Wednesday, March 19, 2025
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Rajat Sharma's Blog | वक्फ बिल से किन लोगों को डर है?

जंतर मंतर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदर्शन में सब ने एक सुर में कहा कि जो पार्टियां वक्फ बिल का समर्थन कर रही हैं, वे मुस्लिम विरोधी हैं, बीजेपी के साथ हैं, इसलिए मुसलमानों को ऐसी पार्टियों का बॉयकॉट करना चाहिए। कांग्रेस की तरफ से सलमान खुर्शीद, गौरव गोगोई और इमरान मसूद इस धरने में पहुंचे।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Mar 18, 2025 16:18 IST, Updated : Mar 18, 2025 16:18 IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ आर-पार की जंग का ऐलान कर दिया। ज्यादातर विरोधी दलों जैसे कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस, मुस्लिम लीग, एनसीपी, AIMIM, Left Front ने बोर्ड का साथ दिया। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि सरकार इस बिल के जरिए मुसलमानों की जायदाद छीनना चाहती है, मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है और वो इस साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे। जंतर मंतर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रदर्शन में सब ने एक सुर में कहा कि जो पार्टियां वक्फ बिल का समर्थन कर रही हैं, वे मुस्लिम विरोधी हैं, बीजेपी के साथ हैं, इसलिए मुसलमानों को ऐसी पार्टियों का बॉयकॉट करना चाहिए। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, नीतीश कुमार और चन्द्रबाबू नायडू को वो सेक्युलर मानते हैं, लेकिन उन्हें इस बात पर हैरानी है कि ये नेता भी नरेन्द्र मोदी के मुस्लिम विरोधी एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं।

कांग्रेस की तरफ से सलमान खुर्शीद, गौरव गोगोई और इमरान मसूद इस धरने में पहुंचे। सलमान खुर्शीद ने कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी के प्रबंध में अगर कमियां हैं तो वक्फ बोर्ड इन खामियों को खुद दूर करेगा। गौरव गोगोई ने कहा कि वह जेपीसी में थे लेकिन विपक्ष की बात नहीं सुनी गई, इसलिए आंदोलन का रास्ता बचा है। इस बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जो लोग सरकार पर इल्जाम लगा रहे हैं, असल में उन्होंने बिल पढ़ा ही नहीं हैं, ये लोग मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं और मौलानाओं की बातों से ये तो स्पष्ट है कि सबके अपने अपने हित हैं। वक्फ बिल से किसी को मतलब नहीं हैं। किसी को इससे फर्क नहीं पड़ता कि वक्फ बिल में है क्या, इसके प्रावधान क्या है, ये बिल किसी ने पढ़ा नहीं है क्योंकि ये अभी सामने आया ही नहीं है। ये तो सबको पता है कि देशभर में नौ लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड के पास हैं। रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि देशभर में वक्फ बोर्ड की सवा लाख करोड़ रूपए की प्रॉपर्टीज हैं और सवा लाख करोड़ की प्रॉपर्टी से साल भर में सवा करोड़ रूपए की आमदनी हुई जबकि इतनी प्रॉपर्टी से कम से कम साढ़े बारह हजार करोड़ रूपए की इनकम होनी चाहिए। अब मुस्लिम भाईयों-बहनों को सोचना है कि ये साढ़े बारह हजार करोड़ रूपए किसकी जेब में जा रहे हैं? नुकसान किसका हो रहा है? अगर वक्फ की संपत्ति से आय होगी तो वो पैसा मुसलमानों के विकास के कामों में ही लगेगा। अब सवाल ये है कि फिर इतनी हायतौबा क्यों मची है? हकीकत ये है कि अभी तक वक्फ प्रॉपर्टीज का रेगुलेशन वक्फ बोर्ड के हाथ में है, वक्फ बोर्ड्स पर गिने चुने लोगों का कब्जा है, उनकी मनमानी चलती है। अगर वक्फ कानून में संशोधन हो गया तो इन लोगों की दुकानदारी खत्म हो जाएगी। इसीलिए इतना शोर मचाया जा रहा है। जहां तक राजनीतिक दलों के नेताओं का सवाल है, तो इनमें विरोधी दलों का वोट बैंक है, इसलिए वो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ खड़े हैं। लेकिन सरकार के पास बहुमत है। बहुत से मुस्लिम संगठन, उलेमा और मौलाना वक्फ बिल के पक्ष में है। इसलिए सरकार इस बिल को संसद में लाएगी और पास करवाएगी।

VHP, बजरंग दल औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग क्यों कर रहे हैं?

