नए मंत्रिमंडल की शपथ के 24 घंटे के अंदर नरेंद्र मोदी ने अपने 71 मंत्रियों को उनकी जिम्मेदारियां सौंप दी है। उनके विभाग आवंटित कर दिए गए। खास बात ये है कि नरेंद्र मोदी ने अपने ज्यादातर कैबिनेट मंत्रियों के विभागों में कोई फेरबदल नहीं किया है। मोदी 3.0 में भी अमित शाह गृह मंत्री और राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री बने रहेंगे। अमित शाह के साथ नित्यानंद राय और बंडी संजय कुमार को गृह राज्य मंत्री बनाया गया है। राजनाथ सिंह के साथ संजय सेठ को रक्षा राज्य मंत्री बनाया गया है। निर्मला सीतारमण भी पहले की तरह वित्त मंत्री बनीं रहेंगी। उनके साथ पंकज चौधरी को वित्त राज्य मंत्री और हर्ष मल्होत्रा को कॉरपोरेट मामलों का राज्य मंत्री बनाया गया है। विदेश मंत्रालय का जिम्मा भी एस. जयशंकर के पास बना रहेगा। उनके साथ कीर्तिवर्धन सिंह और पवित्र मार्गरेटा को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया है। नितिन गडकरी ने पिछले 10 साल में सड़कों को लेकर बहुत काम किया है। इसलिए उन्हें इस बार भी परिवहन मंत्री बनाया गया है। उनके साथ अजय टम्टा और हर्ष मल्होत्रा को राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। 51 वंदे भारत ट्रेनों की झड़ी लगाने वाले अश्विनी वैष्णव भी रेल मंत्री बने रहेंगे। इसके साथ साथ उनको सूचना और प्रसारण मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई है। ये विभाग पिछली सरकार में अनुराग ठाकुर के पास था। रेल मंत्रालय में अश्विनी वैष्णव के साथ वी सोमन्ना और रवनीत सिंह बिट्टू राज्य मंत्री होंगे, जबकि एल. मुरुगन सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री होंगे। धर्मेंद्र प्रधान भी शिक्षा मंत्री बने रहेंगे। उनके साथ सुकांत मजूमदार को शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है। हरदीप सिंह पुरी पेट्रोलियम मंत्री बने रहेंगे। उनके साथ, केरल से बीजेपी के पहले सांसद सुरेश गोपी को पेट्रोलियम राज्यमंत्री बनाया गया है। पीयूष गोयल वाणिज्य मंत्री बने रहेगे, उनके साथ जितिन प्रसाद राज्य मंत्री होंगे। अर्जुन राम मेघवाल भी कानून मंत्री बने रहेंगे लेकिन नई सरकार में एक बड़ा जिम्मा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिला है।
शिवराज सिंह चौहान को कृषि और किसान कल्याण मंत्री बनाया गया है। शिवराज सिंह के पास एक और मंत्रालय, ग्रामीण विकास का भी जिम्मा होगा। कृषि मंत्रालय में राज्य मंत्री के तौर पर रामनाथ ठाकुर काम करेंगे। ग्रामीण विकास मंत्रालय में चौहान के साथ टीडीपी के चंद्रशेखर पेम्मासानी और कमलेश पासवान राज्यमंत्री होंगे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को शहरी विकास और ऊर्जा मंत्री मनाया गया है। शहरी विकास मंत्रालय में खट्टर के साथ तोखन साहू राज्य मंत्री होंगे जबकि श्रीपद यशो नायक ऊर्जा राज्य मंत्री होंगे। बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। नड्डा के साथ अनुप्रिया पटेल राज्यमंत्री होंगी। गजेन्द्र शेखावत का भी मंत्रालय बदलकर उन्हें संस्कृति मंत्री बनाया गया है और जलशक्ति मंत्री का काम सी. आर. पाटिल को दिया गया है। जलशक्ति विभाग में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी राजभूषण चौधरी और वी. सोमन्ना के पास होगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया को संचार मंत्री बनाया गया है। मनसुख मांडविया को श्रम मंत्री बनाया गया है। साथ ही वो खेल मंत्रालय भी संभालेंगे। रक्षा खडसे खेल राज्य मंत्री होंगी। चिराग पासवान को फूड प्रोसेसिंग की जिम्मेदारी दी गई है। किरन रिजिजू को संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मंत्रालय दिए गए हैं। केरल से आए मोदी सरकार के ईसाई मंत्री जॉर्ज कुरियन अल्पसंख्यक मंत्रालय के राज्य मंत्री होंगे। तेलगु देशम पार्टी के युवा सांसद राम मोहन नायडू नए नागर विमानन मंत्री होंगे। उनके साथ महाराष्ट्र के सांसद मुरलीधर मोहोल राज्य मंत्री होंगे। गिरिराज सिंह को कपड़ा मंत्रालय दिया गया है। अन्नपूर्णा देवी को महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया है। उनके साथ सावित्री ठाकुर राज्यमंत्री होंगी। जयंत चौधरी को कौशल विकास मंत्रालय का स्वतंत्र भार दिया गया है। जेडीयू के ललन सिंह पंचायती राज मंत्री होंगे। एच. डी. कुमारस्वामी भारी उद्योग और इस्पात मंत्रालय संभालेंगे। जीतन राम मांझी को MSME का विभाग मिला है। पिछली सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे प्रह्लाद जोशी को इस बार खाद्य और अपभोक्ता मामलों वाले मंत्रालय की ज़िम्मेदारी दी गई है। जी. किशन रेड्डी कोयला और खनन मंत्री बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल की सबसे बड़ी बात ये है कि ये लगभग पुराने मंत्रिमंडल जैसा ही है।
रक्षा, गृह, वित्त, परिवहन, विदेश, वाणिज्य, शिक्षा, जहाजरानी, रेलवे, पर्वरण और पेट्रोलियम, ये सारे वो मंत्रालय हैं जिसमें जो मंत्री थे वही तीसरी बार में भी मंत्री बने हैं। इस मंत्रिमंडल की दूसरी खास बात ये है कि बीजेपी के जितने भारी भरकम नेताओं को नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार में लिया उन्हें जिम्मेदारियां भी भारी भरकम दी गई हैं। जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल खट्टर को नई सरकार में बड़ी जिम्मेदारियां दी गई हैं। शिवराज सिंह चौहान की दिलचस्पी हमेशा कृषि में रही है। मध्य प्रदेश को वो कृषि के क्षेत्र में काफी आगे ले गए थे। कृषि के साथ-साथ उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय का भी भार सौंपा गया है। ये काफी बड़ी जिम्मेदारी है। इसी तरह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को आवास और शहरी मामलों के साथ साथ बिजली मंत्रालय दिया जाना भी उन पर नरेंद्र मोदी के भरोसे का संकेत है। नड्डा ने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर बेहतरीन काम किया। वो स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं, तो उन्हें उनकी पसंद के स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा रसायन और उर्वरक का भार भी दिया गया है। मोदी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को संचार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। इसी तरह से थोड़े दिन पहले कांग्रेस छोड़कर रवनीत बिट्टू को चुनाव हारने के बावजूद रेल राज्यमंत्री का चार्ज दिया गया है। ये संकेत है, उन सब लोगों को जो कांग्रेस छोड़कर मोदी के साथ काम करने के लिए आए थे। चिराग पासवान को सबसे ज्यादा संतोष होगा इस बात से कि वो कुछ वैसा ही मंत्रालय संभालेंगे, जैसा एक जमाने