झारखंड से हैरान करने वाली तस्वीरें आईं। झारखंड सरकार में कांग्रेस के मंत्री आलमगीर के पर्सनल सेक्रेट्री के नौकर के घर से 30 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश बरामद हुआ। 500-500 के नोटों की गड्डियां बैग्स में भरी हुई थी। कमरे में नोटों का पहाड़ बन गया। नोट गिनने वाली मशीनें देर रात तक गिनती में लगीं। चुनाव के दौरान कांग्रेस के मंत्री के करीबी के घर से इतनी बड़ी मात्रा में नोटों की बरामदगी से कांग्रेस समेत सभी विरोधी दलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि नोटों की गड्डियां पूरी दुनिया ने देखी। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने अपनी रैलियों में ये मुद्दा उठाया। मोदी ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि कांग्रेस लूट का धंधा नहीं छोड़ सकती, जहां मौका मिलता है, कांग्रेस का पंजा अपना काम कर देता है लेकिन लूटने वालों को एक-एक पाई लौटानी पड़ेगी, ये मोदी की गारंटी है। कांग्रेस के नेताओं के पास तो अपने मंत्री के बचाव में कोई तर्क नहीं हैं लेकिन मंत्री ने सफाई दी है। आलमगीर आलम ने कहा है कि उनका पर्सनल सेकेट्री सरकारी अफसर है, उससे उनका कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं है, इसलिए उसके पास जौ पैसा मिला है, वो किसका है, उन्हें नहीं मालूम, इस नकद से उनका नाम जोड़ना गलत है।
लेकिन बड़ी बात ये है कि जांच एजेंसियों को नोटों की गड्डियों के साथ जो कागजात मिले हैं उन दस्तावेजों से मंत्री का लेना-देना साबित होता है। पैसा ट्रांसफर पोस्टिंग का है, मनमाने तरीके से टेंडर्स अलॉट करवाने का है या फिर नोटों के बंडल भ्रष्टाचार की काली कमाई के हैं। ईडी ने सोमवार को रांची में जहांगीर आलम नाम के शख्स के घर में छापा मारा। जहांगीर आलम झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल सेक्रेटरी संजीव लाल का घरेलू नौकर है। जहांगीर आलाम की महीने भर की कमाई बीस हजार रुपये से ज्यादा नहीं है लेकिन जहांगीर आलम के घर से 500-500 के नोटों की 5 हजार से ज्यादा गड्डियां मिली, बड़ी-बड़ी पॉलीथीन्स में, कपड़ों के बैग्स में नोट ही नोट भरे थे। ED की टीम को जब एक साधारण से गरीब दिखने वाले शख्स के घर में इतनी भारी मात्रा में नोट मिले तो ED के अफसर भी दंग रह गए। असल में सुबह ED की टीम्स ने रांची में आज एक साथ 6 ठिकानों पर रेड की। जिन लोगों के ठिकानों पर ED के छापे पड़े उनमें जहांगीर आलम, ठेकेदार मुन्ना सिंह, सड़क निर्माण विभाग के इंजीनियर विकास कुमार और कुलदीप मिंज शामिल थे।
ED को मंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी के नौकर जहांगीर के घर पर नोटों का पहाड़ मिला। इतने नोट थे कि उन्हें गिनने के लिए ED को बैंकों कैश गिनने की मशीनें मंगानी पड़ी। दोपहर तक नोट गिनते गिनते मशीनें गर्म होने लगी। दो मशीनें खराब हो गईं। इसके बाद, बैंक से नोट गिनने की और बड़ी मशीन मंगानी पड़ीं। इसके अलावा मंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी संजीव लाल के करीबी ठेकेदार मुन्ना सिंह के घर से भी 5 करोड़ रुपये का कैश मिला। जिस वक्त झारखंड में नोटों के पहाड़ मिले, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओडिशा में रैली कर रहे थे।। रैली में मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस के शहज़ादे को बताना पड़ेगा कि कांग्रेस ने लूट का माल छुपाने के ऐसे कितने गोदाम बना रखे हैं। मोदी ने आंध्र प्रदेश की रैली में कहा कि जो ED-ED चिल्ला रहे थे, उन्हें ED से इतना दर्द क्यों हो रहा है, उसका सबूत आज फिर मिल गया। मोदी ने कहा कि अब तक कांग्रेस और उसके साथियों ने देश को लूटा है, अब मोदी लूट का माल जनता को लौटाएगा।
असल में झारखंड में कांग्रेस के मंत्री के करीबियों के ठिकानों से नोटों के ढेर मिले हैं, वो सब पुराने घोटालों की जांच का नतीजा है। ED की ये छापेमारी ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी है। वीरेंद्र राम को ED ने पिछले साल फरवरी में गिरफ़्तार किया था। निलम्बित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने माना था कि वो सड़कें बनाने और दूसरे ठेके देने के बदले में एक से तीन परसेंट कमीशन लेता था। 2023 में वीरेंद्र राम को गिरफ़्तार करने के बाद, ED ने उसकी करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी भी अटैच की थी। ED को शक था कि सस्पेंड होने के बावजूद, वीरेंद्र राम अभी भी झारखंड के सरकारी ठेकों में कमीशनखोरी के रैकेट से जुड़ा था। इसके बाद ED ने झारखंड सरकार को कार्रवाई के लिए इस बारे में सीक्रेट लेटर लिखे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद ED ने ख़ुद वीरेंद्र राम और उससे जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ जांच शुरू की। इनमें कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल सेक्रेटरी संजीव लाल भी शामिल थे। दिलचस्प बात ये है कि आज ED को छापेमारी में संजीव लाल के नौकर जहांगीर के यहां से वो चिट्ठी भी मिली जो ED ने झारखंड सरकार को लिखी थी। ED की टीम को कुछ हाथ से लिखे कागज़ भी मिले हैं, जो सरकारी के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े हैं।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि ये सारा पैसा आलमगीर आलम का ही है जो ट्रांसफर पोस्टिंग और ठेकेदारी से कमाया गया है। "हाथ कंगन को आरसी क्या।।।पढे लिखे को फारसी क्या", "प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्" यानि जब सबूत सामने हैं, वीडियो में नोटों के बंडल दिख रहे हैं तो फिर कांग्रेस कितनी भी सफाई दे, कोई भी इल्जाम लगाए, किसी के गले नहीं उतरेगा। झारखंड प्राकृतिक और खनिज संपदाओं के मामले में सबसे धनी राज्य है। लेकिन इसके बाद भी राज्य के लोग सबसे गरीब है और वहां के नेताओं के नौकर नोटों के ढेरों पर सोते हैं। इसीलिए ये तो पूछा जाएगा कि नेताओं के पास ये पैसे कहां से आया? किसका है? पिछले साल झारखंड में ही कांग्रेस के एक व्यापारी सांसद की फैक्ट्री से साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये का कैश मिला। और अब कांग्रेस के मंत्री के PS के नौकर के घर से करोड़ों का कैश बरामद हुआ। इसलिए बीजेपी इसे मुद्दा बनाए तो कोई गलत बात नहीं हैं। अब चुनाव के दौरान कांग्रेस और विरोधी दलों के नेता सफाई देंगे, ED के एक्शन पर सवाल उठाएंगे और नरेंद्र मोदी अपनी हर रैली में नोटों की गड्डियों की याद दिलाएंगे और कहेंगे लूट का माल तो लौटाना पड़ेगा। (रजत शर्मा)
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