महाराष्ट्र में सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया। आखिरी स्पीड ब्रेकर भी खत्म हो गया। एकनाथ शिन्दे ने कहा “सब चांगला आहे” (सब ठीकठाक है)। शिन्दे ठीक हो गए, उनकी सेहत भी ठीक है, और मूड भी। देवेन्द्र फडणवीस ने ‘वर्षा’ बंगले पर जाकर एकनाथ शिन्दे से मुलाकात की। सारी बातें तय हो गईं। गुरुवार को फडणवीस का शपथग्रहण होगा। एकनाथ शिन्दे और अजित पवार डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ लेंगे। आजाद मैदान में शपथ ग्रहण की तैयारियां हो रही हैं।
अभी तक जो तय हुआ है उसके मुताबिक, बीजेपी अपने पास गृह, राजस्व विभाग रखेगी। एकनाथ शिन्दे की शिवसेना को शहरी विकास विभाग मिलेगा और अजित पवार के पास वित्त रहेगा। जो फॉर्मूला अभी तक तय है, उसमें बीजेपी के पास 21 से 22, शिवसेना को 12 और अजीत पवार की एनसीपी को 9 से 10 विभाग मिलेंगे।
5 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह समेत केंद्र सरकार के कई मंत्री, एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री समेत कुल 70 नेता शामिल होंगे। इसके अलावा 400 से ज्यादा साधु संतों को भी न्योता भेजा गया है।
महाराष्ट्र में जितनी जबरदस्त जीत हुई थी, सरकार बनाने में देरी ने उसकी चमक उतनी ही कम कर दी। शिंदे ने जो नखरे दिखाए, उसकी वजह से जो हारकर हताश बैठ गए थे, उन्हें कमेंट करने का मौका मिला। किसी ने कहा, दिल्ली वाले डमरू बजा रहे हैं और महायुति वाले नाच रहे हैं, किसी ने कहा, बारात आ चुकी है पर दूल्हा कौन है अभी तक पता नहीं। लेकिन आज ये सारी बातें बेमानी हो गईं। दूल्हा कौन है, ये भी पता चल गया। बारात में कौन-कौन आएगा, इसका ऐलान भी हो गया और नाराज़ फूफाजी भी मिलने के लिए मान गए।
राजनीति के दांवपेंच के लिहाज से देखें तो अजित पवार दिल्ली आकर बैठ गए थे, शिंदे भी अमित शाह के फोन का इंतजार कर रहे थे। इसे समझने की जरूरत है। शिंदे और अजित दादा सीधे दिल्ली से बात करना चाहते थे। वो फडणवीस को बायपास करने के चक्कर में थे लेकिन उन्हें समझा दिया गया कि महाराष्ट्र की सरकार बनाने और चलाने का जिम्मा देवेंद्र फडणवीस को सौंप दिया जाएगा। तीनों पार्टियों में से किसके कितने मंत्री बनेंगे, ये फडणवीस से बात करके तय करना होगा। शिवसेना और NCP में से कौन-कौन मंत्री बनेगा, ये शिंदे और अजित पवार को तय करना होगा। लेकिन किसको कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा, इसके लिए उन्हें फडणवीस से बात करनी होगी। मोटा भाई का मोटा सा मैसेज ये है कि अब महाराष्ट्र की सरकार दिल्ली से नहीं चलेगी। फैसले मुंबई में लिए जाएंगे। और देवेंद्र फडणवीस को फ्री हैंड दिया जाएगा। सब कहेंगे, जय महाराष्ट्र! (रजत शर्मा)
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