छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव का हाई वोल्टेज प्रचार खत्म हो गया है। नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी को ‘मूर्खों का सरदार’ बताया, मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी को ‘झूठों का सरदार’ कहकर माहौल को और गरमाया। मोदी ने गिनाया कि पिछले 9 साल में जो कांग्रेस उन्हें पांच गालियां देती थी, अब पचास देती है। राहुल गांधी ने दावा किया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस का तूफान आया हुआ है। मोदी ने कहा, यहां पहले भी बीजेपी थी, और आगे भी बीजेपी ही रहेगी। मोदी ने नाम लिए बगैर राहुल को ‘मूर्खों का सरदार’ क्यों कहा? बैतूल की रैली में मोदी ने कहा – “मैंने सुना, कल एक महाज्ञानी कांग्रेस के कह रहे थे कि भारत में लोगों के पास मेड इन चाइना मोबाइल फोन हैं। अरे, मूर्खों के सरदार, किस दुनिया में रहते हैं ये लोग? कांग्रेस के नेताओं को अपने देश की उपलब्धियां न देखने की मानसिक बीमारी हो गई है। पता नहीं विदेश के वो कौन से चश्मे पहने हैं कि उन्हें पता नहीं होता? आज भारत दुनिया में मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। जब कांग्रेस सरकार थी, तब भारत में हर साल 20 हजार करोड़ रुपए से भी कम के मोबाइल फोन बना करते थे, आज भारत में साढ़े 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के मोबाइन फोन बन रहे हैं। करीब एक लाख करोड़ रुपए का मोबाइल फोन भारत दूसरे देशों को एक्सपोर्ट करता है। चुनाव के समय जिन्हें मेक इन इंडिया की याद आती हो, वो स्वदेशी का महत्व कभी समझ नहीं सकते। आज भारत मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है।” मोदी ने राहुल को ‘मेड इन चाइना’ वाले बयान पर तो खरी-खरी सुनाई। मोदी ने कहा कि कांग्रेस का एक ही एजेंडा है लूट और भ्रष्टाचार, लेकिन अब कांग्रेस के नेता डरने लगे हैं क्योंकि जांच एजेंसियां अब कांग्रेस के भ्रष्टाचार के लॉकर खोल रहे हैं, और इन लॉकर्स से आलू वाला सोना नहीं, बल्कि असली सोना निकल रहा है। भ्रष्टाचार को लेकर मोदी ने कांग्रेस पर जमकर वार किया। मोदी ने कहा कि कांग्रेस का पंजा लूटना और छीनना ही जानता है। अब ये बात जनता भी समझ गई है, इसलिए कांग्रेस नेताओं के भी समझ में आने लगा कि चुनाव में हार तय है। अब कांग्रेस के नेता साधु-महात्माओं के पास जा रहे हैं जिससे कुछ चमत्कार हो जाए। मोदी ने मंगलवार को तीन रैलियां की, बैतूल, शाजापुर और झाबुआ में। खास बात ये है कि तीनों इलाकों में आदिवासी वोटर्स की संख्या अच्छी-खासी है। मोदी ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के आदिवासियों को भी संदेश दिया। कहा, कि पचास साल तक कांग्रेस की सरकार रही, कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया। मोदी ने बताया कि कैसे वह अपने जीवन के कई साल आदिवासी इलाकों में घूमते रहे, वो जानते हैं कि आदिवासियों को किन मुश्किलात का सामना करना पड़ता है। अगर नरेंद्र मोदी के भाषण को देखें तो उनका फोकस दो बातों पर था, एक तो कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर और दूसरा आदिवासी समाज के लिए किए गए कामों पर। दोनों ही मामलों में मोदी का पर्सनल रिकॉर्ड अच्छा है। उन पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। उनके विरोधी भी मानते हैं कि मोदी ने भ्रष्टाचार पर काफी हद तक रोक लगाई। आदिवासियों को लेकर भी मोदी ने काफी कुछ किया है। उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को सर्वोच्च पदों पर पहुंचाया। बुधवार को मोदी ने आदिवासियों के लिए 24 हज़ार करोड़ रु.की परियोजना की शुरुआत की। मंगलवार की शाम वह रांची पहुंचे और रोडशो किया। वह आदिवासियों के भगवान माने जाने वाले शहीद बिरसा मुंडा के गांव उलिहातु गए। आजादी के बाद पहली बार कोई प्रधानमंत्री बिरसा मुंडा के गांव पहुंचा। इससे पूरे देश भर के आदिवासियों के बीच सकारात्मक संदेश गया है। नोट करने वाली बात ये है कि जिन राज्यों में चुनाव है, उनमें मध्य प्रदेश में 47 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित है। छत्तीसगढ़ में 29 और राजस्थान में 28 आदिवासी सीटें हैं। ये वो सीटे हैं जहां कांग्रेस का भी अच्छा खासा प्रभाव है। मोदी का ये आदिवासी कार्ड बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
खर्गे और राहुल
मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी कांग्रेस के नेताओं का भाषण सुन रहे थे तो कांग्रेस के नेता भी मोदी का भाषण सुनकर उस हिसाब से अपनी स्पीच तैयार रहे थे। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे और राहुल गांधी दोनों ही मध्यप्रदेश में थे। मोदी ने राहुल को मूर्खों का सरदार कहा तो खरगे ने मोदी को झूठों का सरदार कह दिया। खर्गे ने मध्य प्रदेश की रैली में कहा कि “मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने और किसानों की आय दुगुनी करने का वादा किया था। क्या ये वादे पूरे हुए? वह झूठों के सरदार हैं।” राहुल गांधी ने अपनी रैली में दावा किया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का तूफान चल रहा है और कांग्रेस को 145 से 150 सीटें मिलने जा रही हैं।
