पहली बार ममता बनर्जी पर जनता का दबाव साफ दिखाई दे रहा है। पश्चिम बंगाल की पुलिस अब मजबूरी में संदेशखाली में महिलाओं के साथ जुल्म करने वाले, जमीनों पर कब्जा करने वाले तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने वाली है। अब तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी कहना शुरू कर दिया है कि शेख शाहजहां की गिरफ्तारी जरूर होगी, अगर किसी ने कानून के खिलाफ काम किया है, तो उसे सरकार माफ नहीं करेगी। दरअसल बंगाल पुलिस को कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को जम कर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर कोर्ट के स्टे की बात सफेद झूठ है, अदालत ने कोई रोक नहीं लगाई है, शाहजहां को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए। इसके बाद बंगाल पुलिस ने संकेत दिए कि शेख शाहजहां की गिरफ्तारी हो सकती है। इससे पहले पुलिस ने उसके एक और साथी को गिरफ्तार कर लिया है। संदेशखाली में पुलिस के खिलाफ लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। अब संदेशखाली की महिलाएं खुद कानून हाथ में ले रही हैं। संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता के घर पर आम लोगों ने सोमवार को हमला किया। जिस शंकर सरदार के घर पर हमला हुआ, वो शेख शाहजहां का करीबी है। बंगाल के राज्यपाल सी. के. आंनद बोस ने भी कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद स्थिति बिल्कुल साफ है, अगर अब भी पुलिस एक्शन नहीं लेती, शेख शाहजहां के गैरकानूनी साम्राज्य को खत्म नहीं करती, तो फिर वह जो जरूरी होंगे, वे सारे कदम उठाएंगे।
सोमवार को हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार से पूछा कि शेख शाहजहां के खिलाफ चार साल से संगीन आरोपों में कई केस दर्ज हैं, उसे अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? पुलिस अब तक क्या कर रही थी? कम से कम अब बिना देर किए पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि अब लग रहा है कि ममता की पुलिस संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के गुंडों पर नकेल कसेगी, लेकिन सवाल ये है कि आखिर पुलिस इतनी देर से क्यों जागी है? अब तक संदेशखाली के लोगों को तृणमूल कांग्रेस के नेता बीजेपी का एजेंट क्यों बता रहे थे? ममता बनर्जी संदेशखाली की महिलाओं की आपबीती को मनगढ़ंत कहानी क्यों बता रही थी? अब अचानक ममता का रुख क्यों बदला? अगर शेख शाहजहां राशन घोटाले में जांच के लिए पहुंची ED की टीम पर हमला न करवाता तो शायद ये मामला दुनिया के सामने ही न आता। ED की टीम पर हमले के बाद पूरा देश शेख शाहजहां का नाम जान गया। पैरा मिलिट्री फोर्स लगी, बीजेपी के नेताओं के दौरे हुए, कोर्ट ने दखल दिया तो संदेशखाली के लोगों को लगा कि उन्हें न्याय मिल सकता है, शेख शाहजहां के जुल्मों से छुटकारा मिल सकता है। इसलिए उसके काले कारनामे सामने आने लगे। पता चला कि संदेशखाली की ज्यादातर जमीनों पर शेख शाहजहां और उसके गुंडों ने जबरन कब्जा कर रखा है, हर परिवार से हफ्ता वसूलता है। जो शाहजहां को कट मनी नहीं देता, वो उसका राशन पानी बंद करवा देता है, सरकारी राशन से लोगों को शेख शाहजहां की परमीशन के बिना राशन नहीं मिलता है। और तो और, शेख शाहजहां के गुंडे वहां की महिलाओं और लड़कियों को उठवा लेते हैं, उनके साथ रेप किया जाता है और मुंह खोलने पर परिवार वालों की हत्या की धमकी दी जाती है।
इलाके की पुलिस शेख शाहजहां के इशारे पर चलती है। ये तमाम किस्से एक-एक करके सामने आए, लोग चिल्लाते रहे लेकिन ममता की पुलिस ने शेख शाहजहां के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। इसके बाद महिलाओं के वीडियो सामने आ गए, महिलाओं ने अपनी आपबीती सुनाई, उसके बाद भी ममता ने एक्शन नहीं लिया। अगर ममता उसी दिन एक्शन लेतीं, महिलाओं की बात को झूठ न बतातीं, शेख शाहजहां की गिरफ्तारी का आदेश देतीं, तो शायद ये मामला इतना न बढ़ता। लेकिन ममता इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश करती रहीं। जब मामला हाथ से निकल गया, ममता को लगने लगा कि मुस्लिम वोटों के चक्कर में हिन्दू वोट उनके खिलाफ हो सकता है, एक शेख के चक्कर में पूरे बंगाल में घाटा हो सकता है, तो ममता ने एक्शन की बात कही। ममता जानती हैं कि एक नंदीग्राम की घटना ने 2007 में ऐसा तूफान खड़ा किया कि बंगाल में वामपंथी दलों की जड़ें उखड़ गई थीं। नंदीग्राम को मुद्दा बनाकर ममता ने बंगाल में बड़ा बदलाव कर दिया। अब संदेशखाली नंदीग्राम न बन जाए, बीजेपी इसका फायदा न उठा ले, इसलिए ममता शेख शाहजहां के खिलाफ एक्शन लेने को मजबूर हैं। उसके खिलाफ दर्जनों केस हैं, गवाह तो हजारों में हैं, इसलिए हो सकता है अगले चौबीस घंटों में शेख शाहजहां गिरफ्तार भी हो जाए। लेकिन अब देर हो चुकी है। अब ममता की सरकार को कोर्ट में जवाब देना पड़ेगा और ममता बनर्जी को जनता की अदालत में भी सफाई देनी पड़ेगी। (रजत शर्मा)
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