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Rajat Sharma's Blog| बजट का सच: क्या इसे दो लोगों ने, दो राज्यों के लिए बनाया?

आम तौर पर बजट का विश्लेषण इस बात पर नहीं होता कि वित्त मंत्री ने किस राज्य का नाम लिया और किसे छोड़ दिया। हालांकि ये बात सही है कि निर्मला सीतारमण ने बिहार और आंध्र प्रदेश पर फोकस किया, इन दोनों राज्यों को खुश किया।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: July 26, 2024 6:31 IST
Rajat sharma, India TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

अब बजट को लेकर ज़बरदस्त राजनीति शुरू हो गई है। विरोधी दलों के सांसदों ने बजट को भेदभाव पूर्ण बताकर संसद के बाहर प्रोटेस्ट किया, फिर संसद के भीतर ये मुद्दा उठाया। सबको इस बात की तकलीफ है कि बजट में बिहार और आन्ध्र प्रदेश को ज्यादा तवज्जो क्यों दी गई। राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने इल्जाम लगाया कि ये बजट देश के विकास के लिए नहीं, मोदी सरकार को बचाने के लिए बनाया गया है, विरोधी दलों के शासन वाले राज्यों को तो छोडिए, बीजेपी शासित राज्यों को भी बजट में कुछ नहीं मिला। लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी के भाषण के दौरान खूब हंगामा हुआ। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि इस बजट को दो लोगों ने, दो लोगों की खुशी के लिए बनाया है,  इसमें 140 करोड़ लोगों के लिए कुछ नहीं है। असल में विरोधी दलों ने पहले से रणनीति तय की थी। सुबह विरोधी दलों के ज्यादातर सांसद हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर संसद परिसर में पहुंच गए और नारेबाज़ी शुरू हो गई। इस प्रोटैस्ट में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, कल्याण बनर्जी, राघव चड्डा, अरविन्द सावंत, संजय राउत, एम. तंबीदुरै, हनुमान बेनीवाल, डोला सेन जैसे INDIA गठबंधन के  नेता मौजूद थे।  

राज्यसभा में  विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बजट में निर्मला सीतारमण ने सिर्फ़ दो राज्यों पर फ़ोकस किया है, बाक़ी सभी राज्यों की अनदेखी की है। खरगे ने कहा कि जहां- जहां बीजेपी हारी है, उन राज्यों की उपेक्षा की गई है। ये तो देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। अगर ऐसा अन्याय हुआ, तो देश आगे कैसे बढ़ेगा। जैसे ही निर्मला सीतारमण खड़ी हुई, तो खरगे ने वॉकआउट का इशारा किया और विपक्ष के सारे सांसद नारेबाजी करते हुए सदन के बाहर चले गए। वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस इतने साल राज कर चुकी है, उसे अच्छी तरह पता है कि बजट भाषण में कुछ सीमाएं होती है। इसलिए, सभी राज्यों के नाम लेना मुमकिन नहीं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं होता कि किसी राज्य के साथ नाइंसाफ़ी की गई है। सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के नेता बताएं कि क्या कांग्रेस के जमाने में हर बजट में सभी राज्यों के नाम लिए जाते थे। 

सीतारमण ने कहा कि बंगाल सरकार पिछले दस साल से केन्द्र सरकार की कई योजनाओं को लागू नहीं कर रही और यहां बंगाल के साथ नाइंसाफी का आरोप लगाते हैं, ये ठीक नहीं है। हालांकि बंगाल के मसले पर राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस का कोई नेता उतने असरदार तरीके से नहीं बोला, लेकिन लोकसभा में अभिषेक बनर्जी ने करीब 55 मिनट  के भाषण  में केन्द्र सरकार पर जमकर हमले किए।  अभिषेक के भाषण  के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई बार नोंक-झोंक भी हुई। अभिषेक बनर्जी ने बजट को दो पंक्तियों में समझाया। कहा कि ये 'सबका साथ, सबका विकास' वाला नहीं, 'जो हमारे साथ, हम उसके साथ' के नारे वाला बजट है। ये बजट सिर्फ दो लोगों को खुश करने के लिए बनाया गया है,  बाकी किसी के लिए बजट में कुछ नहीं है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि चूंकि बीजेपी बंगाल में हारी है,इसलिए बंगाल के लोगों के साथ दुश्मनी निकली गई है, ये बजट संतुष्टिकरण वाला नहीं,दो लोगों के तुष्टिकरण वाला बजट है।  

अभिषेक बनर्जी ने जिस तरह के तेवर दिखाए, उसी अंदाज में समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव भी बोले।  जब धर्मेद्र यादव बोल रहे थे, तो बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने टोका-टाकी की। इस पर धर्मेंद्र यादव नाराज़ हो गए और सतीश गौतम पर एक टिप्पणी की, जिसको लेकर शोरगुल हुआ।  संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष, बजट को लेकर भ्रम फैला रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, ग़रीबों के लिए मकान, और आदिवासियों के लिए योजना किसी एक राज्य के लिए तो है नहीं, इसलिए बजट की इस आधार पर आलोचना करना ठीक नहीं कि किसी राज्य का नाम लिया। 

आज बजट पर जितने लोगों ने भाषण दिए, उनमें अभिषेक बनर्जी  का भाषण  सबसे अच्छा रहा। अभिषेक बनर्जी के तर्क जोरदार थे। उनकी बातों में दम था। उनकी कई बातों का सरकार के पास कोई जवाब नहीं था। अखिलेश यादव का फोकस यूपी के जातिगत समीकरण साधने पर था। इसीलिए उन्होंने सभी जातियों के सासंदों को बोलने का मौका दिया। ये उनकी स्वाभाविक राजनीति है। लेकिन मल्लिकार्जुन खरगे का भाषण बजट पर कम सियासत पर ज्यादा था।  वो यही बताते रहे कि जहां बीजेपी हारी, उन राज्यों को दरकिनार किया गया। आम तौर पर बजट का विश्लेषण इस बात पर नहीं होता कि वित्त मंत्री ने किस राज्य का नाम लिया और किसे छोड़ दिया। हालांकि ये बात सही है कि निर्मला सीतारमण ने बिहार और आंध्र प्रदेश पर फोकस किया, इन दोनों राज्यों को खुश किया। अगर नहीं करते तो  कांग्रेस के ही नेता नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडु को भड़काते, उनसे कहते, देखो तुम्हारे लिए कुछ नहीं किया, तुम्हें कुछ नहीं दिया। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 24 जुलाई, 2024 का पूरा एपिसोड

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