पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ये कह रही हैं कि ट्रेनी डॉक्टर की रेप-हत्या को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए लेकिन खुद उन्होंने इस मामले पर घनघोर राजनीतिक बयानबाजी की। ये कहना कि बंगाल में आग लगेगी, तो दूसरे राज्यों में भी आग लगेगी, आग दिल्ली तक पहुंचेगी, ये राजनीति नहीं तो और क्या है? जब पूरे प्रदेश में आग लगी है तो एक जिम्मेदार नेता को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। ममता बनर्जी खुद एक आंदोलन की प्रोडक्ट हैं। ममता ने CBI से हिसाब मांगा और कोलकाता पुलिस की तारीफ की, ये उनकी दूसरी गलती है। बंगाल के लोग कोलकाता पुलिस से बहुत नाराज हैं। कोलकाता पुलिस ने आर. जी. कर हॉस्पिटल में बर्बर रेप और निर्मम हत्या के मामले में जो कार्रवाई की, वहीं से छात्रों में नाराजगी शुरु हुई।
क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ की गई, अवांछित लोगों को वहां घुसने दिया गया, मां-बाप को अपने बेटी की लाश को देखने से घंटों तक रोका गया, FIR में देरी हुई, जो भीड़ रात में अस्पताल में सबूत मिटाने के लिए घुसी थी, उसे रोकने में पुलिस नाकाम रही। मुख्य आरोपी रातभर पुलिस की बाइक पर घूमता रहा। इन सारी बातों ने लोगों को कोलकाता पुलिस के प्रति आक्रोशित किया है। उस पर भी पुलिस ने छात्रों की पिटाई की, टियर गैस चलाई, वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। इतना सब होने के बाद मुख्यमंत्री अगर पुलिसवालों की तारीफ करेंगी तो इसे लोग कैसे बर्दाश्त करेंगे? इसीलिए पुलिस के प्रति जो लोगों की नाराजगी है, वो सरकार के प्रति गुस्से में बदल गई।
अगर ममता बनर्जी ने इन सारी बातों का राजनीतिक इस्तेमाल किया, तो बीजेपी ने भी लोगों के इस गुस्से का फायदा उठाया। तीसरी बड़ी बात ये है कि जब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बंगाल की बेटी के साथ हुए जुल्म का जिक्र किया तो उनकी नीयत पर भी तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने सवाल उठाए। ये एक अच्छी परंपरा नहीं है। राष्ट्रपति ने किसी एक घटना के बारे में, किसी एक राज्य के बारे में कमेंट नहीं किया। उन्होंने तो पूरे देश में महिलाओं पर हो रहे जुल्म के खिलाफ आवाज उठाई। जैसे राष्ट्रपति निराश और भयभीत हैं, वैसे इस देश की हर बहन-बेटी के मन में डर है और निराशा का भाव है।
राष्ट्रपति जी ने उस दिन का जिक्र किया जब स्कूलों की बच्चियां रक्षाबंधन के दिन उन्हें राखी बांधने आई थीं, तो इन बच्चियों ने बड़ी मासूमियत से पूछा था क्या उन्हें ये आश्वासन मिल सकता है कि भविष्य में कभी निर्भया जैसा हादसा नहीं होगा? राष्ट्रपति महोदया ने जो बात बताई, उसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाएगा। हमारे देश में छोटी-छोटी बच्चियों के मन में किस तरह का डर है, किस तरह का खौफ है, अपनी सुरक्षा को लेकर वो किस तरह से चिंतित हैं, ये हम सबके लिए शर्म की बात है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज इस बात का जिक्र किया है कि कैसे कई जगहों पर छोटी-छोटी मासूम बच्चियों के खिलाफ जुल्म होता है, बर्बरता होती है। ज़रूरत है, ऐसी घटनाएं बंद हो। (रजत शर्मा)
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