सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और नैशनल टेस्टिंग एजेंसी को नोटिस भेज कर पूछा कि क्या NEET परीक्षा में कथित प्रश्नपत्र लीक या अनियमितताओं की जांच का काम सीबीआई को सौंपा जाय। कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई और बिहार सरकार से भी दो हफ्तों के अंदर जवाब मांगा है। इस याचिका के साथ कई अन्य याचिकाओं पर सुनवाई 8 जुलाई को होगी। गुरुवार को एनटीए ने कोर्ट को बताया था कि 1,563 छात्रों को ग्रेस मार्क देने का निर्णय निरस्त कर दिया गया है और इन छात्रों को दोबारा परीक्षा देने को कहा गया है। लेकिन छात्रों और उनके अभिभावकों का आरोप है कि देश में कई जगह NEET के पेपर लीक हुए थे इसलिए NEET का पूरा का पूरा इम्तहान दोबारा हो, यही एकमात्र हल है। लेकिन NTA इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि NEET के पेपर लीक हुए थे। इंडिया टीवी की टीम ने इस मामले की फिर से तहकीकात की। हमने ये जानने की कोशिश की कि छात्र पेपर लीक का जो इल्जाम लगा रहे हैं, उसकी असलियत क्या है।
पटना और गुजरात में इंडिया टीवी के रिपोर्टरों को पेपर लीक होने के पुख्ता सबूत मिले। पेपर लीक होने के आरोप सिर्फ़ मुंहज़बानी नहीं लगे बल्कि पुलिस ने FIR दर्ज की और आरोपियों को गिफ्तार कर जेल भी भेजा है। परीक्षा वाले दिन पटना के शास्त्री नगर थाने की पुलिस को ख़बर मिली की नीट के एग्जाम सेंटर के बाहर झारखंड के नंबर वाली एक गाड़ी घूम रही है। चेक करने पर उसमें कई छात्रों के एडमिट कार्ड की कॉपी मिली। परीक्षा के बाद इन चार छात्रों से पूछताछ की गई तो पता चला कि उनको एक दिन पहले पटना के एक घर में ले जाकर NEET के प्रश्नपत्र और उनके उत्तर रटाए गए थे और यही पेपर परीक्षा में भी मिला। ये प्रश्नपत्र 20-25 छात्रों को दिया गया था। पेपर आगे लीक न हो इसलिए परीक्षा से एक दिन पहले सारे छात्रों को पटना में एक किराए के मकान में रखा गया था। पेपर रटाने के बाद सबूत मिटाने के लिए उसको जला दिया गया था। नीट परीक्षा के बाद पुलिस ने आयुष कुमार, अनुराग यादव, शिवनंदन कुमार और अभिषेक कुमार नाम के चार छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ के बाद पेपर लीक करने और उसे सॉल्व करने के इल्ज़ाम में 9 और लोगों को गिरफ्तार किया गया। यानी पटना में पेपर लीक के इल्ज़ाम में कुल 13 लोग गिरफ़्तार हुए।
हैरानी की बात ये है कि पटना में NEET का पेपर लीक होने का केस 5 मई को ही परीक्षा वाले दिन दर्ज किया गया था। गिरफ़्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया। मामले की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध ईकाई के हवाले कर दी गई पर NTA अभी भी यही दावा कर रही है कि पेपर लीक नहीं हुआ। वहीं NEET देने वाले छात्र पेपर लीक का आरोप लगाकर दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। गुजरात के गोधरा का मामला तो और भी हैरान करने वाला है। यहां परीक्षा से एक दिन पहले ही सोशल मीडिया चैनल टेलीग्राम पर नीट का पेपर लीक होने का आरोप लगाया गया। पुलिस के मुताबिक़, गोधरा में एक स्थानीय बीजेपी नेता ने, एक स्कूल के प्रिंसिपल, और वडोदरा में कोचिंग चलाने वाले शख़्स के साथ मिलकर पेपर लीक कराने की साज़िश रची थी। इसमें एक स्कूल टीचर भी शामिल था, जो NEET परीक्षा का को-ऑर्डिनेटर था। नीट पास कराने का लालच देकर देश के अलग अलग राज्यों के छात्रों को गोधरा बुलाया गया। ओडिशा, झारखंड और कर्नाटक तक के छात्र परीक्षा देने गोधरा पहुंचे थे। ये काम वडोदरा में कोचिंग स्कूल चलाने वाले परशुराम रॉय नाम के एक शख़्स ने किया। उसने पेपर लीक करने के बदले में हर छात्र से 10 लाख रुपए वसूले।
