हाल ही में दिल्ली और मुंबई में दो लड़कियों की उनके लिव-इन पार्टनर द्वारा निर्मम हत्या एक नई बुराई को उजागर करती है जिसने हमारे समाज को, और विशेष रूप से हमारी युवा पीढ़ी को अपना शिकार बनाया है। दोनों ही मामलों में हत्यारे उनके बॉयफ्रेंड थे। दोनों लड़कियां लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थीं।
दिल्ली में लड़के ने सुबह एक लड़की के साथ सगाई की, और फिर रात में 5 साल से लिव-इन में रह रही अपने पार्टनर की मोबाइल फोन के डेटा केबल से गला घोंटकर हत्या कर दी। अगली सुबह उसने पहले लड़की की लाश को फ्रिज में डाला, और शाम को दूसरी लड़की के घर बारात लेकर पहुंच गया, और शादी कर ली।
मुंबई में 3 साल से लिव-इन में रह रही लड़की की हत्या भी उसके साथी ने कर दी। हत्यारे ने पहले उसकी हत्या की और फिर लाश को बेड के बॉक्स में छिपा दिया। उसने घर का बाकी सामान बेचा और दूसरे राज्य में भाग गया। दोनों मामलों में हत्या की वजह सिर्फ इतनी थी कि लड़की ने लड़के पर शादी के लिए दबाव बनाया था। दोनों मामलों में लड़की के परिवार वाले रिश्ते से अनजान थे, उन्हें पता ही नहीं था उनकी बेटी किसी लड़के साथ लिव-इन में रह रही है।
दोनों मामलों में लड़कों ने यह सोचकर हत्या की कि पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पाएगी। कत्ल के बाद ये लड़के जिस बेफिक्री के साथ अपनी जिंदगी जी रहे थे, वह हैरान करने वाला है।
भरोसे का यह कत्ल समाज की आंखें खोलने वाला है। ये खबरें उन पैरेन्ट्स के लिए दिल दहलाने वाली हैं, जिनकी बेटियां उनसे दूर किसी दूसरे शहर में पढ़ती हैं, दूसरे शहर में नौकरी करती हैं। दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में आजकल लिव-इन रिलेशनशिप्स का चलन बढ़ गया है, लेकिन जिस तरह से ऐसे मामलों में बेटियों की जिंदगी खतरे में पड़ रही है, जिस तरह से हत्याएं हो रही हैं, वह सावधान करने वाला है।
निक्की यादव
निक्की यादव हरियाणा के झज्जर की रहने वाली थी। उसके पिता गुरुग्राम में मोटर गैराज चलाते हैं। उसके माता-पिता बच्चों को खूब पढ़ाना लिखाना चाहते थे, और उन्हें एक अच्छी जिंदगी देना चाहते थे, इसलिए निक्की दिल्ली आ गई। सिविल सर्विसेज के लिए कोचिंग करने के दौरान दिल्ली में ही उसकी मुलाकात साहिल से हुई। दोनों ने ग्रेटर नोएडा की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। निक्की इंग्लिश ऑनर्स से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही थी, जबकि साहिल पढ़ाई बीच में छोड़कर उत्तम नगर में रहने लगा, और निक्की भी उसके साथ लिव-इन में रहने लगी। कमरा किराए पर लेने के लिए साहिल और निक्की ने खुद को पति और पत्नी बताया था। साहिल के घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे, और उन्होंने 10 फरवरी को उसकी शादी तय कर दी थी।
शादी से एक दिन पहले साहिल ने एक लड़की के साथ सगाई की। निक्की को इसकी जानकारी हुई तो उसने साहिल पर शादी के लिए दबाव बनाया। दोनों में झगड़ा हुआ, और बाद में साहिल ने पूरी प्लानिंग के साथ निक्की को घुमाने के लिए ले जाने का बहाना बनाया। 9 फरवरी की रात दोनों गाड़ी से निकले, पहले निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन गए, और फिर कश्मीरी गेट पहुंचे। इसी दौरान साहिल ने गाड़ी में मोबाइल फोन के डेटा केबल से निक्की की गला घोंटकर हत्या कर दी। उसने निक्की की लाश को गाड़ी की को-ड्राइवर सीट पर सीट बेल्ट लगाकर बैठाया, और उसे इसी तरह 40 किलोमीटर दूर मितरवां गांव मे अपने ढाबे पर ले गया। उसने ढाबे में रखे फ्रिज में निक्की की लाश को डाला, और अपने घर चला गया। अगले दिन 10 फरवरी को वह बारात लेकर दूसरी लड़की के घर पहुंच गया, और शादी कर ली।
किसी को भी साहिल के जघन्य अपराध के बारे में भनक तक नहीं लगी। निक्की को साहिल के साथ अपने रिश्ते पर काफी भरोसा था। उसने दोनों के गोवा जाने के लिए रेल का टिकट बुक कराया था। दिल्ली पुलिस को शक है कि साहिल ने निक्की की हत्या करने के लिए सोचा-समझा प्लान तैयार किया था और बाद में उसकी लाश को ठिकाने लगाने वाला था ताकि वह अपनी पत्नी के साथ एक सामान्य जीवन जी सके।
