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Rajat Sharma’s Blog: हनुमान चालीसा का पाठ राजद्रोह कैसे हो सकता है?

नवनीत राणा अपनी कानूनी लड़ाई लड़ेंगी, और अदालत फैसला करेगी कि उनके खिलाफ जो आरोप लगे हैं वे सही हैं या गलत।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : April 26, 2022 17:25 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

मुंबई में हनुमान चालीसा के पाठ के मुद्दे पर हाई वोल्टेज सियासत जारी है। लोकसभा सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा फिलहाल जेल में हैं। मुंबई की एक सेशन कोर्ट ने मंगलवार को मुंबई पुलिस से जवाब मांगते हुए उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई 29 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR को रद्द करने की राणा दंपति की याचिका को खारिज कर दिया था।

हाई कोर्ट ने कहा, ‘इस तरह की घोषणा कि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के घर या किसी सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक पाठ करेगा, निश्चित रूप से दूसरे व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है...। दूसरी बात कि यदि सड़क पर कोई विशेष धार्मिक पाठ करने की घोषणा की गई है, तो राज्य सरकार की यह आशंका जायज है कि इससे कानून और व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है।’

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कहने के बाद मुंबई पुलिस ने राणा दंपति पर राजद्रोह का आरोप भी लगाया है। दिलचस्प बात यह है कि नवनीत राणा निर्दलीय सांसद हैं जबकि उनके पति रवि राणा निर्दलीय विधायक हैं। राज्य का बीजेपी नेतृत्व जहां राणा दंपति साथ खड़ा है, वहीं शिवसेना का पूरा कैडर उनके पीछे पड़ा हुआ है।

पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को सवाल किया कि क्या एक महिला सांसद को केवल इसलिए प्रताड़ित करना, उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करना न्याय संगत है क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी। जवाब में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह हनुमान चालीसा के नाम पर किसी को 'दादागिरी' नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने हमें सिखाया है कि 'दादागिरी' कैसे तोड़नी है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर कोई हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहता है, तो उसका स्वागत है, लेकिन वे इस बात पर जोर क्यों दे रहे हैं कि वे हमारे घर मातोश्री में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे?’ इसके बाद उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी पर तमाम तंज कसते हुए कहा कि ‘हमें ऐसे लोगों से हिंदुत्व सीखने की जरूरत नहीं है। हमारा हिंदुत्व गदाधारी हिंदुत्व है, लेकिन अगर आप हमारे घर में हनुमान चालीसा का पाठ करके हमें भड़काने की कोशिश करेंगे, तो हम ऐसी 'दादागिरी' को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवनीत राणा बिन बुलाए मेहमान की तरह हमारे घर आने की कोशिश कर रही थीं, 'दादागीरी' कर रही थीं, इसलिए हमने दंपति को सबक सिखाया। नवनीत राणा इस समय भायखला महिला जेल में बंद हैं जबकि उनके पति तलोजा जेल में सलाखों के पीछे हैं। नवनीत राणा ने एक शिकायत में यह भी आरोप लगाया है कि जेल अधिकारियों ने उन्हें यह कहते हुए शौचालय का इस्तेमाल नहीं करने दिया कि वह निचली जाति की हैं। फिलहाल दंपति को कुछ दिन जेल में ही रहना पड़ सकता है। उनके 2 बच्चे हैं, 10 साल की बेटी और 6 साल का बेटा, जिनकी देखभाल उनके दादा-दादी कर रहे हैं। बच्चों को न्यूज चैनल देखने नहीं दिया जा रहा है। उन्हें बताया गया है कि उनके माता-पिता किसी काम के सिलसिले में दिल्ली गए हैं।

महाराष्ट्र बीजेपी नेतृत्व पूरी तरह से राणा दंपति के साथ है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सवाल किया कि क्या दंपति के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करना न्याय संगत था। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र पर अब एक 'अहंकारी' सरकार शासन कर रही है, और बीजेपी इस तरह के शासन से लड़ना जारी रखेगी।

शिवसेना सरकार पूरी कोशिश में है कि राणा दंपति को जमानत न मिले और वे अभी कुछ और समय तक जेल में ही रहें। नवनीत राणा के खिलाफ एक नया मामला भी दर्ज किया गया है, ताकि अगर एक मामले में जमानत मिल भी जाए तो दूसरे मामले में उन्हें हिरासत में रखा जा सके। लेकिन किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि मस्जिदों से सुनाये जाने वाले अजान के जवाब में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ करने का कदम सबसे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने शुरू करवाया था।

राज ठाकरे ने सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए एक समय सीमा भी दी थी, और सीएम के आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ की इजाजत भी मांगी थी। शिवसेना सरकार ने राज ठाकरे के खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं किया। उधर, NCP की नेता फहमीदा हसन ने दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के बाहर हनुमान चालीसा, कुरान और बाइबिल पढ़ने की बात कही थी। फहमीदा हसन के खिलाफ भी कोई केस दर्ज नहीं हुआ। लेकिन उद्धव ठाकरे ने राणा दंपति के मामले में इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया, शिवसैनिकों को उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए भेजा, FIR दर्ज कराई और उन्हें जेल भेज दिया।

