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Rajat Sharma's Blog : राहुल के लिए State तो बहाना है, असल में मोदी निशाना हैं

मुझे लगता है कि राहुल गांधी का मकसद सिर्फ और सिर्फ मोदी से लड़ना-झगड़ना है। वह इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Jan 16, 2025 16:07 IST, Updated : Jan 16, 2025 16:12 IST
Rajat sharma, INDIA TV
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर गलती कर दी। एक बार फिर देश की सबसे पुरानी पार्टी को शर्मसार किया। बुधवार को राहुल ने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई सिर्फ बीजेपी RSS से नहीं है, कांग्रेस की लड़ाई तो इंडियन स्टेट (भारत राज्य)  से है। बाद में कांग्रेस के प्रवक्ता सफाई देने लगे। इंडियन स्टेट को अपने-अपने तरीके से परिभाषित करने लगे। पर तीर कमान से निकल चुका था।

बीजेपी ने मौके को लपक लिया, राहुल के बयान को देशविरोधी बता दिया। बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कहा कि अब तो राहुल गांधी ने सरेआम साबित कर दिया है कि वो देश से नफरत करते हैं, अर्बन नक्सल की बात पहले दबी जुबान से होती थी, लेकिन अब तो राहुल गांधी ने बता दिया कि वो देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं।

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राहुल को मानसिक तौर पर दिवालिया करार दिया। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल को न तो भारत की, न ही संविधान की कोई समझ है, उनके tutor भी माओवादी हैं, इसीलिए राहुल अब माओवादियों की भाषा बोल रहे हैं।

राहुल ने जिस मौके पर ये बयान दिया वो भी ऐतिहासिक था, 40 साल बाद कांग्रेस का मुख्य कार्यालय एक नई इमारत में शिफ्ट हुआ। जब राहुल ने इंडियन स्टेट से जंग की बात कही, तो कांग्रेस के नेताओं ने तालियां बजाईं, बाद में एहसास हुआ कि गड़बड़ हो गई। जब चारों तरफ से हमले हुए तो कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी का बचाव किया। के.सी. वेणुगोपाल, सचिन पायलट, गौरव गोगोई से लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सबने कहा कि राहुल गांधी तो बीजेपी द्वारा सरकारी संस्थाओं पर कब्जे की बात कर रहे थे, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे थे।

मुझे लगता है कि राहुल गांधी का मकसद सिर्फ और सिर्फ मोदी से लड़ना-झगड़ना है। वह इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए। पिछले 10 साल में राहुल गांधी ने मोदी को हराने के लिए सब कुछ करके देख लिया। कभी अकेले लड़े, कभी पैदल चले। कुछ नहीं हुआ। सारी मोदी विरोधी पार्टियों का मोर्चा बनाया, वीडियो वॉर लॉन्च की, पर मोदी को हरा नहीं पाए।

राहुल ने क्या कुछ नहीं किया। किसानों को भड़काया, टुकड़े-टुकड़े गैंग का साथ लिया। राफैल विमानों की खरीद को लेकर भ्रष्टाचार के इल्जाम लगाए लेकिन मोदी को नहीं रोक पाए। दूसरे राउंड में राहुल ने विदेशों में जाकर भारत-विरोधी मुहिम चलाने वालों का सहारा लिया। भारत में आरक्षण, संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर की बात करके, दलित वोट हासिल करने का प्रयास किया। लेकिन इसके बावजूद मोदी चुनाव जीत गए।

इसकी वजह ये है कि राहुल मोदी को समझ ही नहीं पाए हैं। वो अपनी धुन में हैं, देख भी नहीं रहे कि मोदी किस दिशा में जा रहे हैं, राहुल गांधी को पक्का यकीन है कि मोदी चुनाव इसीलिए जीतते हैं क्योंकि मोदी का न्यायपालिका पर नियंत्रण है, चुनाव आयोग उनके हाथ में है, मोदी ED का इस्तेमाल कर नेताओं को डराते हैं। राहुल मानते हैं मीडिया मोदी के कब्जे में है। पर ये राहुल की बहुत बड़ी गलतफहमी है।

इन सारे संस्थानों पर न कोई कब्जा कर सकता है और न कब्जा करने से कोई चुनाव जीत सकता है। मोदी ने अगर चुनाव जीते तो इसके पीछे मोदी की मेहनत है, राजनीति के लिए 24 घंटे अपने आप को खपाने की ताकत है। मोदी ने पिछले 10 साल में जबरदस्त काम किया है, मुझे वो बताने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री अपने हर भाषण में अपने काम गिनाते हैं, पर राहुल गांधी और उनके साथी मोदी विरोध में इतने खोए हुए हैं कि वो कुछ भी सुनने-समझने को तैयार नहीं हैं। वे तो एक अंधेरे, काले कमरे में एक काली बिल्ली को ढूंढ रहे हैं, जबकि बिल्ली उस कमरे में है ही नहीं। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 15 जनवरी, 2025 का पूरा एपिसोड

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