एक तरफ दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, जयपुर और पटना में सीटों के बंटवारे को लेकर भागदौड़ जारी है, लेकिन दूसरी तरफ इन सब बातों से बेफिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण भारत में बीजेपी की ज़मीन तैयार करने में लगे हैं। मोदी मंगलवार की सुबह केरल में थे। उन्होंने पालक्काड़ में एक बड़ा रोड शो किया। मोदी के रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी। इस साल मोदी की यह पांचवीं केरल यात्रा थी। इसके बाद मोदी तमिलनाडु पहुंचे और सेलम में एक बड़ी चुनाव रैली की। तमिलनाडु में पहली बार NDA की ताकत का प्रदर्शन किया। मोदी के साथ मंच पर PMK के फाउंडर एस. रामदास, उनके बेटे अंबुमणि रामदास, AIADMK के पूर्व मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम, AMMK के नेता टी.टी.वी. दिनकरण समेत कुल पांच पार्टियों के नेता मौजूद थे। तमिलनाडु में इन सभी पार्टियों का बीजेपी का साथ गठबंधन है। सेलम की रैली में मोदी ने 11 महिलाओं को शक्ति अम्मा के रूप में सम्मानित किया। इसके बाद मोदी ने इल्जाम लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल शक्ति स्वरूपा महिलाओं का अपमान कर रहे हैं, हिंदू धर्म की जिस शक्ति पर आस्था है, इंडी अलायंस के लोग उसका खात्मा करना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि इंडी अलायंस के लोग शक्ति के विनाश की बात कर रहे हैं, लेकिन विनाश तो उन लोगों का होता है जो ऐसी बात कहते हैं।
इसके बाद मोदी ने कांग्रेस और डीएमके के भ्रष्टाचार और परिवारवाद के मुद्दे उठाए। मोदी ने कहा कि डीएमके और कांग्रेस में कोई फर्क नहीं हैं। मोदी ने कहा कि आज देश में 5जी आ चुका है लेकिन तमिलनाडु में 5जी का मतलब है एक ही परिवार की पांचवीं जेनरेशन का कब्जा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेलम की रैली में भावुक हो गए। वो बीजेपी के एक कार्यकर्ता रमेश को याद करके अचानक भावुक हो गए, बोलते-बोलते रुक गए, गला रूंध गया और आंखें डबडबा गईं। फिर मोदी ने पानी पीया और बताया कि एक वक्त था जब वो तमिलनाडु आते थे तो ऑडिटर रमेश से उनकी मुलाकात होती थी। रमेश बीजेपी के लिए तन-मन से मेहनत करते थे लेकिन उनकी हत्या हो गई। आज उनकी कमी खल रही है। 2013 में ऑडिटर रमेश की उनके घर में कुछ लोगों ने कुल्हाड़ी से निर्मम हत्या कर दी थी।
चूंकि प्रधानमंत्री मोदी ने फिर 400 पार का नारा लगाया, तमिलनाडु में लोगों का समर्थन मांगा, लोगों से तमिलनाडु के विकास के वादे किए, इसलिए MDMK के नेता वाइको ने पलटवार किया। वाइको ने कहा कि मोदी कुछ भी कहें, लेकिन तमिलनाडु के लोग उनकी बातों में नहीं आएंगे। ये सही है कि तमिलनाडु में बीजेपी का कोई खास प्रभाव नहीं रहा। जब AIADMK के साथ बीजेपी का गठबंधन था तब भी जयललिता ने बीजेपी को वहां पैर नहीं जमाने दिए। लेकिन मोदी की राजनीति बिल्कुल अलग तरह की है। वह दूर की सोचते हैं। पिछले 10 साल में उन्होंने तमिलनाडु के लोगों के दिलों को छूने की कोशिश की है। इसके बहुत सारे उदाहरण हैं। जैसे मोदी ने काशी और तमिलनाडु का संगम करवाया, हर साल तमिलनाडु के लोगों की काशी य़ात्रा करवाई। नए संसद भवन में सैंगोल रखवाया। ऐसे कई प्रतीकात्मक काम किए और अब जब वो तमिलनाडु में बोलते हैं तो AI के जरिए वहां के लोगों को तमिल में मोदी की बात सुनने को मिलती है। इन सब बातों का असर ये हुआ है कि पहली बार तमिलनाडु के लोगों को बीजेपी को जानने का मौका मिला है, मोदी के काम के बारे में पता चला है और मोदी को सुनने देखने के लिए जो भीड़ तमिलनाडु में दिखाई दी, उसने DMK के नेताओं को चौंका दिया है। लेकिन क्या ये भीड़ वोटों में तबदील होगी ? 19 अप्रैल को तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होना है और उसी दिन राज्य की जनता अपना फैसला करेगी। (रजत शर्मा)
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