दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर पिछले तीन हफ्ते से शोर मचाय़ा जा रहा है। दिल्ली में झुग्गी झोपड़ियों, अनधिकृत कॉलोनियों को तो छोड़िए अब Lutyens' Zone में रहने वाले वीआईपी लोगों को भी पानी खरीदना पड़ रहा है। दिल्ली के वीवीआईपी इलाकों में संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट, राष्ट्रपति भवन, मंत्रियों, अफसरों, सांसदों के बंगले और फ्लैट, यहां तक कि राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग और कलावती शरण जैसे सरकारी अस्पताल भी पानी की कमी से जूझ रहे हैं। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मंगलवार को 2 टैंकर्स से पानी की सप्लाई हुई। महाराष्ट्र सदन में एक टैंकर पानी भेजा गया। मंत्रियों, सांसदों के घरों से पानी की मांग आ रही है। NDMC में आने वाले दिल्ली के पॉश इलाके गोल मार्केट, जोरबाग, बंगाली मार्केट, खान मार्केट के बंगलों और बाजारों में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है।
दरअसल NDMC एरिया को दिल्ली जल बोर्ड ही पानी की सप्लाई करता है। इस इलाके में रोजाना 125 मिलियन लीटर दैनिक पानी की सप्लाई होती है जो अब घटकर 70 से 75 एमएलडी पर आ गई है। NDMC अपने रिजर्वायर्स से पानी की सप्लाई करने की कोशिश कर रहा है लेकिन दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से उसे पानी की सप्लाई नहीं मिल पा रही है। NDMC के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि 10 साल में अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में पानी की सप्लाई को दुरूस्त करने के लिए कुछ नहीं किया, हर साल गर्मी में पानी की समस्या होती है और आम आदमी पार्टी के नेता इसका दोष हरियाणा की सरकार पर थोप देते हैं और जनता परेशानी झेलती है।
NDMC एरिया को दिल्ली के तीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स से पानी मिलता है - वजीराबाद प्लांट से संसद भवन, लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल, राम मनोहर लोहिया और कलावती हॉस्पिटल को पानी सप्लाई होता है, चंद्रावल प्लांट से राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, मंत्रियों के घरों औऱ दूतावासों के इलाके में पानी जाता है, सोनिया विहार प्लांट से खान मार्केट और NDMC की दूसरी मार्केट्स में पानी की सप्लाई होती है। वजीराबाद प्लांट से पिछले दो दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हुई है जिसकी वजह से तीन अस्पतालों में पानी की सप्लाई प्रभावित हुई हैं। संसद भवन में भी सप्लाई कम हुई है। गौर करने वाली बात ये है कि अभी संसद का सत्र शुरु नहीं हुआ है, 24 जून से सत्र शुरु होगा, उस वक्त यहां पानी का जरूरत ज्यादा होगी। एनडीएमसी का दावा है कि संसद भवन को पानी की कमी नहीं होने दी जाएगी। एनडीएमसी बोर्ड के सदस्य कुलदीप चहल ने कहा कि अगर केजरीवाल सरकार पहले से प्लानिंग करती तो ऐसे हालात न बनते। अशोक रोड, जनपथ, बंगाली मार्केट, खान मार्केट, तिलक मार्ग, जोर बाग में बड़े बड़े बंगले, दफ्तर और मार्केट हैं।
इंडिया टीवी के संवाददाता ने मंगलवार को इन इलाकों में बड़े बड़े बंगलों के सामने लोगों को पानी के टैंकर का इंतजार करते देखा। इन इलाकों में एक ही समय पानी की सप्लाई हो रही थी, लेकिन अब वो भी बंद हो गई है। कई घरों और मार्केट्स में पानी खत्म हो गया है। लोग बाजार से पानी खरीदकर काम चला रहे हैं। एनडीएमसी से पानी भेजने की गुहार कर रहे हैं। लंबे इंतजार के बाद पानी के टैंकर के जरिए घरों की टंकियां भरी जा रही हैं। मार्केट एरिया में तो हालात और बदतर हैं। दिल्ली और आसपास के इलाक़ों में जबरदस्त गर्मी पड़ रही है। दिन का तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाता है। रात को भी 40 डिग्री तक गर्मी होती है। ऐसे में पानी की कमी जानलेवा हो सकती है। इसीलिए लोग एक एक बाल्टी पानी के लिए मरने मारने को तैयार हो जाते हैं और ये हालात कई दिन से हैं। लेकिन आज सबसे बड़ी चिंता ये हुई कि अस्पतालों में जहां मरीज होते हैं और हॉस्टल्स में जहां विद्यार्थी होते हैं, वहां से पानी की कमी की खबरें आईं।
ये सच है कि सरकार को पहले से पता था कि गर्मी पड़ेगी, पानी की कमी होगी, लेकिन कोई प्लानिंग नहीं की गई। दिल्ली की सरकार हरियाणा को जिम्मेदार बताती रही, हरियाणा की सरकार सफाई देती रही। इसका नतीजा ये है कि आज दिल्ली के लोग परेशान हैं, बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर हैं और दुख की बात ये है कि ये सब देखकर भी नेताओं ने पानी के सवाल पर राजनीति करना नहीं छोड़ा। दिल्ली जल संकट पर नेता राजनीति न करें तो बेहतर रहेगा। (रजत शर्मा)
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