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Rajat Sharma's Blog | इमरान खान पर हमला : पाकिस्तान में बिगड़ सकते हैं हालात

इस कातिलाना हमले का असर आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सियासत पर दिखाई देगा। यह एक नए खतरे का संकेत है। इस मामले में जिस तरह की बयानबाजी हो रही है वो और भी खतरनाक है।

Written By: Rajat Sharma
Published : Nov 04, 2022 18:46 IST, Updated : Nov 04, 2022 18:46 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

पाकिस्तान में तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने जुमे की नमाज के बाद देशव्यापी प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में किया गया। इस हमले में इमरान बाल-बाल बच गए। पूर्व क्रिकेटर इमरान खान के दोनों पैरों में गोलियां लगी हैं। इस्लामाबाद से करीब 200 किमी दूर वजीराबाद के अल्लाह वाला चौक पर गुरुवार दोपहर एक बंदूकधारी ने इमरान और उनके समर्थकों पर अंधाधुंध फायरिंग की थी।

इमरान खान कंटेनर ट्रकों और अन्य वाहनों के एक बड़े काफिले के साथ 'लॉन्ग मार्च' पर इस्लामाबाद की ओर जा रहे थे। वह कंटेनर की छत पर खड़े होकर अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे, तभी अचानक गोलियां चलने लगीं। दरअसल, इमरान खान और उनकी पार्टी जल्द से जल्द संसदीय चुनाव कराने की मांग कर रही है। 

हमला करनेवाले शख्स मोहम्मद नावेद को इमरान खान के समर्थकों ने अपने काबू में ले लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में उसने कैमरे पर बताया कि वह केवल इमरान खान को मारना चाहता है। उसने इमरान को निशाना बनाकर फायरिंग की तभी भीड़ में मौजूद एक इमरान समर्थक ने उसे पीछे से पकड़ लिया। इस बीच हाथापाई के दौरान स्वचालित पिस्टल से कई राउंड गोलियां चल गईं। फायरिंग में मुअज्जम नवाज नाम के व्यक्ति की मौत हो गई जबकि इमरान समेत 7 लोग घायल हो गए। घायलों में सांसद फैसल जावेद, सिंध के पूर्व गवर्नर इमरान इस्माइल, अहमद चट्ठा और उमर डार भी शामिल हैं। ये सभी पीटीआई के नेता हैं। 

हमला होते ही पीटीआई चीफ इमरान खान को तुरंत सुरक्षा गार्ड्स ने चारों तरफ से घेर लिया। उनके पैर में पट्टी बांधी गई और बुलेट प्रूफ कार में उन्हें लाहौर के शौकत खानम अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनके पैर का ऑपरेशन किया गया। डॉक्टर फैसल सुल्तान के मुताबिक उनके पैरों में गोलियों के टुकड़े थे और उनकी टांग की टिबिया शिन (Tibia Shin) हड्डी में गोली का एक टुकड़ा फंसा था। गोली के टुकड़े को निकालने उन्हें ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया। वह अब खतरे से बाहर हैं। पीटीआई नेता सीमी बोखारी ने कहा-' इमरान खान का हौसला बुलंद है और वे पूरी तरह से अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्हें जल्द छुट्टी दे दे जाएगी।'

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान खान पर हमला करनेवाला शख्स नशे का आदी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने 9 एमएम ऑटोमैटिक पिस्टल के साथ 46 गोलियां खरीदी। उसने पहले एक मस्जिद की छत का इस्तेमाल करने की कोशिश की लेकिन असर की नमाज के चलते पुलिस ने उसे रोक दिया। इसके बाद वह मौके पर पहुंचा और फायरिंग से पहले उसने इमरान के समर्थकों से लाउडस्पीकरों की आवाज को बंद करने को कहा। इन लाउडस्पीकर्स पर इमरान की पार्टी का एंथम बज रहा था। समर्थक इमरान खान पर फूल बरसा रहे थे। इसी बीच हमलावर ने निशाना बनाकर फायरिंग करने की कोशिश की। लेकिन भीड़ में मौजूद इमरान के अलर्ट समर्थकों ने उसे काबू में कर लिया। इस बीच जिस ट्रक पर लगे कंटेनर पर इमरान लॉन्ग मार्च निकाल रहे थे वह वजीराबाद में घटनास्थल पर ही खड़ा रहा।

पंजाब के मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही ने संबंधित थाने के एसएचओ और सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इसी थाने में हमले के तुरंत बाद हमलावर के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई और मीडिया को सर्कुलेट किया गया था। मुख्यमंत्री परवेज इलाही ने राज्य के आईजी से फायरिंग की घटना की जांच के लिए संयुक्त जांच दल गठित करने को कहा। निलंबित पुलिसकर्मियों के सभी मोबाइल फोन फॉरेंसिक ऑडिट के लिए जब्त कर लिए गए हैं।