मध्यप्रदेश को लेकर कांग्रेस काफी उत्साहित है। कमलनाथ ने पूरा कैंपेन अपने हिसाब से चलाया। पूरे प्रदेश में जीत का माहौल बनाया। कमलनाथ की शुरू से कोशिश रही कि मध्यप्रदेश का चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाए। वो चाहते हैं कि शिवराज के खिलाफ एंटी इनकम्बैंसी पर फोकस किया जाए लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जैसे नेताओं के भाषणों से कमलनाथ का ये प्लान गड़बड़ हो गया। लेकिन करें तो क्या करें? वो न तो राहुल और खर्गे को मध्य प्रदेश आने से रोक सकते हैं और न ही उनसे ये कह सकते हैं कि राष्ट्रीय मुद्दे मत उठाओ। रही सही कसर नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों से कर दी। पूरा फोकस राष्ट्रीय मुद्दों की तरफ शिफ्ट कर दिया। सारा माहौल बदल गया। हालांकि कमलनाथ ने कोशिश नहीं छो़ड़ी है। उन्होंने ऐसे किसी मुद्दे पर रिएक्ट नहीं किया।
योगी, कमल नाथ और राम मंदिर
कमलनाथ तो भगवान राम और बजरंगबली के सहारे चुनाव जीतने की कोशिश में लगे हैं पर इस खेल को बिगाड़ने के लिए मध्य प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की एंट्री हो गई है। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में बनने वाले भगवान राम के मंदिर की बात की जिसका कांग्रेस के पास कोई जवाब नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश के रीवा, भिंड और छतरपुर में रैलियां कीं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है, कांग्रेस के राज में हिन्दुओं का ये सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था। हमने न केवल ढांचे को गिराया बल्कि उस स्थान पर भव्य राम मंदिर बनाया। योगी ने वोटरों से कहा कि वे बीजेपी को जिताएं ताकि नये विधायक उन्हें राम लला का दर्शन कराने ले जा सकें। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नरसिंहपुर और रायसेन में रैलियां की और कहा कि कांग्रेस ने भेष बदल लिया है, अब उनका हिन्दू प्रेम जाग गया है, कांग्रेस के लोग जनेऊ दिखा रहे हैं, लोगों को ये नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस सरकार ने भगवान राम को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भेज कर काल्पनिक बताया था लेकिन अब कांग्रेस के नेता, राम भक्त होने का नाटक कर रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा ने तो गांधी परिवार पर सीधा हमला कर दिया। छत्तीसगढ़ की एक जनसभा में हिमंता ने कहा कि गांधी परिवार कभी रामलला के दर्शन करने के लिए नहीं जाता है क्योंकि उन्हें डर है कि इससे मुस्लिम नाराज हो जाएंगे। योगी आदित्यनाथ, जेपी नड्डा और हिमंता विश्व शर्मा तीनों ने राम मंदिर की बात की और लोगों को याद दिलाया कि मोदी ने वो काम किया जिसका हिंदू समाज को साढ़े 500 साल से इंतजार था।
शिवराज, कमल नाथ और महिला वोटर
गृह मंत्री अमित शाह ने रीवा और जबलपुर में रैली की, रोड शो किया। रीवा की रैली में अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य बना दिया था, लेकिन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने मध्य प्रदेश को बीमारू से बेमिसाल राज्य बना दिया। शाह ने कहा कि इस बार अगर बीजेपी जीती तो मध्य प्रदेश को सर्वोत्तम राज्य बना दिया जाएगा। लेकिन कमलनाथ ने मुरैना की रैली में इसका जवाब दिया। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश का बेड़ा गर्क कर दिया। बीजेपी के लोग विकास की बातें करते हैं, लेकिन बीजेपी ने मध्य प्रदेश को “चौपट प्रदेश” बना दिया है। उधर, शिवराज सिंह चौहान 125 रैलियां करने की मुहिम पर हैं। हर जगह वह लाड़ली बहना योजना का जिक्र करते हैं। बुधवार को भाई दूज के मौके पर चौहान ने वादा किया कि जो महिलाएं इस योजना से छूट गईं, उन्हें चुनाव के बाद शामिल कर लिया जाएगा, और हर महिला को इस योजना के ज़रिए लखपति बनाया जाएगा। शिवराज सिंह का फोकस साफ है। वो लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना की बात करते हैं, चुनाव जीतने के बाद उसकी राशि बढ़ाने का वादा करते हैं। खुद को मामा और भाई कहकर वोट मांगने जाते हैं। असल में मध्य प्रदेश में पांच करोड़ साठ लाख वोटर्स हैं जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या दो करोड़ 72 लाख है यानि लगभग आधी मतदाताएं महिलाएं हैं। शिवराज सिंह जानते हैं कि अगर महिला वोट का बड़ा हिस्सा उनके खाते मे आया तो जीत की राह आसान हो जाएगी। (रजत शर्मा)
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