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Rajat Sharma's Blog | महाकुंभ : हालात सामान्य, जागते रहो !

ये तो सब मानते हैं कि करोड़ों लोगों के लिए संगम में स्नान की व्यवस्था करना दुरूह काम है। ये भी दिखाई दे रहा है कि महाकुंभ में भक्तों की भीड़ अपेक्षा से कहीं अधिक आई है। जब लोग अपने अपने इलाकों में जाकर बताते हैं कि व्यवस्था अच्छी है तो और लोग उत्साहित होकर प्रयागराज की तरफ प्रस्थान करते हैं।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Jan 31, 2025 17:45 IST, Updated : Jan 31, 2025 17:45 IST
Rajat sharma, INDIA TV
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

आज सबके मन में एक ही सवाल है। प्रयागराज में अब हालात कैसे हैं? क्या अभी भी संगम में स्नान करने वालों की भारी भीड़ है? क्या श्रद्धालु आराम से स्नान कर पा रहे हैं? क्या अभी भी भारी संख्या में भक्त लगातार प्रयागराज पहुंच रहे हैं? कितने लोगों ने संगम में डुबकी लगाई? ऐसे बहुत से परिवार हैं जिनके लोग प्रयागराज में डुबकी लगा चुके हैं लेकिन अभी लौट नहीं पाए हैं। ऐसे लोगों के लौटने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं? महाकुंभ में पहुंचने वाले लोग निश्चिंत होकर डुबकी लगा सकें, इसके लिए नई पाबंदियां लगाई गईं हैं।

हालांकि अब भीड़ पहले के मुकाबले कम है लेकिन फिर भी लाखों लोग महाकुंभ क्षेत्र में इकट्ठे हो चुके हैं। गुरुवार को दो करोड़ छह लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। गंगा स्नान में लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। मेला क्षेत्र में सब कुछ सही चला क्योंकि मौनी अमावस्या की घटना से प्रशासन ने सबक लिया है। जो खामियां सामने आई, श्रद्धालुओं से जो फीडबैक मिला और विशेषज्ञों की जो राय मिली, सबके आधार पर प्रशासन ने कदम उठाए। उसका असर महाकुंभ में दिखाई दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिया कि दो बातों का ख्याल रखना है। पहला, जो लोग प्रयागराज में हैं, गंगा स्नान कर चुके हैं, उन्हें सुरक्षित वापस भेजा जाए। दूसरा, जो लोग देश के दूसरे हिस्सों से महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज आ रहे हैं, रास्तों में फंसे हैं, उन्हें सुरक्षित प्रयागराज लाया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए अफसरों ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं में सात बड़े बदलाव किए।

सबसे पहले महाकुंभ का पूरा मेला क्षेत्र no-vehicle zone घोषित किया गया। मेले के अंदर सिर्फ ज़रूरी सामानों की सप्लाई वाली गाड़ियों, और आपातकालीन सेवाओं वाली गाड़ियों को छोड़ कर अन्य सभी तरह की गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। मेले के लिए जो VIP पास जारी किए गए थे, वे सारे पास रद्द कर दिए गए हैं। 5 फरवरी तक नए VIP पास नहीं बनेंगे। इसके साथ-साथ, मेला क्षेत्र के सभी रास्तों को वन-वे कर दिया गया है ताकि किसी भी रास्ते पर श्रद्धालुओं की भीड़ आमने-सामने आने की नौबत न बने।

पॉन्टून पुल पर भी गाड़ियों की एंट्री रोक दी गई है। 30 पॉन्टून पुलों में से 29 पुल श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। आधे पुलों पर स्नान के लिए संगम जाने वाले श्रद्धालु गुजरेंगे और आधे पुल स्नान करके लौटने वालों के लिए हैं। एक पुल पुलिस और आपातकालीन सेवाओं के लिए खाली रखा गया है। इसके अलावा श्रद्धालुओं से लगातार अपील की जा रही है कि स्नान के बाद घाटों पर न रुकें जिससे भीड़ न हो। वॉलेंटियर्स लोगों से अपील कर रहे हैं कि अगर थक गए हों, तो भी रास्तों पर न बैठे, रास्तों पर न सोएं, वरना हादसा हो सकता है। स्नान के बाद तुरंत घाट छोड़ दें और अपने कैम्प या घर की तरफ रवाना हो जाएं।

