Friday, November 22, 2024
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Rajat Sharma's Blog | एक सोची-समझी रणनीति : ए. राजा ने किया भारत माता का अपमान

जहां तक ए.राजा का बयान है तो इसमें मैं दो बातें कहना चाहता हूं। पहला ये कि अब ये तर्क नहीं चलेगा कि अभिव्यक्ति की आजादी है, कोई कुछ भी बोल सकता है। सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दुत्व की तुलना मलेरिया और डेंगू से करने वाले DMK नेता उदयनिधि स्टालिन को फटकार लगाई थी।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: March 07, 2024 6:27 IST
Rajat sharma, Indiatv- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, विरोधी दलों के नेताओं की बौखलाहट बढ़ रही है और इस चक्कर में रोज सेल्फ-गोल कर रहे हैं। मंगलवार को मोदी-विरोधी मोर्चे के सहयोगी DMK के नेता ए. राजा ने फिर प्रभु राम के बारे में ज़हर उगला। यहां तक कह दिया कि बीजेपी के जय श्रीराम पर वो थूकते हैं। ए. राजा ने भारत को राष्ट्र मानने से इंकार कर दिया। कहा कि अगर बीजेपी भारत माता की जय का नारा लगाने को कहती है तो बिल्कुल नहीं लगाएंगे क्योंकि भारत कोई देश नहीं है, कोई राष्ट्र नहीं है, भारत तो राज्यों का समूह है और हर राज्य अपने आप में एक राष्ट्र है। ए. राजा ने कहा कि वो रामायण को नहीं मानते, रामचरित मानस को नहीं मानते, वो कंबन की रामायण को मानते हैं जिसमें राम ने एक दलित को भाई बनाया, एक बंदर को अपना भाई बनाया। ए. राजा ने यह बात रविवार 3 मार्च को कोयम्बटूर में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के जन्मदिन पर आयोजित एक जनसभा में कही। भरी सभा में हजारों कार्यकर्ताओं के सामने माइक पर चिल्ला-चिल्ला कर ए. राजा ने कहा कि अगर बीजेपी एक ईश्वर का नाम लेकर उनकी पूजा करने की बात थोपेगी तो तमिलनाडु की जनता इसे बिलकुल स्वीकार नहीं करेगी। ए. राजा ने राष्ट्र की अपनी परिभाषा भी दी। कहा कि राष्ट्र वह होता है, जहां एक जैसी संस्कृति हो, एक जैसी परंपराएं हों, एक भाषा हो। इस लिहाज से भारत कोई राष्ट्र नहीं है, भारत कई राष्ट्रों को मिलकर उपमहाद्वीप है। इसलिए अगर कोई ज़बरदस्ती भारत माता की जय का नारा लगाने का दवाब डालता है, तो तमिलनाडु की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी।

ए. राजा जैसे नेता गज़ब का दोहरा चरित्र रखते हैं। अगर वह भारत को देश नहीं मानते, तो संसद का चुनाव लड़कर संसद में क्यों बैठते हैं ? संविधान की शपथ क्यों लेते हैं ? केन्द्र सरकार में मंत्री क्यों बनते थे ? ये वही ए. राजा हैं जो डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में संचार मंत्री थे, जिनका नाम 2-जी घोटाले में आया, फिर उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया गया, वह जेल में रहे, पांच बार सासंद रह चुके हैं, केन्द्र सरकार में चार बार मंत्री रह चुके हैं और कह रहे हैं कि भारत को राष्ट्र नहीं मानते। यानि जब मंत्री हों, सत्ता में हों, तो शासन करने के लिए भारत राष्ट्र है और जब विपक्ष में हों, सत्ता से बाहर हों, तो भारत को राष्ट्र नहीं मानेंगे। ये रवैया हैरान करने वाला है। बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि क्या DMK ने संविधान नहीं पढ़ा? क्या ए. राजा ने संविधान की झूठी शपथ ली थी और अब वह देश की एकता को खंड-खंड करने की बातें कर रहे हैं? कांग्रेस ने ए. राजा का बयान ख़ारिज करने में देर नहीं की। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस भगवान राम को आदर्श मानती है, भगवान राम के प्रति आस्था रखती है, इसलिए कांग्रेस राजा के बयान की निंदा करती है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस के सहयोगी दलों के नेताओं को सोच-समझकर बोलना चाहिए। वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ए. राजा ने जो कुछ कहा वो उनकी निजी राय है, RJD उससे सहमत नहीं। DMK के प्रवक्ता टी.के.एस. एलंगोवन ने कहा कि अपने बयान पर ए. राजा ही सफ़ाई दे सकते हैं, पार्टी को कुछ नहीं कहना है।

यहां याद दिला दूं कि 3 जुलाई 2022 को ए. राजा ने मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की मौजूदगी में अलग देश की मांग उठाई थी। उस वक्त भी स्टालिन ने उन्हें टोका नहीं, रोका नहीं और बाद में DMK ने राजा के बयान को उनका निजी बयान बता दिया। लेकिन चूंकि चुनाव का वक्त है, इसलिए अब राजा के बयान से सिर्फ स्टालिन को नहीं, उनके सहयोगी दलों को भी जवाब देना पड़ेगा। जहां तक ए.राजा का बयान है तो इसमें मैं दो बातें कहना चाहता हूं। पहला ये कि अब ये तर्क नहीं चलेगा कि अभिव्यक्ति की आजादी है, कोई कुछ भी बोल सकता है। सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दुत्व की तुलना मलेरिया और डेंगू से करने वाले DMK नेता उदयनिधि स्टालिन को फटकार लगाई थी। उदयनिधि एम. के. स्टालिन के बेटे हैं और अपने पिता के मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। उदयनिधि ने हिन्दुत्व को जड़ से खत्म करने की बात कही थी। जब कई सारे  मुकदमे दर्ज हुए तो राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब माहौल को खराब करने की आजादी नहीं है और नेताओं को, मंत्रियों को इसका खास ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद भी फिर DMK के नेता ने इस तरह के बेतुके बयान दिए। दूसरी बात, चाहे ए.राजा हों, या उदयनिधि, ये बिना सोचे समझे नहीं बोलते। ये बयान उनकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। हकीकत ये है कि राममंदिर निर्माण के बाद जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तमिलनाडु के मंदिरों में गए, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामेश्वरम गए, रंगनाथस्वामी मंदिर में बैठकर कंबन रामायण का पाठ सुना था, इसलिए अब DMK को लग रहा है कि बीजेपी तमिलनाडु में अपनी जमीन तैयार कर सकती है। इसीलिए अब DMK के नेताओं ने हिन्दू, हिन्दुत्व और भगवान राम के खिलाफ अपमानजनक बयान देने शुरू किए हैं। (रजत शर्मा

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 05 मार्च 2024 का पूरा एपिसोड

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