प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को साफ कहा कि 4 जून को "आएगा तो मोदी ही"। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 4 जून को सिर्फ मोदी ही रह जाएगा, 4 जून के बाद इंडी एलायन्स खटाखट..खटाखट बिखर जाएगा। शहजादों की जोड़ी खटाखट छुट्टियां मनाने निकल जाएगी क्योंकि जनता खटाखट.. खटाखट बटन दबाकर विरोधियों को खटाखट बाहर कर देगी। राहुल गांधी आजकल अपनी हर रैली में कहते हैं कि 4 जून के बाद इंडी अलायन्स की सरकार बनेगी और 4 जुलाई को महिलाओं के अकाउंट में खटाखट, खटाखट पैसा ट्रांसफर होगा। इसीलिए मोदी ने उसी अंदाज में जवाब दिया। राहुल गांधी गुरुवार को घर पर थे, उन्होंने कोई रैली नहीं की, लेकिन वो और अखिलेश साथ साथ रैलियां कर रहे हैं। इसलिए मोदी ने यूपी में दो शहजादों की बात की।
गुरुवार को अखिलेश ने लखनऊ में अरविन्द केजरीवाल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दोनों ने दावा किया कि 4 जून को बीजेपी की विदाई तय है। केजरीवाल ने बीजेपी को 220 और अखिलेश यादव ने बीजेपी को ज्यादा से ज्यादा 143 सीटें मिलने का दावा किया। केजरीवाल ने फिर कहा कि 4 जून के बाद योगी आदित्यनाथ की कुर्सी पर खतरा होगा, मोदी अगर जीते तो योगी मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। इस पर योगी ने कहा कि ये केजरीवाल के जेल जाने का साइड इफेक्ट है, केजरीवाल को खुद अपनी कुर्सी की चिन्ता करनी चाहिए।
गुरुवार को नरेन्द्र मोदी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़, जौनपुर, भदोही और प्रतापगढ़ में रैलियां की और हर रैली में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला बोला। मोदी ने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दो अलग-अलग पार्टियां हैं, लेकिन उनकी दुकान एक ही है, दोनों झूठ का सामान बेचते हैं। मोदी ने कहा कि बीजेपी के पक्ष में जो माहौल है, उसे देखकर शहजादों के पेट में दर्द हो रहा है, उन्हें अपनी दुकान की फिक्र है। मोदी ने चार जून को लेकर भविष्यवाणी इसलिए की क्योंकि विरोधी दलों के नेता लगातार 4 जून को बीजेपी की विदाई की भविष्यवाणी कर रहे हैं। लखनऊ में मल्लिकार्जुन खरगे और अखिलेश ने बुधवार को दावा किया था, गुरुवार को केजरीवाल और अखिलेश ने ये दावा किया।
ये तो मैंने आपको बुधवार को ही बता दिया था कि भविष्यवाणी सच होने के मामले में किसका रिकॉर्ड कैसा है। सबूत के साथ, तारीख, महीना और साल समेत सब के बयान बता दिए थे। इसलिए ये तो साबित हो चुका है कि 2014 से लेकर अब तक चुनाव नतीजों के बारे में, सियासी चालों के बारे में नरेन्द्र मोदी की भविष्यवाणी हमेशा सही साबित हुई। प्रियंका गांधी कह रही थीं कि मोदी अपने वादों से पलट जाते हैं, इसलिए जनता उन पर यकीन नहीं करेगी। तो इसकी हकीकत भी 4 जून को सामने आ जाएगी। जहां तक केजरीवाल के इस दावे का सवाल है कि मोदी अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं, 4 जून को अगर बीजेपी जीती, तो मोदी योगी को हटा देंगें, ऐसी बातें सुनकर सिर्फ हंसा जा सकता है क्योंकि राजनीति में इस तरह की बयानबाजी विरोधियों का आखिरी हथियार होता है।
केजरीवाल बहुत चालाक हैं, लेकिन जनता उनसे ज्यादा चतुर है। सब इस बात को समझते हैं कि चूंकि विरोधी दल मोदी की लोकप्रियता से घबराने लगे हैं, वो जानते हैं कि मोदी का मुकाबला नहीं कर सकते, योगी भी लोकप्रिय हैं, इसलिए योगी के जाने और मोदी की जगह अमित शाह के आने का डर दिखाओ, पब्लिक को कन्फ्यूज करो, जिससे थोड़ा बहुत फायदा अगर हो सकता है, तो हो जाए। लेकिन मुझे लगता है कि ये पुराना फॉर्मूला है। जनता इसके बहकावे में नहीं आएगी। इसीलिए गुरुवार को मोदी ने कहा कि आएगा तो मोदी ही और सिर्फ इतना ही नहीं कहा, ये भी बता दिया कि यूपी में योगी ने बहुत काम किया है, समाजवादी पार्टी के राज में "वन डिस्ट्रिक्ट,वन माफिया" का फॉर्मूला चलता था, उसे बदल कर योगी ने "वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट" का फॉर्मूला लागू कर दिया है इसलिए यूपी में योगी के मुकाबले कोई नहीं। (रजत शर्मा)
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