प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भीड़ कम करने के लिए रेलवे ने ज़बरदस्त काम किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव लगातार केंद्रीय कमान रूम में जमे रहे। योगी ने रेल मंत्री से प्रयागराज से भक्तों को निकालने के लिए और ज्यादा ट्रेनें चलाने की अपील की थी। इसका असर ये हुआ कि सिर्फ प्रयागराज से भक्तों को वापस अपने घर भेजने के लिए तीन सौ से ज्यादा ट्रेनें चलाई गई। प्रयागराज के पांच और रेलवे स्टेशनों से कुंभ स्पेशल ट्रेन्स चल रही हैं। हर चार मिनट में किसी न किसी ट्रेन को रवाना किया जा रहा है। प्रयागराज जंक्शन पर श्रद्धालुओं की भीड़ बेक़ाबू न हो, इसके लिए जंक्शन के जोनों और अलग-अलग होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। एक तरफ 25 हज़ार श्रद्धालुओं को जंक्शन से पहले रोकने की व्यवस्था है और  ख़ुसरो बाग़ में एक लाख पैसेंजर्स को होल्ड करने की व्यवस्था की गई है। यात्रियों को डेस्टिनेशन के हिसाब से ट्रेन आने से ठीक पहले प्लेटफॉर्म की तरफ भेजा जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कल रेलवे ने प्रयागराज से 364 ट्रेनें चलाईं। 12 लाख लोगों को उनकी मंज़िलों तक पहुंचाया गया।

ये तो सब मानते हैं कि करोड़ों लोगों के लिए संगम में स्नान की व्यवस्था करना दुरूह काम है। ये भी दिखाई दे रहा है कि महाकुंभ में भक्तों की भीड़ अपेक्षा से कहीं अधिक आई है। जब लोग अपने अपने इलाकों में जाकर बताते हैं कि व्यवस्था अच्छी है तो और लोग उत्साहित होकर प्रयागराज की तरफ प्रस्थान करते हैं। एक बड़ी समस्या ये है कि जो लोग महाकुंभ में आ रहे हैं, वे तुरंत लौटना नहीं चाहते। लोग रहने की, खाने की व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं। इसीलिए एक-दो दिन और रुकना चाहते हैं। अब जब लोगों से वापस लौटने की अपील की गई है तो बैकलॉग की वजह से रेलवे स्टेशनों पर, सड़कों पर भारी भीड़ है। ट्रैफिक का आवागमन धीमा हो गया है।

एक और बड़ी समस्या ये है कि जो लोग प्रयागराज से लौट रहे हैं वे सीधे अपने घर नहीं लौटना चाहते। ज्यादातर लोग दो-चार दिन का प्रोग्राम बनाकर आए हैं। इसीलिए बहुत से लोग काशी विश्वनाथ जाकर महादेव का जलाभिषेक करना चाहते हैं और बड़ी संख्या में लोग राम लला का मंदिर देखना चाहते हैं। इसीलिए अयोध्या में भी लाखों लोगों की भीड़ पहुंच रही है, रामलला के दर्शन कर रही है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए अयोध्या में 12वीं क्लास तक के स्कूल  5 फ़रवरी तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। पूरे अयोध्या शहर में फोर व्हीलर और टू-व्हीलर गाड़ियों की एंट्री बैन कर दी गई है। कई ऐसे लोग हैं जिनकी ट्रेन छूट गई है या जिन्हें ट्रांसपोर्ट नहीं मिल पा रहा। ऐसे लोगों से मेरा निवेदन है कि वे धैर्य रखें, थोड़ा इंतजार करें क्योंकि उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 30 जनवरी, 2025 का पूरा एपिसोड

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