प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस और इंडी अलायन्स पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। दिल्ली की रैली में बुधवार को मोदी ने कहा कि कांग्रेस और इंडी अलायन्स के लोगों ने वोट के चक्कर में तुष्टिकरण की हद पार कर दी है। मोदी ने इंडी अलायंस को खान मार्केट गैंग बताया। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि खान मार्केट गैंग न सिर्फ दलित, पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहता है, बल्कि ये लोग देश की संपत्ति वक्फ बोर्ड को देना चाहते हैं, खेलों में धर्म के आधार पर खिलाड़ियों का चय़न करना चाहते हैं, बैंक कर्ज़ धर्म के आधार पर देना चाहते हैं, देश के बजट का 15 परसेंट हिस्सा अपने वोट बैंक को देना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि जब वो इस हकीकत को देश के सामने रखते हैं, तो उन पर हिन्दू-मुसलमान की राजनीति करने का इल्जाम लगाया जाता है लेकिन " मोदी को वोट की नहीं, देश की चिंता है", इसलिए वो हकीकत बयां करते रहेंगे। इंडी अलायन्स के मंसूबों को एक्सपोज़ करते रहेंगे।
मोदी ने 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी दंगों की बात की, कांग्रेस और केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोपों का मुद्दा उठाया। दूसरी तरफ अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि मोदी जनता का ध्यान भटकाने की कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन 4 जून को इंडी अलायन्स की सरकार ही बनेगी। दिल्ली में 25 मई को वोटिंग होनी है। इसलिए मोदी ने बुधवार को दिल्ली में दो रैलियां की। इन रैलियों में मोदी अलग रंग में दिखाई दिए। उन्होंने कांग्रेस के जमाने में क्या क्या हुआ, दिल्ली के लोगों ने कैसी-कैसी मुसीबतें झेली और अब कांग्रेस और इंडी अलायन्स के लोग किस तरह की साजिशें रच रहे हैं, इसका पूरा ब्यौरा जनता के सामने रख दिया। मोदी ने कहा कि जब से उन्होंने देश की जनता को ये सच बताया कि कांग्रेस मुसलमानों को धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है, तब से विरोधी दलों के नेता उनके पीछे पड़े हैं, उन पर हिन्दू-मुसलमान वाली सियासत करने का इल्जाम लगा रहे हैं लेकिन पीएम ने कहा, " मोदी रुकेगा नहीं...डरेगा नहीं। सच्चाई को जनता के सामने रखेगा।" इसके बाद मोदी ने कहा कि कांग्रेस और इंडी अलायन्स में शामिल पार्टियों में तीन बातें समान है - सब के सब घोर सांप्रदायिक हैं, सब के सब घोर जातिवादी हैं और सब के सब घोर परिवारवादी हैं। मोदी ने कहा कि अब देश को नेशन फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट वालों में से किसी एक को चुनना है।
मोदी ने इसके बाद अपनी सरकार के काम गिनाए, कांग्रेस के साठ साल के शासन से उनकी तुलना की। मोदी ने दिल्ली के लोगों को सिख विरोधी दंगों की याद दिलाई। कहा कि एक तरफ वो लोग हैं जिन्होंने सिख भाइयों के गले में जलते टायर डाल कर उन्हें जलाया, दूसरी तरफ मोदी है जिसने दंगा करने वालों को जेल भेजा, उन्हें सजा दिलवाई। मोदी ने अरविन्द केजरीवाल की बात की। मोदी ने केजरीवाल का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि दिल्ली के लोग कट्टर भ्रष्टाचारियों को देख रहे हैं, जो ईमानदारी के वादे करके सत्ता में आए थे, अब उनके कारनामे देखकर अदालतें भी हैरान हैं। मोदी ने कहा कि इंडी अलायन्स के लोग देश के नागरिकों की संपत्ति का एक्सरे करना चाहते हैं, लेकिन अब मोदी इन लोगों की संपत्ति का एक्स-रे करेगा और देश की लुटी सम्पत्ति देश को लौटाएगा।
उधर, अरविन्द केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता के साथ दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में रोड शो कर रहे थे। रोड शो के दौरान केजरीवाल ने मोदी को जवाब दिया। कहा कि अब तो उन्हें पक्का यकीन हो गया है कि 4 जून को मोदी जाने वाले हैं, उन्हें हार का डर सता रहा है, इसीलिए असली मुद्दों पर बात करने की बजाए मंगलसूत्र की बातें कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि 4 जून को जब देश में इंडी अलायन्स की सरकार बन जाएगी तो वो सबसे पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाएंगे, दिल्ली में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे।
दिल्ली में महिला सुरक्षा इस वक्त बड़ा मुद्दा है और मुख्यमंत्री के निवास में स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट का केस चर्चा में हैं। अरविन्द केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। एक हफ्ते से वह इस मसले पर खामोश हैं। हालांकि उन्होंने PTI को दिए एक इंटरव्यू में सिर्फ इतना कहा कि दोनों पक्षों की तरफ से कई तरह की बातें कहीं जा रही हैं, इसलिए इस केस की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसके जवाब में स्वाति मालीवाल ने कहा कि उन्हें धमकाया जा रहा है, ट्रोल किया जा रहा है, उनका चरित्र हनन किया जा रहा है, मुख्यमंत्री आरोपी के साथ घूम रहे थे, उसे अपने अपने घर में बुला रहे थे, और अब कह रहे हैं निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है?
एक बात तो तय है कि स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट का मुद्दा केजरीवाल को भारी पड़ेगा। कानूनी मुश्किलात तो होगी ही, सियासी नुकसान भी होगा। जहां तक केजरीवाल के इल्जाम का सवाल है कि मोदी अपने भाषणों में भावनात्मक मुद्दे उठा रहे हैं, तो केजरीवाल भी आजकल अपनी पत्नी सुनीता को साथ लेकर रोड शो कर रहे हैं, उनसे भाषण दिलवा रहे हैं जिसमें वो कह रही है कि अगर मोदी को वोट दिया, तो केजरीवाल को फिर जेल जाना पड़ेगा। ये भावनात्मक अपील नहीं तो क्या है? केजरीवाल कह रहे हैं कि मोदी मंगलसूत्र और मुसलमान की बात कर रहे हैं, तो केजरीवाल और इंडी अलायन्स के नेता भी कह रहे हैं कि मोदी आया, तो तानाशाही आएगी, संविधान खत्म हो जाएगा, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण खत्म हो जाएगा। दोनों एक ही तरह की बातें हैं।
असल बात ये है कि दिल्ली में 2013 से अरविन्द केजरीवाल की सरकार है। इस दौरान लोकसभा के दो चुनाव हो चुके हैं औऱ दिल्ली की सातों की सातों सीटें बीजेपी ने जीती। इस बार एक अंतर है। अब कांग्रेस औऱ आम आदमी पार्टी का अलायन्स है, दोनों मिलकर लड़ रहे हैं, लेकिन इस बार भी बीजेपी के लिए हालात मुश्किल नहीं दिखते क्योंकि अरविन्द केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करके सत्ता में आए और आज वो खुद रिश्वत के कई मामलों में फंसे हैं। शराब घोटाले के केस में केजरीवाल खुद 21 दिन की अन्तरिम ज़मानत पर हैं। इसके अलावा केजरीवाल ने उसी कांग्रेस से हाथ मिलाया है जिसके नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल भेजने के दावे करके सत्ता में पहुंचे थे। मोदी ने आज यही बात कही। इसलिए केजरीवाल भी जानते हैं कि इस बार वो कमजोर विकेट पर हैं। (रजत शर्मा)
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