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Rajat Sharma’s Blog :मोदी और योगी ने पिछड़े वर्गों के लिए अब तक क्या किया है

पिछड़े वर्गों का समर्थन हासिल करने की एक बड़ी कोशिश के तहत बीजेपी ने बुधवार को अपना दल और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: January 20, 2022 17:04 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बुधवार को उस समय झटका लगा जब पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने बड़ी बगावत करते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया। अपर्णा यादव बीजेपी में शामिल हुईं और उन्होंने इसे राष्ट्रवादी पार्टी बताया। हाल के दिनों में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बार-बार ये कहा कि बीजेपी नफरत की राजनीति करती है, योगी और मोदी देश को बांटने की सियासत करते हैं। लेकिन अखिलेश के इन आरोपों का जवाब उनकी भाभी अपर्णा यादव ने दिया और उन्होंने योगी और मोदी की तारीफ की।

 
बीजेपी में शामिल होने के बाद अपर्णा ने कहा कि सत्ता, सरकार, सियासत, पार्टी और परिवार से देश बड़ा है। उन्होंने कहा-' मैं एक राष्ट्रवादी हूं और अब एक राष्ट्रवादी पार्टी में शामिल हुई हूं।' अपर्णा यादव यूपी की राजनीति में कोई बड़ी लीडर नहीं हैं, उनका कोई वोट बैंक नहीं हैं। लेकिन अपर्णा का बीजेपी में शामिल होने से एक बड़ा संदेश मतदाताओं के बीच गया है। बीजेपी के नेता अगर चाहते तो अपर्णा यादव की ज्वाइनिंग लखनऊ में ही करवा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अपर्णा यादव को दिल्ली में पार्टी की सदस्यता दी गई। 
 
बीजेपी में शामिल होने के बाद अपर्णा यादव ने पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और अन्य सीनियर नेताओं से मुलाकात की। बीजेपी के नेताओं से मिलने के बाद अपर्णा यादव ने कहा कि पार्टी अलग होने से रिश्ते नहीं टूटते। उन्होंने कहा कि परिवार अपनी जगह है, पार्टी अपनी जगह है। बीजेपी में होने के बाद भी बहू का कर्तव्य निभाएंगी। उन्होंने कहा-'मैं राष्ट्र अराधना के लिए निकली हूं,
राष्ट्रवादी सोच के साथ आगे बढ़ना चाहती हूं।'
 
वहीं अखिलेश यादव ने इस पर रिएक्ट करते हुए कहा-'अच्छी बात है कि जिन लोगों को समाजवादी पार्टी टिकट नहीं दे पा रही है, उन्हें बीजेपी टिकट दे रही है। मुझे खुशी है की समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है।' वहीं हाल ही में बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होनेवाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने अलग तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा-'अपर्णा यादव की एक राजनीतिक नेता के तौर पर कोई हैसियत नहीं है, वो सिर्फ एक बड़े खानदान की बहू हैं।'
 
शाम को स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य का भी रिएक्शन आ गया। संघमित्रा मौर्य बदायूं से बीजेपी की सांसद हैं। उन्होंने कहा-'मेरे पिता के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद जो लोग मुझ पर उंगलियां उठा रहे थे, उन्हें अब नए सिरे से सोचना चाहिए।'
 
संघमित्रा मौर्य ने सोशल मीडिया पर एक सियासी पोस्ट लिखा-'संस्कार शब्द अच्छा है लेकिन संस्कार है किसके अंदर ? हफ्ते भर पहले एक बेटी का पिता पार्टी बदलता है तो पुत्री पर वार हो रहा था....आज एक बहू अपने चचेरे भाई (योगी आदित्यनाथ) के साथ एक पार्टी से दूसरी पार्टी में आती है तो स्वागत। क्या इसको भी वर्ग से जोड़ा जाना चाहिए कि बेटी पिछड़े वर्ग की है और बहू अगड़े वर्ग से है? संघमित्रा ने आगे लिखा-क्या बहन-बेटी की भी जाति और धर्म होता है? अगड़ा बीजेपी में आता है तो राष्ट्रवादी और वो वोट बीजेपी को करेगा या नहीं इसपर सवाल खड़ा करना तो दूर, सोचा भी नहीं जाता, लेकिन पार्टी में रहने वाला राष्ट्रद्रोही, उसके वोट पर सवाल खड़े हो रहे ऐसा क्यों ?
 