में उनके स्वर्गीय पिता राम विलास पासवान संभालते थे। फूड प्रोसेसिंग नए जमाने का मंत्रालय है। उनके पिता के पास खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रालय था। इसीलिए चिराग पासवान के लिए यहां काम करने का बड़ा मौका होगा। इसी तरह से तेलगु देशम पार्टी को जो नागर विमानन मंत्रालय दिया गया है, वो पहले भी उनके पास था। बाकी अलायंस पार्टनर्स पर नजर डालें, तो पिछली बार JD-U के RCP सिंह के पास भारी उद्योग मंत्रालय था, इस बार दूसरे अलायंस पार्टनर JD-S के एच डी कुमारस्वामी के पास ही ये मंत्रालय गया है। अपना दल की अनुप्रिया पटेल को इस बार भी वही मंत्रालय मिला, जो पिछली बार उनके पास था।
जब-जब गठबंधन की सरकार बनती है तो अटकलों का बाजार गर्म रहता है, जिन्हें खबरें कहकर फैलाया जाता है। कुछ बातें ऑन रिकॉर्ड और ज्यादातर बातें ऑफ रिकॉर्ड होती हैं। रिपोर्टर्स के लिए भी समझना मुश्किल हो जाता है कि जो ऑन रिकॉर्ड कहा जा रहा है वो सही है, या जो बात कान में फूंकी जा रही है, वो सही है। इसमें अब एक खेल और भी जुड़ गया है। सरकार का विरोध करने वाले पहले दिन से ही दरार पैदा करने के काम में लगे हुए हैं। किसी ने चंद्रबाबू नायडू को मीडिया के जरिए सलाह दी कि स्पीकर का पद मांग लेना। इससे चाबी हाथ में रहेगी। अभी तक इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। फिर खबर उड़ी कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सिर्फ एक मंत्रालय मिलने से खफा हैं। उनके बेटे श्रीकांत शिंदे को बयान जारी करना पड़ा कि कोई नाराजगी नहीं है, हमने पीएम मोदी को बिना शर्त समर्थन दिया है। इसी तरह केरल के अभिनेता सांसद सुरेश गोपी के बारे में खबर उड़ी कि वो मंत्रालय नहीं संभालना चाहते। उन्हें भी बयान जारी करना पड़ा कि ये बात गलत है। मुझे लगता है कि इस तरह की खबरों का दौर चलता रहेगा क्योंकि चुनाव के दौरान भी बहुत सारी बे-सिर-पैर की बातें इतनी ज्यादा प्रचारित हुईं कि लोग उनपर यकीन करने लगे थे। इसीलिए अब खबरें उड़ाने वालों को भी इसमें मजा आने लगा है। ये सबकुछ पटरी में आने में अभी काफी वक्त लगेगा। मोदी ने सोमवार को अपने पीएमओ के अधिकारियों को संबोधित किया, शाम को मंत्रियों की बैठक ली। मोदी का संदेश स्पष्ट है, वो न सरकार चलाने का तरीका बदलेंगे, न तेवर। जो लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि मोदी को गठबंधन की सरकार चलाने का अनुभव नहीं है, ये वैसी ही बात है, जब उनके पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर कहा गया था कि उन्हें विदेश नीति का कोई अनुभव नहीं है। मोदी ने विदेशों में भारत की छवि कैसे चमकाई, ये सबने देखा। आज उनके एक साथी ने कहा कि अगर वे डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन जैसे लोगों से दोस्ती कर सकते हैं, उनके साथ पर्सनल इक्वेशन बना सकते हैं, तो फिर यहां अलायंस वाली पार्टियों के नेताओं के साथ व्यक्तिगत संपर्क बनाना कौन सा मुश्किल काम है? अगर वह अमेरिका और रूस के बीच बैलेंस बना सकते हैं, दोनों से अपनी बात मनवा सकते हैं, तो फिर सरकार में शामिल दलों के साथ भी बैलैंस बनाना कौन सा मुश्किल काम है? आने वाले दिनों में ये बैलेंस, ये समन्वय हर रोज़ दिखाई देगा। (रजत शर्मा)
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