राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अयोध्या जाकर भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन किये। हनुमानगढ़ी में बजरंगबली की पूजा अर्चना की। फिर सरयू की आरती में हिस्सा लिया। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राष्ट्रपति का ये पहला अयोध्या दौरा है। महामहिम द्रौपदी मुर्मू अयोध्या में करीब पांच घंटे रहीं। पूरे देश में राष्ट्रपति के दौरे की चर्चा हुई लेकिन हैरानी की बात ये है कि आज विपक्ष के किसी नेता ने चुनावी रैलियों में अयोध्या का जिक्र नहीं किया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह की बात नहीं की। जबकि पिछले कई दिनों से राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर अखिलेश यादव तक अपनी चुनावी सभाओं में रोज ये इल्जाम लगा रहे थे कि राष्ट्रपति को अयोध्या में रामलला के दर्शन नहीं करने दिए गए क्योंकि द्रौपदी मुर्मू आदिवासी हैं। आरोप लगाया गया कि बीजेपी के नेता दलितों और आदिवासियों के साथ भेदभाव बरतते हैं। इसलिए राष्ट्रपति को प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया। लेकिन जब राष्ट्रपति अयोध्या पहुंचीं, भक्ति भाव से रामलला के दर्शन किये तो विरोधियों की जुबान बंद हो गई। लेकिन योगी आदित्यनाथ से लेकर अमित शाह और केशव प्रसाद मौर्य तक सबने कांग्रेस और खासतौर पर राहुल गांधी को घेरा जो राष्ट्रपति का नाम लेकर बीजेपी पर हमले कर रहे थे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी राहुल गांधी से कहा कि वो झूठ और भ्रम की राजनीति बंद करें, राम की शरण में आएं, प्रभु राम उनका भी कल्याण करेंगे। न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि न सिर्फ़ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को, बल्कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्यौता दिया गया था, विपक्षी दल झूठे प्रचार कर रहे हैं, उनको राष्ट्रपति के बारे में दुष्प्रचार नहीं करना चाहिए। अयोध्या के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला किया। गुजरात के साबरकांठा की चुनावी रैली में मोदी ने कहा कि ये वही कांग्रेस है, जो कहती थी कि राम मंदिर बनेगा तो देश में आग लग जाएगी लेकिन सच तो ये है कि जब से मंदिर बना है, कांग्रेस के नेताओं के दिल में आग धधक रही है।
योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के सोलापुर में अयोध्या का जिक्र किया। कहा, आजकल राहुल गांधी और उनके साथी इसलिए परेशान हैं कि अयोध्या में भव्य रामलला का मंदिर क्यों बन गया। योगी ने कहा कि जो लोग कहते थे कि राम थे ही नहीं, जो कहते थे अयोध्या में मंदिर बना तो खून की नदियां बहेंगी, जो राम का नाम लेने में शर्म महसूस करते थे, वे सब अब अयोध्या जाने के लिए छटपटा रहे हैं। लेकिन जनता इनका सच जान चुकी है। योगी ने कहा कि कांग्रेस को न प्रभु राम माफ करेंगे, न रामभक्त। सोलापुर से कांग्रेस की तरफ से सुशील कुमार शिन्दे की बेटी परणीति शिन्दे चुनाव लड़ रही हैं। यूपीए सरकार के वक्त सुशील शिन्दे देश के गृह मंत्री थे। सुशील शिन्दे ने संसद में में खड़े होकर saffron terror (केसरिया आतंकवाद) की बात की थी। सबसे पहले सुशील कुमार शिन्दे ने ही हिंदू आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया था इसीलिए योगी ने सुशील कुमार शिन्दे के उस बयान का हवाला देकर अयोध्या की बात की।
गृह मंत्री अमित शाह भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में थे। कोरबा की रैली में अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने पहले राम का विरोध किया, फिर राम मंदिर बनने का विरोध किया, जब इससे भी मन नहीं भरा तो रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराया। अमित शाह ने कहा कि अब रामलला के ननिहाल वालों को उन्हें सबक ज़रूर सिखाना चाहिए। कल तक राहुल गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खरगे तक सारे नेता अयोध्या के मुद्दे पर खूब बोल रहे थे, बीजेपी पर इल्जाम लगा रहे थे कि राष्ट्रपति आदिवासी हैं इसलिए द्रौपदी मुर्मू को अयोध्या आने का न्योता नहीं दिया गया। लेकिन बुधवार को जब राष्ट्रपति महोदया अयोध्या पहुंच गईं तो इस मुद्दे पर चुनावी रैलियों में विपक्ष का कोई नेता नहीं बोला। सिर्फ संजय राउत ने कहा कि अब चुनावी माहौल है, बीजेपी की नजर आदिवासी वोटों पर हैं, इसीलिए मोदी सरकार ने राष्ट्रपति को अयोध्या भेजा है।
ये सही है कि राम मंदिर इस चुनाव में एक बड़ा मुद्दा है। रोज़ दोनों तरफ से इसकी चर्चा होती है। बीजेपी के नेता याद दिलाते हैं कि नरेंद्र मोदी के प्रयासों से हिंदुओं का 500 साल पुराना सपना पूरा हो सका। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना। राहुल गांधी भी राम मंदिर का जिक्र करते हैं। राहुल आजकल अपनी हर चुनावी सभा में जब दलितों की बात करते हैं, जब मोदी को आदिवासियों का दुश्मन बताते हैं तो इसी क्रम में वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी ले आते हैं। राहुल कहते हैं कि मुर्मू को मंदिर में इसीलिए नहीं बुलाया गया कि वो आदिवासी हैं। राहुल गांधी ये भूल गए कि द्रौपदी मुर्मू को, एक आदिवासी महिला को, सर्वोच्च पर आसीन करने का निर्णय नरेंद्र मोदी का ही था पर चुनाव में सब अपने अपने हिसाब से बोलते हैं। अच्छी बात ये है कि राष्ट्रपति के राम मंदिर की यात्रा को राजनीति से दूर रखा गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो बीजेपी के स्टार कैंपेनर हैं, राष्ट्रपति के साथ दिखाई नहीं दिए। लेकिन राम मंदिर अब गांव गांव में लोगों के आकर्षण का केंद्र बन चुका है। 22 जनवरी से 22 अप्रैल तक 3 महीने में दुनिया भर से डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग अयोध्या जाकर भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन कर चुके हैं और ये अपने आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। ईसाइयों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल वैटिकन सिटी को अब तक सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन स्थल जाता था। यहां साल भर में 90 लाख लोग आते हैं जबकि मुसलमानों के पवित्र स्थल मक्का में पिछले साल 1 करोड़ 35 लाख लोग उमरा करने पहुंचे थे। अंदाजा ये है कि जबतक एक साल पूरा होगा करीब 10 करोड़ लोग अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन कर चुके होंगे और ये एक ऐसा रिकॉर्ड होगा जिसको पार कर पाना किसी भी धार्मिक स्थल के लिए मुश्किल होगा। (रजत शर्मा)
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