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Rajat Sharma's Blog | महाकुंभ में भगदड़ : अधिक सतर्कता, सावधानी, संयम की ज़रूरत

मौनी अमावस्या से एक दिन पहले पांच करोड़ से ज्यादा लोग प्रयागराज पहुंच गए। मंगलवार को शाम तक साढ़े चार करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में डुबकी लगाई।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Jan 29, 2025 18:09 IST, Updated : Jan 30, 2025 6:27 IST
Rajat sharma, INDIA TV
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

महाकुंभ में कल रात जो हादसा हुआ, वह दुखद है। कई लोगों की जानें गई, उनके परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। काफी लोग घायल हुए, उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मेरी अपेक्षा है कि प्रशासन और अधिक सतर्कता और सावधानी बरते। मेरा भक्तों से निवेदन है कि वे सभी संयम बरतें। माँ गंगा सबकी रक्षा करें, यही मेरी प्रार्थना है।

कल रात मैने अपने शो ‘आज की बात’ में बताया था कि कैसे श्रद्धालुओं की आस्था के सामने दुनिया की हर बाधा नाकाम हो गई। मौनी अमावस्या से एक दिन पहले पांच करोड़ से ज्यादा लोग प्रयागराज पहुंच गए। मंगलवार को शाम तक साढ़े चार करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। सोलह दिन में अट्ठारह करोड़ से ज्यादा लोग महाकुंभ में पहुंच चुके हैं। मौनी अमावस्या के दिन सारे रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद है।

महाकुंभनगर में चार करोड़ 64 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मंगलवार तक पहुंच चुके थे। साढ़े चार करोड़ से ज्यादा भक्तों ने मंगलवार को संगम में स्नान किया। महाकुंभनगर की आबादी इस समय दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले शहर टोक्यो, दिल्ली और शंघाई से भी ज्यादा है। अगर प्रयागराज की करीब 70 लाख की आबादी को इसमें जोड़ दिया जाए तो इस वक्त प्रयागराज में छह करोड़ से ज्यादा लोग हैं और अगले 24 घंटे में ये संख्या 8 से 10 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।

सरकार ने तैयारियां तो इसी हिसाब से की हैं, लेकिन भक्तों के जोश के सामने सारी तैयारियां कम लग रही हैं। सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि गाड़ियों को शहर के बाहर रोका गया है, इसलिए लोगों को काफी पैदल चलना पड़ रहा है। फिर भी किसी के चेहरे पर न शिकन है, न थकान है। महाकुंभ में बच्चे-बुजुर्ग, नौजवान, पुरूष, महिलाएं, गरीब, अमीर, शहर के और गांव के, हर उम्र के, हर वर्ग के लोग पहुंचे हैं।

देश का कोई कोना ऐसा नहीं है, जहां के लोग महाकुंभ में न पहुंचे हों। उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से लेकर पश्चिम तक, यूपी, मध्य प्रदेश और बिहार तो छोड़िए, महाराष्ट्र, गुजरात, बंगाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश और केरल तक के लोग महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे हैं। कोई पहली बार आया है, कोई दूसरी बार, लेकिन सब ये कह रहे हैं कि ये महाकुंभ तो पहली बार आया है और अब 144 साल बाद ही आएगा। इसलिए वे त्रिवेणी में डुबकी लगाने का ये मौका छोड़ना नहीं चाहते।

महाकुंभ में जो भीड़ उमड़ रही है, उसके पीछे कई वजहें हैं। लेकिन तीन सबसे बड़ी वजहें हैं। पहली वजह, इस महापर्व को लेकर लोगों की आस्था है जो अटूट है। दूसरी वजह ये है कि पिछले 15 दिनों में लोगों ने महाकुंभ की जो तस्वीरें देखीं, जो इंतजामात देखे, टीवी पर जो तस्वीरें देखी हैं, उसके बाद लोगों का भरोसा मजबूत हो गया कि भले ही थोड़ा पैदल चलना पड़े लेकिन संगम स्नान में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। तीसरी और सबसे बड़ी वजह है, तमाम लोगों को लगता है कि 144 साल बाद महाकुंभ का जो अमृत संयोग बना है, उसमें शामिल होने का मौका उन्हें अपनी ज़िंदगी में फिर नहीं मिलेगा। इसलिए लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए खिंचे चले आ रहे हैं।

आमतौर पर माना जाता है कि नई पीढ़ी धर्म करम में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेती लेकिन महाकुंभ की तस्वीरों ने इस धारणा को भी गलत साबित कर दिया। नौजवानों के बीच महाकुंभ को लेकर अलग किस्म का उतावलापन है। पहली बार महाकुंभ में युवाओं की इतनी बड़ी संख्या नज़र आ रही है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। कॉलेज की छात्राएं छोटे छोटे ग्रुप्स में महाकुंभ में पहुंची हैं। IT, इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले नौजवान बैकपैक लटकाकर कुंभ में डुबकी लगाने पहुंचे हैं। ज्यादातर नौजवानों के हाथ में कैमरा फोन है। हर कोई अपने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहा है। मेट्रो शहरों में नौकरी करने वाले युवा भी आस्था की ऐसी आभा देखकर हैरान हैं।

ये सही है कि प्रशासन को अंदाजा नहीं था कि मौनी अमावस्या से पहले ही इतनी बड़ी संख्या में लोग कुंभ नगरी पहुंच जाएंगे। इतनी भीड़ के कारण यात्रियों की गाड़ियों को दूर ही रोकना पड़ा। इसीलिए लोगों को घाट तक पहुंचने के लिए काफी दूर पैदल चलना पड़ रहा है। चलते-चलते लोग जब कभी गाड़ियों के किसी काफिले को देखते हैं तो उन्हें बुरा लगता है, नाराज होते हैं। यह स्वाभाविक है। मेरा सुझाव है कि आने वाले कुछ दिनों के लिए वीआईपी गाड़ियों को बहुत कम, बहुत सीमित कर देना चाहिए। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 28 जनवरी, 2025 का पूरा एपिसोड

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