Wednesday, January 15, 2025
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Rajat Sharma's Blog | महाकुंभ: एक चमत्कार, अविश्वसनीय, अकल्पनीय

दुनिया के बड़े विश्वविद्यालयों और मैनेजमेंट संस्थानों के लोग सिर्फ ये जानने समझने के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं कि इतनी बड़ी संख्या के लिए इंतजाम कैसे किए जाते हैं, भीड़ को संभालने का प्रबंध कैसे किया जाता है। कुंभ पैंतालीस दिनों तक चलने वाला है। अगले डेढ़ महीने तक लोग इसी तरह प्रयागराज पहुंचते रहेंगे।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Jan 15, 2025 16:05 IST, Updated : Jan 15, 2025 16:05 IST
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Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

मकर संक्रांति के दिन प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर शाम तक साढ़े 3 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। वैसे तो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ की शुरूवात सोमवार को ही हो गई थी, लेकिन मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर अमृत स्नान के साथ प्रयागराज में महाकुंभ की असली रौनक दिखाई दी। इसकी तस्वीरें देख कर आप चौंक जाएंगे। इतनी बड़ी तादाद में लोग कुंभ क्षेत्र में पहुंचे, संगम में डुबकी लगाई लेकिन कहीं भी, किसी को, किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई, कोई शिकायत करने वाला नहीं मिला। ये दुनिया वालों के लिए अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय है।

सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात ये है कि कुछ ही घंटों के दौरान संगम में जितने लोगों ने स्नान किया, वह दुनिया के 52 देशों की पूरी आबादी से ज्यादा है। दुनिया के बड़े विश्वविद्यालयों और मैनेजमेंट संस्थानों के लोग सिर्फ ये जानने समझने के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं कि इतनी बड़ी संख्या के लिए इंतजाम कैसे किए जाते हैं, भीड़ को संभालने का प्रबंध कैसे किया जाता है। कुंभ पैंतालीस दिनों तक चलने वाला है। अगले डेढ़ महीने तक लोग इसी तरह प्रयागराज पहुंचते रहेंगे। आगे जो दो अमृत स्नान और होने हैं, उनमें और ज्यादा भीड़ होगी। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन संगम में डुबकी लगाने वालों की संख्या छह करोड़ तक पहुंच सकती है।

पूर्ण महाकुंभ का पहला अमृत स्नान हुआ। जैसे ही सूर्यदेव का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश हुआ, जैसे ही सूर्य भगवान उत्तरायण हुए, मकर संक्राति की बेला में, ब्राह्ममहूर्त में, संगम के तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। परंपरा के मुताबिक, सबसे पहले सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों, आचार्य, महामंडलेश्वर, नागा साधुओं, अघोरियों और महिला साधुओं ने स्नान किया। उसके बाद साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा भक्तों ने संगम में स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना की।

सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साधु-संतों ने अपनी छावनी से संगम की तरफ जुलूस निकाला। उसके पीछे-पीछे श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़े का जुलूस था। इन अखाड़ों में सबसे आगे हाथों में तलवार, भाला, त्रिशूल और गदा लिए नागा साधू चल रहे थे। उनके पीछे अखाड़े के आचार्य और पीठाधीश्वर अपने रथ पर सवार थे।

सनातन परंपरा और शास्त्रों में वैसे तो कुल 13 अखाड़े हैं लेकिन महाकुंभ में लोगों के बीच सबसे ज्यादा उत्सुकता जूना अखाड़ा और निरंजनी अखाड़े के नागाओं को देखने की होती है। मंगलवार को जब महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के बाद निरंजनी और जूना अखाड़े के नागा जब संगम की तरफ बढ़े, तो वहां मौजूद पुलिस फोर्स ने साधु-संतों के चारों तरफ सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया। जूना अखाड़े के हज़ारों नागा साधू हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए संगम की तरफ बढ़े और अखाड़े के आचार्य, पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर और दूसरे बड़े संतों के साथ स्नान किया।

