Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajat Sharma’s Blog: तिरंगा लहराकर पाकिस्तान के प्रॉपेगैंडा की हवा निकाल रहे हैं कश्मीरी नौजवान

Rajat Sharma’s Blog: तिरंगा लहराकर पाकिस्तान के प्रॉपेगैंडा की हवा निकाल रहे हैं कश्मीरी नौजवान

पुलवामा जिले के डिप्टी कमिश्नर बशीर-उल हक चौधरी ने कहा कि इस बार कश्मीरी आवाम का जोश देखने लायक है।

Written By: Rajat Sharma
Published on: August 12, 2022 17:19 IST
Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog on Tiranga Rally, Rajat Sharma Blog on Kashmir Tiranga- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 'हर घर तिरंगा' रैली में 8,000 से भी ज्यादा छात्रों और नौजवानों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम अवंतीपोरा के त्राल इलाके में आयोजित किया गया था, जो कभी आतंकवादियों का गढ़ हुआ करता था।

इससे पहले 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के खात्मे की तीसरी बरसी पर पुंछ जिले में सैकड़ों स्कूली छात्राओं ने एक रैली में हिस्सा लेते हुए तिरंगा लेकर मार्च निकाला था। आतंकियों के एक और गढ़, बांदीपोरा जिले में कश्मीरी स्कूली छात्राओं ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत राष्ट्रगान और 'सारे जहां से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा' गाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया 'हर घर तिरंगा' कैंपेन 'आजादी का अमृत महोत्सव' (स्वतंत्रता के 75वें वर्ष) का हिस्सा है, जिसमें नागरिकों को अपने घरों पर तिरंगा लहराकर राष्ट्रव्यापी उत्सव में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

स्टेडियमों, स्कूलों और चौक-चौराहों पर तिरंगा लहराते कश्मीरी नौजवानों की तस्वीरें देखने लायक हैं, क्योंकि 3 साल किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि घाटी में देशभक्ति से भरपूर इस तरह का कोई आयोजन हो भी सकता है। इन तस्वीरों ने स्वाभाविक रूप से सीमा पार बैठे अलगाववादियों और उनके पाकिस्तानी आकाओं को हताश कर दिया है, और इसी हताशा में वे अब आर्मी के कैंप पर हमला कर रहे हैं और प्रवासी मजदूरों को निशाना बना रहे हैं।

गुरुवार तड़के दो पाकिस्तानी आतंकवादियों ने राजौरी जिले के दरहाल से 9 किलोमीटर दूर परघल गांव में 11वीं राजस्थान राइफल्स के एक आर्मी कैंप में घुसने की कोशिश की। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने कॉम्बैट ड्रेस पहनी हुई थी और उनका ताल्लुक जैश-ए-मोहम्मद से था। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें पहली बार मंगलवार शाम को दरहाल बस स्टैंड पर देखा गया था, लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही वे फरार हो गए थे।

गुरुवार तड़के करीब 2.10 बजे दोनों आतंकियों ने बाड़ पार करके चौकी के अंदर घुसने के लिए ग्रेनेड फेंका, लेकिन हमारे सतर्क जवानों ने जवाबी फायरिंग कर उन्हें चुनौती दी। आतंकवादी खराब मौसम का फायदा उठाकर अंदर घुसने में कामयाब रहे, और भारी गोलीबारी में स्टील कोर गोलियों का इस्तेमाल किया। दोनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया, लेकिन 4 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में सेना के 4 जवान वीरगति को प्राप्त हुए। इन जवानों में राजस्थान के झुंझुनू के सूबेदार राजेंद्र प्रसाद, तमिलनाडु के मदुरै के राइफलमैन लक्ष्मणराव, हरियाणा के फरीदाबाद के राइफलमैन मनोज कुमार और हरियाणा के हिसार के राइफलमैन निशांत मलिक शामिल हैं। मारे गए आतंकियों के पास से 2 एके राइफल और भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किए गए हैं।

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि राजौरी और नौशेरा इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है क्योंकि ऐसी खुफिया जानकारी मिली है कि पाकिस्तान स्वतंत्रता दिवस समारोह में खलल डालने के लिए बड़ी संख्या में ‘फिदायीन’ आतंकी भेज रहा है। उन्होंने कहा, 'वे (आतंकवादी) यहां भी उरी जैसा हमला दोहराना चाहते थे, लेकिन हमारे जवानों ने बहादुरी से मुकाबला किया और उन्हें मार गिराया। नियंत्रण रेखा दरहाल से करीब 30 किमी दूर है और इसमें दो संभावनाएं निकलकर आ रही हैं। या तो आतंकवादी LoC पार कर दरहाल पहुंचने के लिए पहाड़ी रास्ता अपना रहे हैं या फिर उन्हें जैश कमांडरों ने दक्षिण कश्मीर से भेजा है।