फायरिंग की इस घटना ने पाकिस्तान को झकझोर कर रख दिया। सभी प्रमुख शहरों और कस्बों में पीटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा स्वत:स्फूर्त विरोध प्रदर्शन किया गया। इमरान खान ने आरोप लगाया कि हत्या के प्रयास की प्लानिंग प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री (आंतरिक मामलों के मंत्री ) राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के एक शीर्ष अधिकारी मेजर जनरल फैसल ने बनाई थी। इमरान खान ने अपनी पार्टी के नेता के माध्यम से एक संदेश जारी करते हुए कहा, ' अगर तीनों तीनों को नहीं हटाया गया तो जो भी परिणाम होंगे उसके लिए सरकार जिम्मेदारी होगी'। वहीं शुक्रवार को गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने साजिश के आरोपों को खारिज किया कहा, हम इमरान खान को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखते हैं, दुश्मन के रूप में नहीं। वो तो इमरान खान ही हैं जो अपने राजनीतिक विरोधियों को भी दुश्मन के रूप में देखते हैं। 

बृहस्पतिवार की रात लाहौर, पेशावर, रावलपिंडी, मुल्तान और अन्य शहरों में पीटीआई समर्थकों द्वारा आगजनी और सड़क जाम करने की घटनाएं हुईं। पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने कहा, पाकिस्तान के इतिहास में हत्याओं के काले इतिहास को गुरुवार को दोहराने की कोशिश की गई। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे पूर्व पीएम लियाकत अली खान, जुल्फिकार अली भुट्टो और बेनजीर भुट्टो को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। एक अन्य पीटीआई नेता और पूर्व मंत्री शेख रशीद ने आरोप लगाया कि यह पाकिस्तान में गृहयुद्ध शुरू करने की साजिश प्रतीत होती है। उन्होंने गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह को 'मास्टरमाइंड' बताया।

इमरान खान पर हुआ यह हमला कायराना है। यह जम्हूरियत पर हमला है, इसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है। इस कातिलाना हमले का असर आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सियासत पर दिखाई देगा। यह एक नए खतरे का संकेत है। इस मामले में जिस तरह की बयानबाजी हो रही है वो और भी खतरनाक है। इमरान खान ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और फौज पर हमले का इल्जाम लगाया है। 

मेरा आकलन है कि अब पाकिस्तान में हालात और खराब होंगे। क्योंकि इमरान खान ने कह दिया है कि अगर शहबाज शरीफ को नहीं हटाया गया तो बिगड़े हालात के लिए सरकार और सेना जिम्मेदार होगी। यानि इमरान ने अपने समर्थकों को इशारा कर दिया है कि क्या करना है। इमरान के समर्थक कह रहे हैं कि इमरान खान पाकिस्तान की मौजूदा सरकार के लिए खतरा बन गए थे। इसलिए उनकी हत्या कराने की कोशिश की गई। कुछ लोगों ने कहा कि इमरान खान ने फौज को एक्सपोज़ किया, ISI को चैलेंज किया, इसलिए इन लोगों ने इमरान को खत्म करने की कोशिश की। वहीं जो लोग सरकार के साथ हैं उनका कहना है कि इमरान पर हमले से शहबाज शरीफ को क्या फायदा हो सकता था। उनके मुताबिक इस हमले से फायदा तो इमरान खान को होगा। इसलिए इमरान ने अपने ऊपर हमले का ड्रामा करवाया। 

मुझे लगता है कि इस तरह की बयानबाजी से पाकिस्तान में हालात और भी खराब होंगे। टकराव और बढ़ेगा। ऐसा नहीं है कि ये पाकिस्तान में कोई पहली बार हुआ। मुझे याद है कि बेनजीर भुट्टो की इसी तरह हत्या से हुई थी। 27 दिसम्बर 2007 की बात है, वह भी गुरुवार का दिन था। बेनजीर भी कैम्पैन कर रही थीं, वो भी गाड़ी पर सवार थी। उन पर भी पीछे से गोली चली और वो गिर गईं। बेनजीर के हमलावर ने फायरिंग के बाद खुद को विस्फोट में उड़ा लिया। बेनजीर  के अलावा 22 अन्य लोगों की मौत हो गई थी। बिल्कुल उसी से मिलता-जुलता मंजर था। बेनजीर की हमले में मौत हो गई थी लेकिन भगवान का शुक्र है कि इमरान खान की जान बच गई। 

हैरानी की बात ये है कि बेनजीर की हत्या के बाद भी पाकिस्तान ने सबक नहीं सीखा। अब पूरे पाकिस्तान में विरोध-प्रदर्शन से हालात बिगड़ रहे हैं। इमरान खान के समर्थक जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और तोडफोड़ हो रही है। हालात सरकार और सेना के हाथ से निकल रहे हैं। इसके लिए कोई और नहीं  पाकिस्तान की सरकार, वहां की फौज और वहां की सियासी पार्टियां जिम्मेदार हैं। जब मुल्क की आवाम को अपने लीडरान पर यकीन नहीं होता, जब मुल्क भ्रष्टाचार में डूबा होता है, जब सिस्टम फेल हो जाता है तो इसी तरह के हालात बनते हैं। चूंकि पाकिस्तान हमारा पड़ोसी मुल्क है इसलिए इस वक्त भारत को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 03 नवंबर, 2022 का पूरा एपिसोड

 

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