गोधरा के जय जलाराम स्कूल में नीट परीक्षा का सेंटर था। इस स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा और टीचर तुषार भट्ट ने छात्रों से कहा कि उनको जिन सवालों के जवाब नहीं पता हों, उनको खाली छोड़ दें, वो आन्सर शीट एग्ज़ाम के बाद तुषार भट्ट को भरनी थी। लेकिन, इससे पहले ही नीट का पेपर लीक होने की खबर गोधरा के जिला शिक्षा अधिकारी को मिल गई। उनकी शिकायत पर पुलिस ने गोधरा के जलाराम स्कूल में छापे मारे। स्कूल के बाहर खड़ी गाड़ी में 7 लाख रुपए बरामद हुए। पुलिस ने वडोदरा के कोचिंग संचालक परशुराम रॉय, स्कूल प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा, टीचर तुषार भट्ट के अलावा, स्थानीय बीजेपी लीडर आरिफ़ वोहरा को गिरफ़्तार कर लिया। गोधरा के SP हिमांशु सोलंकी का कहना है कि उन्होंने पेपर लीक होने से पहले ही कार्रवाई की और सारे आरोपी पकड़ लिए। NTA के साथ समस्या ये है कि वो बार-बार ये दावा करता रहा कि NEET के एग्जाम में सब कुछ ठीक-ठाक हुआ , पेपर लीक तो कतई नहीं हुआ लेकिन हमारी तहकीकात में जो तथ्य सामने आए, वे हैरान करने वाले हैं। जैसे पंचमहल के SP ने इस बात के सबूत दे दिए कि NEET परीक्षा पास कराने वाला गैंग कैसे काम कर रहा था। इसी तरह के पटना में 13 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।
पुलिस के पास आरोपियों का कबूलनामा है कि उनके पास पेपर पहले से मौजूद थे। क्या NTA अब भी यही दावा करेगा कि परीक्षा के आयोजन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई? क्या वो अब भी ये कहेगा की पेपर लीक नहीं हुए? कल तक यही NTA ग्रेस मार्क्स को उचित बता रहा था लेकिन आज NTA ने कबूल किया कि ग्रेस मार्क्स देना उसकी गलती थी। क्या NTA इस बात की गारंटी दे सकता है कि उसका एग्जाम कंडक्ट कराने का तरीका फूलप्रूफ है? क्या NTA इस बात की गारंटी दे सकता है कि रिजल्ट निकालने का तरीका भी फूलप्रूफ है? हमारी जांच में सामने आया कि NEET का इम्तहान जिस तरह से कंडक्ट किया गया, वो तरीका तो कम से कम फूलप्रूफ तो नहीं है। उसमें गड़बड़ी होने की पूरी-पूरी गुंजाइश है। कल हमने 6 टॉपर वाले हरियाणा के झज्झर सेंटर में इस मामले की जांच की थी। आज पटना और गोधरा में भी तहकीकात की और जो सच सामने आए वो चौंकाने वाले हैं। वो NTA के दावों को पूरी तरह निराधार साबित करने वाले हैं। मैं छात्रों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि उनकी इस लड़ाई में मैं उनके साथ हूं। इंडिया टीवी की टीम इस मामले की तहकीकात जारी रखेगी। चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए हमें इंतजार करना चाहिए और सबको सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा करना चाहिए। मुझे पूरा यकीन है कि पेपर लीक से जुड़े केस में सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ मिलेगा। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 13 जून, 2024 का पूरा एपिसोड