जो बात संघमित्रा मौर्य कहना चाहती हैं वो मैं आपको साफ-साफ बता देता हूं। असल में मुलायम सिंह की छोटी बहु अपर्णा यादव शादी से पहले अपर्णा बिष्ट थी। योगी आदित्यनाथ का नाम संन्यास लेने से पहले अजय सिंह बिष्ट था। दोनों की जाति एक है। इसलिए संघमित्रा मौर्य अपर्णा को योगी की चचेरी बहन बता रही हैं लेकिन बीजेपी के नेताओं का दावा है कि योगी का अपर्णा से कोई रिश्ता नहीं हैं। अपर्णा यादव के बीजेपी ज्वाइन करने से भी ज्यादा बड़ी बात वो है जो अपर्णा ने बीजेपी के बारे में कही। उन्होंने बीजेपी को राष्ट्रवादी पार्टी बताया। इस पर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को जबाव देना मुश्किल होगा। क्योंकि वो तो हमेशा बीजेपी को नफरत फैलाने वाली पार्टी बताते हैं। अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के दूसरे नेता अब यह कहेंगे कि समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं मिला इसलिए अपर्णा को बीजेपी राष्ट्रवादी पार्टी लगने लगी। लेकिन हकीकत यह है कि 2017 में योगी सरकार बनने के बाद अपर्णा ने कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। अपर्णा ने जब गौशाला खोली तो वहां सीएम योगी आदित्यनाथ को भी बुलाया था। 
 
अखिलेश यादव राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने वाले बीजेपी और वीएचपी के लोगों को चंदाजीवी कह रहे थे लेकिन अपर्णा यादव ने राम मंदिर के लिए 11 लाख रुपए का दान दिया। इसीलिए अब बीजेपी के नेता कहेंगे कि वह राष्ट्रवादी और देशप्रेमी लोगों को पार्टी में जगह दे रहे हैं जबकि समाजवादी पार्टी दंगाइयों, अपराधियों को टिकट दे रही है। बुधवार को योगी ने कहा कि कैराना में हिन्दुओं के पलायन के ज़िम्मेदार नाहिद हसन को टिकट देकर समाजवादी पार्टी ने अपनी मानसिकता साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अपराधियों, माफिया और तमंचाजीवियों को टिकट दे रही है।
 
पिछड़े वर्गों का समर्थन हासिल करने की एक बड़ी कोशिश के तहत बीजेपी ने बुधवार को अपना दल और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया। इन दोनों दलों का पटेल और निषाद समुदायों के बीच अच्छा समर्थन है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दोनों नेताओं ने योगी आदित्यनाथ सरकार के काम की तारीफ की और कहा कि वे यूपी की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाएंगे।
 
खबरों के मुताबिक बीजेपी अपना दल को ज्यादा से ज्यादा 15 और निषाद पार्टी को 10 सीटें देगी। अनुप्रिया पटेल तो 2014 से ही बीजेपी के साथ हैं। अपना दल की कुर्मी वोटरों के बीच अच्छी पैठ है। यूपी की करीब 48 विधानसभा सीटें और 8 से 10 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर कुर्मी समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं। उधर, निषाद पार्टी का मल्लाह वोटर्स पर अच्छा असर माना जाता है। यूपी में करीब 35 सीटों पर निषादों के वोट हार-जीत पर असर डालते हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक समय ऐसा था जब यादवों और दलितों को छोड़कर ज्यादातर पिछड़े वर्ग के मतदाता बीएसपी के लिए सामूहिक तौर पर वोटिंग करते थे। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर और स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे नेताओं को अपने साथ लिया। इसका नतीजा ये रहा कि बीजेपी को विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल हुई। अब ये दोनों नेता बीजेपी से अलग होकर अखिलेश के खेमे में चले गए हैं। योगी ने अपने शासनकाल में इन दोनों नेताओं को मनमानी करने या फिर पॉलिटकल कार्ड खेलने की इजाजत नहीं दी।
 
बुधवार को संजय निषाद और अनुप्रिया पटेल दोनों सामने आए और दोनों ने नरेंद्र मोदी और योगी सरकार की तारीफ की। दोनों नेताओं ने कहा कि पांच साल में योगी सरकार ने पिछड़े वर्ग का सबसे ज्यादा ख्याल रखा। अनुप्रिया ने कहा कि मोदी सरकार में पिछड़े वर्ग के 27 नेता मंत्री हैं। नरेंद्र मोदी ने ही निषाद समुदाय की बेहतरी के लिए फिशरीज मिनिस्ट्री (मत्स्यपालन मंत्रालय) का गठन किया। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम भी नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया। कुल मिलाकर बीजेपी यूपी विधानसभा चुनाव में पिछड़े वर्गों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रही है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 19 जनवरी, 2022 का पूरा एपिसोड

 

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