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Rajat Sharma's Blog: महुआ के निष्कासन के बाद विपक्ष में एकता आ गई है

महुआ के खिलाफ एक्शन का सियासी असर ये हुआ कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान जो विपक्ष बिखरा हुआ दिख रहा था, विरोधी दलों के जिस गठबंधन में दरारें दिख रही थीं, महुआ की सजा ने उस मोर्चे के सभी नेताओं को फिर एक साथ खड़ा कर दिया।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: December 09, 2023 14:53 IST
Rajat Sharma, Indiatv- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निकाल दिया गया है। महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता छीन ली गई है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट शुक्रवार दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश हुई, 2 बजे रिपोर्ट पर चर्चा शुरू हुई और तीन बजे महुआ मोइत्रा को लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया। एथिक्स कमेटी ने महुआ के आचरण को अनैतिक, अमर्यादित और आपराधिक माना। कमेटी ने कहा कि महुआ ने जिस तरह का अपराध किया है, उसको देखते हुए कमेटी महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करती है। महुआ मोइत्रा की मुसीबतें अभी खत्म नहीं हुई हैं क्योंकि एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ये सिफारिश भी की है कि सरकार महुआ मोइत्रा के आचरण की गहन और समयबद्ध जांच कराए। महुआ के खिलाफ एक्शन का विरोधी दलों ने पूरी ताकत के साथ विरोध किया। कांग्रेस मजबूती से तृणमूल कांग्रेस के साथ खड़ी दिखाई दी और तृणमूल कांग्रेस आज पहली बार महुआ के साथ खड़ी दिखाई दी। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि सरकार को महुआ के खिलाफ एक्शन की जल्दी क्यों है? रिपोर्ट पर चर्चा दो दिन बाद भी हो सकती है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने महुआ को सदन में अपना बचाव करने का मौका देने का तर्क दिया। कुछ नेताओं ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर ही सवाल उठा दिए। कहा कि एथिक्स कमेटी को सिर्फ जांच करने का हक है, सजा सुनाने का नहीं। कमेटी ने सदस्यता छीनने की बात कहकर अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया है। लेकिन ये सारे तर्क बेकार साबित हुए। सदन में वोटिंग होने से पहले ही विरोधी दलों के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया। तृणमूल कांग्रेस के साथ साथ कांग्रेस, JDU, RJD, समाजवादी पार्टी जैसी तमाम पार्टियों के नेता महुआ मोइत्रा के साथ सदन से बाहर निकले। सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के बड़े बड़े नेता महुआ मोइत्रा के पीछे खड़े दिखाई दिए। चूंकि महुआ को सदन में बोलने का मौका नहीं मिला था इसलिए महुआ ने सदन के बाहर वही भाषण पढ़ा, जो वो लोकसभा में पढ़ने के लिए लाई थीं। 

महुआ ने कहा कि न उनके खिलाफ कोई सबूत है, न उनके खिलाफ कोई गवाह है, न उन्होंने किसी से कोई पैसा लिया है, न कोई पैसा या गिफ्ट बरामद किया गया है। इसके बाद भी उन्हें सिर्फ इसलिए सजा सुना दी गई क्योंकि उन्होंने संसद की वेबसाइट का अपना लॉग-इन आईडी और पासवर्ड किसी के साथ शेयर किया था। महुआ मोइत्रा ने कहा कि कमेटी का ये फैसला विपक्ष को बुलडोज करने का, विपक्ष को ठोक देने का एक और सबूत है। पश्चिम बंगाल के कर्सियांग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि महुआ बदले की राजनीति का शिकार हुई हैं, तृणमूल कांग्रेस उनके साथ है और पूरे विपक्ष को साथ लेकर महुआ के इंसाफ की लड़ाई लड़ी जाएगी। ममता ने कहा कि महुआ के खिलाफ एक्शन लोकतंत्र की हत्या है, अब इस लड़ाई को इंडिया एलायंस मिलकर लड़ेगा। सुबह जब महुआ मोइत्रा संसद पहुंची थीं तो उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की कविता पढ़ी – ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है।’ 

मेरी नज़र में किसी भी सांसद को संसद की सदस्यता से निष्कासित करने की नौबत आना दुर्भाग्यपूर्ण है, पर महुआ मोइत्रा ने अपने व्यवहार से कोई विकल्प  नहीं छोड़ा। महुआ का मामला ओपन एंड शट केस था। इसमें किसी तरह का कोई  संशय नहीं था। महुआ ने खुद माना कि उन्होंने संसद की वेबसाइट का लॉगिन पासवर्ड दर्शन हीरानंदानी को दिया। दर्शन हीरानंदानी ने उनके लॉगिन से सवाल भेजे। दर्शन हीरानंदानी ने माना कि उन्होंने महुआ मोइत्रा के जरिए सवाल पूछे। हीरानंदानी और अडानी कारोबारी प्रतिस्पर्धी हैं। महुआ ने संसद  में 61 सवाल पूछे, इनमे से 50 सवाल ऐसे विषय पर थे जहां हीरानंदानी के कारोबारी हित अडानी से टकराते हैं। महुआ ने अडानी की कंपनियों के खिलाफ  हीरानंदानी से सवाल ड्राफ्ट करवाए। हीरानंदानी ने महुआ की विदेश यात्राओं, होटल्स के बिल, पार्टियों का खर्चा उठाया, महुआ को महंगे महंगे तोहफे दिए, इसके बाद जांच के लिए, बचाव के लिए क्या बचता है? फिर भी कमेटी ने जांच की, सबके बयान दर्ज किए, महुआ को भी मौका दिया। मीटिंग में महुआ ने चेयरमैन पर पक्षपात के आरोप लगाए और जब तथ्यों के आधार पर महुआ को सदन से बाहर करने का फैसला कर दिया, तो महुआ ने कहा जिस वकील ने शिकायत की, उनसे उनका झगड़ा चल रहा है। महुआ के खिलाफ एक्शन का सियासी असर ये हुआ कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान जो विपक्ष बिखरा हुआ दिख रहा था, विरोधी दलों के जिस गठबंधन में दरारें दिख रही थीं, महुआ की सजा ने उस मोर्चे के सभी नेताओं को फिर एक साथ खड़ा कर दिया। सोनिया गांधी से लेकर JDU, RJD और समाजवादी पार्टी के नेता भी महुआ के पीछे खड़े दिखाई दिए। हालांकि सबने यही कहा कि महुआ को बचाव का मौका नहीं दिया गया, उन्हें बोलने का अवसर मिलना चाहिए था, महुआ के खिलाफ एक्शन में इतनी तेजी नहीं दिखानी चाहिए, लेकिन किसी ने ये नहीं कहा कि महुआ निर्दोष है। चूंकि मुद्दा भ्रष्टाचार का है, इसलिए इस मामले में ममता और महुआ के समर्थन में खड़े नेताओं को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि भ्रष्टाचार के मसले पर कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं क्योंकि झारखंड में कांग्रेस के MP धीरज साहू के ठिकानों से आयकर विभाग ने 300 करोड़ रुपये नक़द बरामद किये हैं। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 08 दिसंबर, 2023 का पूरा एपिसोड

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