मेरा मानना है कि उद्धव ठाकरे को इसे इतना बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए था। हनुमान चालीसा को लेकर नवनीत राणा और उनके पति के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करना, उन्हें रातभर हवालात में रखना, वॉशरूम जाने की परमिशन न देना, कपड़े बदलने तक का वक्त न देना, अच्छी राजनीति नहीं है। मुझे याद है कि ऐसे मामलों पर बाला साहब ठाकरे की क्या राय हुआ करती थी।

आज से करीब 28 साल पहले जब बाला साहब ठाकरे मेरे शो ‘आप की अदालत’ में आए थे तो मेरे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि ‘अगर मुसलमान सड़क पर नमाज पढ़ेंगे तो फिर हम हिंदू भी सड़क पर महाआरती करेंगे।’ उन्होंने कहा ये हमने जानबूझकर किया क्योंकि मुख्यमंत्री के बंगले में नमाज पढ़ी जाने लगी थी। सोमवार रात अपने शो 'आज की बात' में हमने 'आप की अदालत' के उस हिस्से को दिखाया जहां बालासाहेब ठाकरे ने यह टिप्पणी की थी।

बालासाहब ठाकरे पक्के हिन्दुत्ववादी थे, कांग्रेस के घोर विरोधी थे और उनकी रणनीति एवं राजनीति बिल्कुल साफ थी। वह बहुत बेबाकी से अपनी बात कहते थे। लेकिन उनके बेटे उद्धव ठाकरे इन दिनों सियासी मजबूरियों का सामना कर रहे हैं। इसीलिए वह कह रहे हैं कि बालासाहब ने हमें सिखाया है कि ऐसी दादागिरी से कैसे निपटना है। सोमवरा को देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें करारा जवाब दिया। फडणवीस ने ऐलान किया कि अगर हनुमान चालीसा पढ़ना देशद्रोह है, तो बीजेपी के नेता हजारों बार ये काम करेंगे। फडणवीस ने चुनौती देते हुए कहा, ‘सरकार में हिम्मत है तो हमारे खिलाफ FIR करके दिखाए।’

शिवसेना के नेता यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि हनुमान चालीसा का विवाद उसके लिए सियासी तौर पर भारी पड़ सकता है, लेकिन उद्धव ठाकरे की मजबूरी यह है कि वह कांग्रेस और एनसीपी की मदद से मुख्यमंत्री हैं। अगर वह हनुमान चालीसा के पाठ की इजाजत देते हैं तो कांग्रेस और एनसीपी समर्थन वापस ले सकती हैं।

शिवसेना की इस कमजोरी को बीजेपी समझती है। यही वजह है कि देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटिल और नारायण राणे जैसे नेता जोर-जोर से हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। शिवसेना के के नेता दावा कर रहे हैं कि वे भी हनुमान भक्त हैं, लेकिन कानून सबके लिए बराबर है। बजरंगबली के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए। शिवसेना चाहती है कि लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा और अजान को लेकर जो विवाद हुआ है, उसपर राजनीतिक सहमति बने। सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, लेकिन बीजेपी ने इसका बहिष्कार किया। सर्वदलीय बैठक में 28 में से 13 नेता ही शामिल हुए।

हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर का विवाद सियासी है। नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे को घेरने के लिए सियासी दांव चला, और जेल में बंद हो गईं। दूसरी बात, बीजेपी का यह आरोप सही है कि राणा दंपति के खिलाफ देशद्रोह की का केस उद्धव ठाकरे के इशारे पर पर ही दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि वह इस तरह की ‘दादागिरी’ को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मतलब साफ है कि उद्धव ने नवनीत राणा की चुनौती को गंभीरता से लिया है। अब मामला कोर्ट में है।

नवनीत राणा अपनी कानूनी लड़ाई लड़ेंगी, और अदालत फैसला करेगी कि उनके खिलाफ जो आरोप लगे हैं वे सही हैं या गलत। नवनीत राणा ने जो कुछ भी किया, उससे बीजेपी और शिवसेना दोनों को फायदा हो सकता है। अगर वह आगे नहीं आतीं और राज ठाकरे इस मामले में लीड ले लेते, तो यह शिवसेना के लिए और भी मुश्किल होता। हनुमान चालीसा और अजान के विवाद में राज ठाकरे हीरो बनकर उभर रहे थे, लेकिन अब पूरा फोकस नवनीत राणा पर चला गया है और इससे बीजेपी को मदद मिल सकती है। वह बीजेपी की सदस्य नहीं हैं, लेकिन हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना को चुनौती देने के लिए बीजेपी को एक बहाना मिल गया है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार इस बात को समझ रहे हैं और यही वजह है कि एनसीपी की एक महिला नेता ने गृह मंत्री को चिट्ठी लिखकर प्रधानमंत्री आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की इजाजत मांगी है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 25 अप्रैल, 2022 का पूरा एपिसोड

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