नवरात्रि के पहले दिन उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ हुआ। राज्य सरकार ने इसके लिए हर जिले के हर मंदिर को एक लाख रुपये का दान दिया। विश्व हिंदू परिषद ने घोषणा की कि वह पूरे भारत में अगले 300 दिनों के लिए 100 करोड़ हनुमान चालीसा का पाठ करेगी। अयोध्या में राम मंदिर अब से 300 दिन बाद खोला जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब हनुमान चालीसा का पाठ हो रहा है। राजनीतिक दल और धार्मिक संगठन अक्सर इस तरह का आयोजन करते हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता कमलनाथ इस तरह का आयोजन अक्सर करते रहते हैं। इसी तरह गुढ़ी पाड़वा त्योहार पर बुधवार को शिवसेना (उद्धव गुट), शिवसेना (शिंदे गुट), बीजेपी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के नेता बड़ी सभाएं आयोजित की। उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का कहना है कि राजनीतिक फायदे के लिए त्योहारों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। वह सही हो सकते हैं, लेकिन आज की राजनीति में ऐसी टिप्पणी केवल दिखावटी है। लगभग सभी राजनीतिक दल अपने हितों को साधने के लिए धार्मिक सभाओं का उपयोग करते हैं। बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना की स्थापना हिंदुत्व विचारधारा पर की गई थी। जब तक वे भाजपा के साथ थे, उद्धव ठाकरे की भाषा भी वही थी। जब उद्धव ने एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाया तो उन्होंने हिंदुत्व के बारे में ज्यादा बोलने से परहेज किया। एकनाथ शिंदे इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
कश्मीर में फिर से खुल गया शारदा पीठ मंदिर
हिंदू नववर्ष के पहले दिन गृह मंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कुपवाड़ा जिले में शारदा पीठ मंदिर को जनता के लिए खोल दिया। यह पुनर्निर्मित मंदिर कश्मीर में नियंत्रण रेखा से 700 मीटर की दूरी पर स्थित है। 1947 में, पाकिस्तानी हमलावरों ने घाटी पर हमला किया था और मंदिर को जला दिया था। आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा निर्मित मुख्य शारदा पीठ पाक अधिकृत कश्मीर में 30 किमी दूर स्थित है। महबूबा मुफ्ती समेत तमाम राजनीतिक दलों ने इसका स्वागत किया है। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारतभर के प्रमुख मंदिरों को नया रूप मिला है। काशी विश्वनाथ हो, उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर हो या सोमनाथ मंदिर, ये दुनियाभर के धार्मिक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इससे इन मंदिरों के आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार का मौका मिला है। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
छुट्टियों पर राजनीति
समाजवादी पार्टी के दो सांसद एस टी हसन और शफीकुर रहमान बर्क ने सवाल उठाया है कि बुधवार को नवरात्रि के लिए संसद में अवकाश क्यों घोषित किया गया। उन्होंने कहा, अगर हिंदू नववर्ष की छुट्टी दी जाती है तो रमजान की भी छुट्टी होनी चाहिए, जो दो दिन बाद आता है। मुझे लगता है कि सपा नेताओं को इसे मुद्दा बनाने की कोई जरूरत नहीं थी। संसद पहले से ही गतिरोध का सामना कर रही है और कोई काम नहीं हो रहा है। मुद्दा हिंदू नववर्ष या नवरात्र का नहीं है। उगादी, चैती चांद, गुढ़ी पाड़वा जैसे कई त्योहार भी एक ही दिन पड़ रहे थे और सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करना चाहते थे। रमजान शुक्रवार से मनाया जाएगा। सभी धर्मों के लोगों को दूसरों को जश्न मनाने की अनुमति देनी चाहिए।
दिल्ली में लगे मोदी विरोधी पोस्टर
मंगलवार रात दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी के हजारों पोस्टर जब्त किए और तीन प्रिंटिंग प्रेस मालिकों सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया। आप नेताओं ने आरोप लगाया कि 'मोदी हटाओ, देश बचाओ' के पोस्टर इसलिए जब्त किए गए क्योंकि मोदी सरकार आम आदमी पार्टी से डरती है। दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि ये कार्रवाई G20 बैठकों की तैयारी के सिलसिले में राजधानी दीवारों को साफ सुथरा रखने के अभियान का हिस्सा थी। वहीं बीजेपी ने गुरुवार को राजधानी के कुछ हिस्सों में 'केजरीवाल हटाओ, दिल्ली बचाओ' के पोस्टर लगाए। मुझे लगता है कि पोस्टर और होर्डिंग्स लगाना, पर्चे बांटना राजनीति का हिस्सा है और इन पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। समर्थकों का मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसी गतिविधियों की जरूरत है। हालांकि आम आदमी पार्टी का यह दावा निराधार है कि मोदी सरकार इन पोस्टरों से डरती है। आम आदमी पार्टी अक्सर ऐसे आरोप लगाती है। पहले उनके नेता कहते थे कि मोदी सरकार हमारी शिक्षा नीति से डरती है, बाद में उन्होंने कहा, वह हमारे मोहल्ला क्लीनिक से डरती है, और फिर उन्होंने यह भी कहा, मोदी सरकार इसलिए डरती है क्योंकि हम गुजरात चुनाव लड़ रहे हैं । अगर आम आदमी पार्टी के नेता अक्सर इसी तरह का रोना रोते रहेंगे, तो इन बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेगा।
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