कश्मीर घाटी में अलगाववादी और आतंकवादी संगठन अब हताश हो गए हैं, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा कश्मीरी नौजवान अब स्वतंत्रता दिवस समारोह और तिरंगा रैलियों में हिस्सा ले रहे हैं। ये रैलियां उन इलाकों में निकल रही हैं जो कभी आतंकियों का गढ़ हुआ करते थे, जहां सुरक्षाबलों पर नौजवान पत्थर बरसाते थे। लेकिन अब कश्मीरी लड़कियां हिजाब पहनकर गर्व से तिरंगा लहरा रही हैं और राष्ट्रगान गा रही हैं। यह बदला हुआ कश्मीर है, पिछले 3 साल में घाटी की फिजा बदल चुकी है। पुलवामा जिले के डिप्टी कमिश्नर बशीर-उल हक चौधरी ने कहा कि इस बार कश्मीरी आवाम का जोश देखने लायक है। उन्होंने कहा, ‘लोग खुद ब खुद अपने घरों से तिरंगा लेकर निकल रहे हैं।’

पुंछ के उर्दू स्कूल में स्थानीय प्रशासन ने कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया था। यहां छोटे-छोटे बच्चों और बच्चियों ने स्कूल को तिरंगे के रंग में रंग दिया। हजारों छात्र एक साथ तिरंगा लेकर खड़े थे। खास बात यह है कि इन्हें तिरंगा किसी ने दिया नहीं था, मुफ्त में मिला नहीं था, ये अपने घर से तिरंगा लेकर आए थे। उन्हें स्कूल के टीचर्स ने प्रेरित किया था, और देशभक्ति के गीतों पर गाने और डांस का रिहर्सल करवाया था। गुरुवार की रात अपने प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में हमने दिखाया था कि कैसे छोटी-छोटी बच्चियां पूरे जोश के साथ ‘सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा’ गा रही थीं।

आतंकवादियों के एक और गढ़ अनंतनाग में सैकड़ों स्थानीय लोगों ने तिरंगा रैली में हिस्सा लिया और ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ जैसे नारे लगाए। श्रीनगर में BSF के जवानों ने पंथा चौक से डल झील तक तिरंगा बाइक रैली निकाली। हाल के महीनों में घाटी के हालात में काफी बदलाव आया है।

जाहिर सी बात है कि घाटी के लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को हिलोरें लेता देखकर आतंकवादी हताशा से भर गए हैं। बांदीपोरा जिले के सुंबल के सोदनारा में गुरुवार की रात आतंकियों ने बिहार के प्रवासी मजदूर मोहम्मद अमरेज को गोली मार दी। वह घाटी के ही एक शख्स के घर पर रहता था। 'सॉफ्ट टारगेट' को निशाने पर लेकर ये आतंकी घाटी में रहने वाले बाहरी लोगों के बीच डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा करके वे कश्मीरियों का समर्थन खोते जा रहे हैं।

कश्मीर में तिरंगा लहराते नौजवानों की तस्वीरें, तिरंगे के साथ देशभक्ति के गीत गाती बेटियों की तस्वीरें, महबूबा मुफ्ती जैसे उन नेताओं को करारा जवाब है जो कहते थे कि अगर अनुच्छेद 370 को हटाया तो कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं मिलेगा। लेकिन उनकी यह आशंका बेबुनियाद साबित हुई और आज कश्मीर में हर हाथ में तिरंगा है, हर घर पर तिंरगा है, हर नौजवानों के दिल में तिरंगा है।

पिछले हफ्ते जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से मेरी मुलाकात हुई थी। मैंने उनसे घाटी के हालात के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कैसे आज वाकई में कश्मीर की फिजा बदल गई है। सिन्हा ने कहा कि कश्मीर में अमन है, कश्मीर में चैन है, कश्मीर में नए हाईवे, नए अस्पताल, नए पावर प्रोजेक्ट और नए स्कूल बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मल्टीप्लेक्स बन रहा है, नए स्टेडियम बन रहे हैं, नौजवानों को स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग मिल रही है, रोजगार मिल रहा है और खौफ खत्म हो रहा है। अब अलगाववादियों की अपील पर रोज़-रोज़ घाटी में  हड़तालें नहीं होती। पिछले एक साल में 1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा सैलानी कश्मीर पहुंचे हैं। कश्मीर में इस साल अब तक 136 आतंकी मारे जा चुके हैं। अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद से पिछले 3 सालों में 690 आतंकी मारे जा चुके हैं।

यह इस बात का सबूत है कि कश्मीर के हालात अब बदल चुके हैं। ज़ाहिर सी बात है कि आतंकवादी, अलगाववादी और उनके पाकिस्तानी आका इससे बेचैनी और हताशा महसूस कर रहे हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि वे एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं। सेना के कैंप पर गुरुवार को हुआ हमला इसी हताशा और बेचैनी का नतीजा था। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 11 अगस्त, 2022 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement