दिन पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गुवाहाटी में कहा था कि हमारे देश का नाम आदिकाल से भारत ही रहा है, इसलिए अब हमें अपने देश को भारत ही कहना चाहिए, कोई इस बात को माने या न माने, लेकिन देश को भारत के नाम से ही जाना जाना चाहिए.ये सही है कि पिछले तीन सौ सालों से दुनिया के लोग हमारे देश को इंडिया के नाम से ही जानते पहचानते हैं, क्योंकि अंग्रेजों ने हमारे देश का नाम इंडिया कर दिया था. लेकिन ये भी सही है कि तीन सौ साल बाद भी लोगों के दिलों में इंडिया की बजाय भारत ही बसता है.लोगों की जुबान पर भारत माता की जय रहता है.भारत हमारी विरासत है,आज भी जब घर में कोई पूजा या हवन होता है तो संकल्प लेते वक्त जम्बूद्वीपे..भारतखंडे ही कहा जाता है. विष्णु पुराण, स्कंद पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण, ब्रह्मांड पुराण और मार्कण्डेय पुराण जैसे तमाम ग्रन्थों में हिन्द महासागर से लेकर हिमालय के दक्षिण तक के भू-भाग को भारत ही बताया गया है. इसलिए भारत नाम से किसी को आपत्ति कैसे हो सकती है ? 

दूसरी बात, ये मुद्दा तो राहुल गांधी ने उठाया था. कहा था कि मोदी ने देश को दो भागों में तोड़ दिया है - एक इंडिया, दूसरा भारत. अब मोदी इंडिया  और भारत को  अगर एक  करने जा रहे हैं तो कांग्रेस को क्या समस्या है? अगर सरकार संविधान से इंडिया शब्द हटाती भी है, तो भारत ऐसा करने वाला कोई पहला देश नहीं होगा.अंग्रेजों ने श्रीलंका का नाम सीलोन रखा था.आजादी के बाद वहां की सरकार ने सीलोन हटाकर अपने देश का नाम श्रीलंका कर लिया. बोत्सवाना को अग्रेजों ने बेचुयाना लैंड नाम दिया था. आजादी के बाद वहां की सरकार ने अपने देश का नाम बोत्सवाना कर दिया.इसी तरह अंग्रेजों ने जॉर्डन को ट्रांस जॉर्डन नाम दे दिया था, लेकिन वहां की सरकार ने फिर अपने देश का नाम जॉर्डन कर दिया. जिसको अंग्रेज़ बर्मा कहते थे , उसको वहां के लोगों ने म्यांमार कर दिया.इसलिए अगर मोदी अब इंडिया शब्द को हटाकर देश का औपचारिक नाम भारत रखते हैं तो ये भारतीय संस्कृति और मान्यता के अनुरूप होगा.विरोधी दल सिर्फ इसलिए इसका विरोध कर रहे हैं क्योंकि थोड़े दिन पहले उन्होंने अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखा था, इसे मास्टरस्ट्रोक कहा था, ‘जीतेगा इंडिया’ का नारा दिया था, पर मास्टरस्ट्रोक लगाने का लाइसेंस सिर्फ विपक्ष के पास तो नहीं है, मोदी भी इस खेल में माहिर हैं. वैसे दिलचस्प बात ये है कि जो लोग सनातन धर्म को जड़ से खत्म करने की बात कर रहे हैं, वो  देश को इंडिया के बजाय भारत कहने का भी विरोध कर रहे हैं. (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 05 सितंबर, 2023 का पूरा एपिसोड

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