देशभर में रसोई गैस का सिलेंडर दो सौ रुपये सस्ता मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में ये फैसला लिया गया। चूंकि पिछले दो सालों से रसोई गैस का सिलेंडर लगातार मंहगा हो रहा था, LPG सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 1103 रुपये तक पहुंच गई थी, अब इस पर लगाम लगेगी। अब गैस का सिलेंडर दिल्ली में 903 रुपये का मिलेगा। चूंकि ओणम और रक्षाबंधन का त्योहार है, इसके बाद जन्माष्टमी, नवरात्र, दशहरा और दीवाली है, इसलिए त्योहारों का सीजन शुरू होने से पहले सरकार ने मंहगाई से जनता को राहत देने के लिए उपाय करने शुरू कर दिए और पहले कदम के तौर पर गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती का फैसला किया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की माताओं-बहनों को रक्षाबंधन का उपहार दिया है, इसमें किसी तरह के कोई भेदभाव नहीं हैं, हर वर्ग के लोगों को गैस सिलेंडर दो सौ रुपये सस्ता मिलेगा। इसके अलावा सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख नए कनेक्शन देने का भी फैसला किया है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि जो नए परिवार बने हैं या पिछली बार जिन परिवारों को किसी कारणवश उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं मिल पाया, अब ऐसे 75 लाख परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस का कनेक्शन, सिलेंडर, चूल्हा और कनेक्शन पाइप मुफ्त दिया जाएगा।
सरकार का ये फैसला समाज के बड़े वर्ग को राहत देने वाला है। इसीलिए जैसे ही फैसले का एलान हुआ तो इस पर सियासत शुरू हो गई। विरोधी दलों ने ये कहना शुरू कर दिया कि सरकार समझ रही है कि मंहगाई की मार झेल रही जनता चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाएगी, इसलिए सरकार ने चुनावों को देखते हुए ये फैसला लिया है। यहां एक बात बताना जरूरी है, आम लोगों को गैस सिलेंडर 200 रुपये सस्ता मिलेगा, जबकि जिन लोगों ने उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन लिया है, उन्हें गैस सिलेंडर 400 रुपये सस्ता मिलेगा क्योंकि उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ 60 लाख उपभोक्ताओं को सरकार पहले से गैस सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी दे रही है, वो जारी रहेगी। इसलिए जिन परिवारों के पास उज्ज्वला योजना का सिलेंडर है, उन्हें एक सिलेंडर 703 रुपये का मिलेगा। सरकार के इस फैसले से खज़ाने पर 7 हजार 680 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। 2014 में देश में कुल चौदह करोड़ गैस कनैक्शन थे जिनकी संख्या बढ़कर अब 33 करोड़ हो गई है। 2014 में आम लोगों को LGP सिलेंडर 410 रुपये में मिलता था लेकिन इस पर सरकार 831 की सब्सिडी देती थी। इस तरह 2014 में घरेलू सिलेंडर की कीमत 1241 रुपये थी।
नरेन्द्र मोदी की अपील पर लोगों ने गैस सिलेंडर पर सब्सिडी छोड़ दी। इसके बाद आम लोगों के लिए गैस सिलेंडर की कीमत बढ़ते-बढते 1103 रुपये तक पहुंच गई। सरकार की तरफ से कहा गया कि पिछले तीन सालों में इंटरनेशनल मार्केट में गैस के दामों में करीब 303 परसेंट की बढ़ोतरी हुई। लेकिन इसके बाद भी भारत सरकार ने गैस के दाम सिर्फ 63 परसेंट बढ़ाए और आज हर सिलेंडर की कीमत 200 रुपये कम कर दी। सरकार के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्विटर पर लिखा कि “रक्षाबंधन का पर्व अपने परिवार में खुशियां बढ़ाने का दिन होता है, गैस की कीमतों में कटौती होने से मेरे परिवार की बहनों की सहूलियत बढ़ेगी और उनका जीवन और आसान होगा। मेरी हर बहन खुश रहे, स्वस्थ रहे, सुखी रहे, ईश्वर से यही कामना है।