साहिल के पूरे प्लान पर पानी तब फिरा जब निक्की के पिता ने अपनी बेटी के बारे में पूछने के लिए उसको फोन किया। साहिल ने उसे बताया कि वह देहरादून और मसूरी गई है और अगले दो-तीन दिनों में वापस आ जाएगी। निक्की के पिता को शक हुआ, और उन्होंने 14 फरवरी को दिल्ली पुलिस को बेटी की गुमशुदगी के बारे में बताया। पूछताछ के दौरान, साहिल ने पहले तो गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन तब तक पुलिस ने निक्की के मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन नोट कर ली थी। लगातार पूछताछ के बाद साहिल टूट गया, और निक्की की लाश को बरामद कर लिया गया।
बुधवार की शाम झज्जर में निक्की का अंतिम संस्कार कर दिया गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रवींद्र यादव ने कहा, अगर साहिल लाश को को ठिकाने लगाने में कामयाब हो जाता तो मामले को सुलझाना मुश्किल हो सकता था। यह मामला श्रद्धा वालकर के केस से काफी मिलता-जुलता है, जिसकी लाश को उसके लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला ने कई महीने पहले टुकड़े-टुकड़े करके दक्षिण दिल्ली के जंगल में फेंक दिया था।
मेघा
मुंबई के पास पालघर में एक हीरा व्यापारी का बेटा हार्दिक शाह पिछले तीन साल से मेघा के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में था। कुछ महीने पहले हार्दिक और मेघा नालासोपारा इलाके में किराए पर फ्लैट लेकर लिव-इन में रहने लगे थे।
हार्दिक बेरोजगार था और मेघा नर्स का काम करती थी। घर का सारा खर्च मेघा की सैलरी से ही चलता था। इसी बात को लेकर मेघा का हार्दिक से झगड़ा होता था कि वह कुछ काम क्यों नहीं करता, ऐसे कब तक चलेगा। मेघा, हार्दिक से शादी करने को कहती थी, कोई नौकरी खोजने को कहती थी। इसी बात से नाराज होकर हार्दिक ने मेघा की गला घोंटकर हत्या कर दी, और उसकी लाश को बेड के बॉक्स में छिपा दिया। उसी दौरान हार्दिक ने घर में रखा कूलर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, सब औने-पौन दामों में बेच दिया। इसके बाद वह मेघा की लाश को बेड के बॉक्स में रखकर फरार हो गया।
जब पड़ोसियों को घर से बदबू आनी शुरू हई तो पुलिस को खबर दी गई। पुलिस जब दरवाजा तोड़कर घर के अंदर घुसी तो मेघा की लाश को बेड के बॉक्स में पाया। मेघा की हत्या करने के बाद हार्दिक भागकर राजस्थान चला गया थे लेकिन फोन की लोकेशन से पुलिस ने उसे ढूंढ़ निकाला। हार्दिक शाह के लिव-इन रिलेशनशिप की जानकारी होने पर उसके माता-पिता ने उसे घर से बेदखल कर दिया था।
पहले श्रद्धा वालकर, और अब दिल्ली की निक्की और मुंबई की मेघा। तीनों अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ लिव-इन में रह रही थीं। लिव-इन रिलेशनशिप में, जहां परिवार के सदस्यों को कोई जानकारी नहीं होती, वहां पार्टनर की जान लेना आसान हो जाता है।
ऐसे कई केस सामने आए हैं जहां महिलाओं को उनके लिव-इन पार्टनर ने मार डाला, लेकिन ये मामले हाइलाइट नहीं हुए। दिल्ली के रोहिणी में लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही शादीशुदा महिला पूनम की उसके साथी संजय ने हत्या कर दी थी। दिल्ली में ही तिलक नगर में मनप्रीत ने अपनी 7 साल पुरानी लिव-इन पार्टनर रेखा को मार डाला। गाजियाबाद में रमन नाम के शख्स नेअपनी लिव-इन पार्टनर दिव्या की हत्या कर दी और लाश को जंगल में ठिकाने लगा दिया। इसी तरह के और भी कई मामले हैं।
स्वाभाविक तौर पर आज हर माता पिता के मन में सवाल है कि क्या बेटी को दूसरे शहर में पढ़ने या काम करने के लिए भेजना खतरनाक तो नहीं है। सबको डर है कि उनकी बेटी कहीं किसी लिव-इन रिलेशनशिप में तो नहीं। माता-पिता की यह परेशानी गलत नहीं है, एक भी ऐसा केस होता है तो उनके रातों की नींद उड़ जाती है।
इसलिए लड़कियां हों या लड़के, अगर वे लिव-इन रिलेशनशिप में हैं, तो इसकी जानकारी उनके माता-पिता को होनी ही चाहिए। अनबन हो जाए, झगड़ा हो जाए तो माता-पिता को बताना चाहिए। यह मानकर नहीं बैठ जाना चाहिए कि प्यार तो अंधा होता है। बदले हुए जमाने में सावधानी बरतने में ही समझदारी है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 15 फरवरी, 2022 का पूरा एपिसोड