लखीमपुर खीरी में बुधवार को एक शर्मनाक घटना हुई जब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने एक पत्रकार के साथ बदसलूकी की, अपशब्दों का इस्तेमाल किया, उसका कॉलर पकड़ लिया और फोन छीन लिया। पत्रकार ने टेनी से बेटे के केस को लेकर सवाल पूछा था। यह पूरी घटना कैमरे के सामने हुई और देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद लोगों के कड़े रिएक्शन सामने आने लगे।
लखीमपुर खीरी से बीजेपी सांसद टेनी तीन अक्टूबर को उस वक्त सुर्खियों में आए जब उनके बेटे आशीष मिश्रा ऊर्फ मोनू ने कथित तौर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की भीड़ पर गाड़ी चढ़ा दी थी। इस घटना और उसके बाद हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। यूपी पुलिस की एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह घटना सोची-समझी साजिश का नतीजा है। इसमें किसी तरह की लापरवाही वाली कोई बात नहीं है। एसआईटी ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले को हत्या की कोशिश के आरोपों में बदलने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी है। इस केस में मंत्री के बेटे समेत कुल 13 आरोपी फिलहाल सलाखों के पीछे हैं।
इस वीडियो में पत्रकार ने मंत्री से एसआईटी रिपोर्ट के बारे में सवाल किया और पूछा कि क्या वे इस्तीफा देंगे। इस पर मंत्री अपना आपा खो बैठे और मीडियाकर्मियों को 'चोर' कहा। टेनी को लगा कि उनके इलाके में, जनता के बीच उनसे इस तरह का सवाल पूछने की हिम्मत कैसे हुई। बस इसी बात पर टेनी ने आपा खो दिया। मंत्री ने कहा- 'बेवकूफों की तरह सवाल मत पूछो, तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या? मैं तुम्हें यहीं पीटूंगा। तुम जानना क्या चाहते हो? तुमने एक निर्दोष आदमी को फंसा दिया है। तुम्हे शर्म नहीं आती?'
जाहिर है, टेनी उन सवालों से नाराज हो गए जिनका जवाब देना उनके लिए सहज नहीं था। गुस्से में टेनी यह भी भूल गए कि वे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हैं। सवाल का जबाव देने के बजाय अजय मिश्रा टेनी ने गालियां दी और बदसलूकी करने लगे। टेनी तीन अक्टूबर से ही यह दावा कर रहे थे कि अगर उनके बेटे को दोषी पाया गया तो वह इस्तीफा दे देंगे। अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम कर रही एसआईटी ने भी कह दिया कि लखीमपुर खीरी में जो हुआ वो 'पूर्व नियोजित साजिश' थी और जानबूझकर किसानों को गाड़ी से कुचला गया। इसके बाद टेनी खुद को चौतरफा घिरा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्हें यह कहते हुए भी सुना गया - चार्जशीट पेश हुई क्या? कोर्ट ने दोषी ठहराया क्या?
मैं बता देता हूं कि चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी। कानून के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होती है और यह समय-सीमा 2 जनवरी को पूरी हो रही है। मेरी जानकारी यह है कि पुलिस अगले हफ्ते तक चार्जशीट फाइल कर देगी। तब अजय मिश्रा टेनी जबाव देने लायक रहेंगे या नहीं, यह कहना मुश्किल है। इस बीच बीजेपी नेतृत्व ने मामले को गंभीरता से लिया है और टेनी को पार्टी अध्यक्ष से मिलने के लिए तलब किया है।
टेनी को लेकर विरोधी दलों का हमलावर होना स्वाभाविक है। विपक्ष ने मंत्री को बर्खास्त करने की मांग को लेकर संसद में हंगामा किया। विपक्षी दल के नेताओं राहुल गांधी, अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी ने टेनी को बर्खास्त करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा-चूंकि मामला विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट जांच की निगरानी कर रहा है इसलिए इस मामले पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती।
ऐसा लगता है कि टेनी को इस बात की आदत पड़ गई है कि वो गलती खुद करते हैं और सजा दूसरों को देते हैं। बेटे से जुड़े सवाल पूछने पर अपशब्द कहना, धमकी देना, कैमरा बंद करा देना, दादागिरी नहीं तो और क्या है? जिस दिन लखीमपुर खीरी में किसानों के जुलूस पर गाड़ी चढ़ाई गई थी तब टेनी ने अपने बेटे का वीडियो दिखा कर कहा था कि वह तो दंगल करवा रहा था। वह मौका-ए-वारदात पर था ही नहीं। अब एसआईटी जिसमें यूपी सरकार के पुलिस के अफसर हैं, यह कहती है कि बेटा भी वहां था, गाड़ी भी मंत्री महोदय की थी तो फिर सवाल उठना तो लाजिमी है। अजय मिश्रा टेनी को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। वे केन्द्र सरकार में मंत्री हैं। एक जिम्मेदार पद पर हैं। कम से कम उन्हें अपनी सरकार और पार्टी के लिए शर्मींदगी और मुसीबत की वजह नहीं बनना चाहिए। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 15 दिसंबर, 2021 का पूरा एपिसोड