नागपुर में सोमवार की रात आगजनी और पथराव की घटनाएं हुई। उग्र भीड़ ने 2 बुलडोज़र और 40 गोड़ियों को फूंक दिय़ा। देर रात तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया गय़ा। एक धार्मिक स्थल को लेकर निराधार अफवाह फैसले के बाद ये हिंसा हुई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सभी से शांति बनाये रखने की अपील की। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से कहा कि वो निराधार अफवाहों पर ध्यान न दें। महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर ज़बरदस्त सियासत हो रही है। संभाजी नगर से औरंगज़ेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने पूरे राज्य में प्रदर्शन किया। संभाजी नगर, नागपुर, नासिक, कोल्हापुर, पुणे, मुंबई समेत कई शहरों में विश्व हिन्दू परिषद-बजरंग दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और फडणवीस सरकार से महाराष्ट्र की धरती से औरंगज़ेब की निशानियों को मिटाने की मांग की। औरंगजेब की कब्र संभाजी नगर के खुल्दाबाद में है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में है। प्रशासन ने औरंगजेब के मकबरे की सुरक्षा बढ़ा दी। मकबरे की तरफ जाने वाले सारे रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई।

असल में ये सारा विवाद अबु आज़मी के औरंगज़ेब को हीरो बताने के बाद शुरू हुआ। हिन्दू संगठनों का कहना है कि जब तक महाराष्ट्र में औरंगज़ेब की कब्र रहेगी तब तक उसका महिमामंडन करने वाले लोग आते रहेंगे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि वो भी मानते हैं कि महाराष्ट्र में औरंगज़ेब की कब्र नहीं होनी चाहिए लेकिन वह क्या कर सकते हैं, 50 साल पहले कांग्रेस सरकार ने औरंगजेब की कब्र को संरक्षित घोषित कर दिया, अब उस कब्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। फडणवीस ने कहा कि कानूनी मजबूरियों के चक्कर में सरकार औरंगजेब की कब्र की हिफाजत करेगी लेकिन वो वादा करते हैं कि महाराष्ट्र में औरंगज़ेब का महिमामंडन करने की छूट किसी को नहीं दी जाएगी, जो भी ऐसा करेगा उसकी जगह जेल में होगी। देवेन्द्र फडणवीस ने पद की गरिमा के हिसाब से बात की, सरकारी दायित्व भी समझा और जनभावनाओं का भी ख्याल रखा। औरंगजेब की कब्र को देखकर भारतवासियों का खून खौलता है। महाराष्ट्र के लोगों को ये जानकर और बुरा लगता है कि छत्रपति शिवाजी के राज राजेश्वर मंदिर के रखरखाव पर सालाना सिर्फ छह हजार रूपए खर्च होते हैं जबकि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर साढ़े छह लाख रूपए खर्च होता है। एक क्रूर शासक के लिए इतना सम्मान क्यों? जहां तक सियासत का सवाल है, बीजेपी को तो ये विवाद सूट करता है। लेकिन उद्धव ठाकरे ने औरंगजेब की कब्र को संरक्षण देने की मांग करके अचरज में डाल दिया। छत्रपति शिवाजी की आराधना करने वाले उद्धव ने औरंगजेब की कब्र को मराठा शौर्य का प्रतीक बताकर चौंका दिया। लगता है कि फडणवीस का विरोध करने के चक्कर में उद्धव गलत चाल चल गए, औरंगजेब की कब्र की हिफाजत की बात कर गए।

दिल्ली पुलिस का एक अच्छा कदम

दिल्ली पुलिस ने महिलाओं के साथ छेड़खानी रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के एंटी रोमियो स्क्वॉड की तर्ज़ पर अब दिल्ली में शिष्टाचार स्क्वॉड बनेगे। दिल्ली के हर पुलिस जिले में ऐसे 2 स्क्वॉड तैनात होंगे जिसमें एक इंस्पेक्टर, एक सब-इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल और 8 कांस्टेबल होंगे। इन 8 पुलिसकर्मियों में चार महिला कांस्टेबल्स भी होंगी। शिष्टाचार स्क्वॉड पब्लिक ट्रांसपोर्ट में अचानक चेकिंग करेगा। सार्वजनिक स्थानों पर शिष्टाचार स्क्वॉड के जवान सादे लिबास में तैनात रहेंगे। अगर कोई बहन-बेटियों के साथ गलत हरकत करेगा तो उसे तुरंत पकड़ेंगे। बड़ी बात ये है कि शिष्टाचार स्क्वॉड में शामिल जवानों को ये हिदायत दी गई कि अगर कोई सार्वजनिक स्थानों पर गलत काम करेगा, तो उसके खिलाफ तुरंत एक्शन लें, लेकिन मोरल पुलिसिंग बिल्कुल न करें। दिल्ली में एंटी रोमियो स्क्वॉड एक अच्छा कदम है। छेड़खानी करने वालों को सबक सिखाना ही चाहिए। गुंडागर्दी करने वालों के दिल में पुलिस का डर होना ही चाहिए। दिल्ली में रहने वाली बहन-बेटियां सुरक्षित महसूस करें, ये पुलिस की जिम्मेदारी है। ये पूरी होनी ही चाहिए। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 17 मार्च, 2025 का पूरा एपिसोड

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