साढ़े तीन करोड़ लोग एक जगह इक्कठे हों, बिना किसी  भगदड़ या धक्कामुक्की के स्नान करें, कहीं कोई गड़बड़ी न हो, किसी तरह की असुविधा न हो और सब खुशी खुशी वापस चले जाएं, ये दुनियाभर के लिए हैरानी की बात है। इसकी व्यवस्था करना कोई आसान नहीं होता। इतनी बड़ी संख्या को नियंत्रित करना, उनके लिए सारी व्यवस्थाएं करना बहुत बड़ी चुनौती होती है। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस चुनौती को बड़ी सरलता से पूरा किया। महाकुंभ में ढ़ाई सौ से ज्यादा IAS, PCS अफसरों को लगाया गया। यूपी पुलिस के महानिदेशक और सरकार के प्रमुख सचिव खुद सारे इंतजामात को मॉनीटर कर रहे थे। दस हजार हैक्टेयर में फैले कुंभ क्षेत्र को 25 से ज्यादा सैक्टर्स में बांटा गया है। अखाड़ों के स्नान के लिए अलग घाट बनाए गए। सभी अखाड़ों के साधुओं के लिए घाट तक आने जाने के अलग अलग रूट तय़ किए गए। अलग अलग दिशाओं से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग रास्ते बनाए गए।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया के 52 देशों की आबादी साढ़े तीन करोड़ से कम है। यानि इतने देशों की जनसंख्या से ज्यादा लोगों ने प्रयागराज में बारह घंटे के दौरान पवित्र डुबकी लगाई। करीब चालीस देशों के लोग भी छोटे छोटे जत्थों में प्रयागराज पहुंचे हैं। विदेशी भक्तों ने भी महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई। ये लोग सनातनी नहीं है, हमारी भाषा नहीं समझते, हमारी संस्कृति को नहीं जानते। लेकिन महाकुंभ में आकर विदेशी भी सनातन के रंग में पूरी तरह डूबे दिखाई दिए।

साढ़े तीन करोड़ की भीड़ को मैनेज करना हंसी खेल नहीं हैं। हालांकि कुछ लोग कह सकते हैं कि टेक्नोलॉजी की मदद से, AI का इस्तेमाल करके, पुलिस फोर्स लगाकर भीड़ को कन्ट्रोल किया गया। लेकिन मुझे लगता है कि करोड़ों की भीड़ सिर्फ टेक्नोलॉजी के जरिए कन्ट्रोल नहीं की जा सकती। इसके लिए सटीक प्लानिंग, मानव संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल, भक्तों की संख्या का सही अनुमान, उनकी जरूरतों के हिसाब से इंतजाम, आपात स्थितियों का सही आकलन और सबसे महत्वपूर्ण दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी है।

योगी आदित्यनाथ ने अपनी संकल्पशक्ति के साथ यही किया। दो साल पहले से महाकुंभ की तैयारी शुरू की, बार बार प्रयागराज के दौरे किए, एक-एक चीज पर खुद नजर रखी, सबसे काबिल अफसरों को प्रयागराज में तैनात किया, सारी छोटी-बड़ी व्यवस्थाओं को खुद देखा, प्रॉपर प्लानिंग की, इसलिए पहला अमृत स्नान बिना किसी बाधा के सकुशल संपूर्ण हुआ।

इसका श्रेय योगी आदित्यनाथ की सरकार के साथ-साथ उनके अफसर, सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी, वालंटियर्स और सफाई कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए। हालांकि अभी उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं हुई है। अभी महाकुंभ डेढ़ महीने तक चलना है। इसलिए प्रार्थना करनी चाहिए कि सब कुछ अच्छा रहे और महाकुंभ में आने वाले सभी श्रद्धालु गंगा स्नान करके सनातन का जयकारा लगाते हुए सकुशल अपने घर वापस जाएं। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 14 जनवरी, 2025 का पूरा एपिसोड

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