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा कि “जब वोट लगे घटने तो चुनावी तोहफे लगे बंटने। साढे 9 साल तक 400 रु। का एलपीजी गैस सिलिंडर 1100 रुपये में बेच कर आम आदमी की जिंदगी तबाह करते रहे, तब कोई स्नेह भेंट की याद क्यों नहीं आई? भाजपा सरकार ये जान ले कि 140 करोड़ भारतीयों को साढ़े 9 साल तड़पाने के बाद चुनावी लॉलीपॉप थमाने से काम नहीं चलेगा। आपके एक दशक के पाप नहीं धुलेंगे। INDIA से डर अच्छा है, मोदीजी।”
ममता बनर्जी ने तो गैस सिलेंडर के दामों की कटौती का श्रेय विपक्षी एकता को दिया। ममता बनर्जी ने कहा कि “पिछले 2 महीने में विपक्षी इंडिया अलायंस की 2 मीटिंग हुई हैं और इसका असर ये हुआ कि सरकार ने गैस के दाम में 200 रुपये की कमी कर दी। ये है इंडिया का दम।” तेजस्वी यादव ने कहा कि जैसे-जैसे इंडिया अलायंस और मजबूत होगा, सरकार पर दबाव पड़ेगा और जनता को इसी तरह की और सहूलियतें मिलेंगी। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि कर्नाटक में जनता ने महंगाई और बेरोजगारी के कारण चुनाव में बीजेपी को खारिज किया, अब तीन राज्यों में चुनाव है, इसलिए सरकार डरी है। विरोधी दलों को जवाब दिया पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने। पुरी ने कहा कि विरोधी दलों के नेता सिलेंडर की कीमत कम कराने का श्रेय ले रहे हैं, बेहतर होगा अब ममता बनर्जी, अशोक गहलोत, अरविन्द केजरीवाल जैसे नेता अपने राज्यों में डीजल पेट्रोल की कीमतें कम कर दें। ये बात तो सही है कि सब्सिडी खत्म होने के बाद LPG सिलेंडर के दाम लोगों को परेशान कर रहे थे, इसलिए सरकार के फैसले से आम लोगों को तो राहत मिली है। जहां तक इस फैसले को लेकर हो रही सियासत का सवाल है, तो विरोधी दलों के रिएक्शन इस बात का सबूत हैं कि मोदी के इस फैसले से बीजेपी को चुनावों में फायदा होगा।
कांग्रेस ने कर्नाटक में सस्ता सिलेंडर देने का वादा किया था, उसे सफलता मिली। इसलिए राजस्थान सरकार ने चुनाव से पहले पांच सौ रुपये में सिलेंडर देने का एलान कर दिया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस यही वादा कर रही है कि अगर उसकी सरकार बनी तो पांच सौ रुपये में सिलेंडर मिलेगा। जब विरोधी दल चुनाव के मौके पर गैस के दाम कम कर सकते हैं या लोगों को सस्ते दाम पर गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का वादा कर सकते हैं, तो मोदी के इस फैसले पर वो आपत्ति कैसे कर सकते हैं? चुनाव के मौके पर लोगों को सस्ती चीजें ऑफर करने का विशेषाधिकार सिर्फ विरोधी दलों के पास तो नहीं हो सकता। इसीलिए नरेन्द्र मोदी ने रक्षाबंधन और ओणम के मौके पर सिलेंडर की कीमतों में कमी करके विपक्ष को अपनी रणनीति पर फिर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। विरोधी दलों के नेता ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी ने गैस सिलेंडर सस्ता किया वो उनके इकट्ठा होने के दबाव में आकर किया लेकिन मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी चुनावी राजनीति के चतुर खिलाड़ी हैं। वो जानते हैं कि किस मौके पर कौन सा कदम कब उठाना है। अब मुंबई में मोदी विरोधी मोर्चे की जो मीटिंग होने जा रही है, उसमें भी इस मुद्दे पर बात होगी। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 29 अगस्त, 2023 का पूरा एपिसोड