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Rajat Sharma's Blog : गाज़ा में युद्धविराम की अपील, पर इजरायली बमबारी जारी

इजरायल और हमास के मामले पर पूरी दुनिया दो भागों में तो पहले ही बंट चुकी थी लेकिन अब दो तरह की सोच वाले मुल्कों के बीच टकराव दिखाई दे रहा है, जो चिंता की बात है। जहां तक इजरायल का सवाल है,उसे दुनिया के एक बड़े हिस्से का समर्थन है। हमास की बर्बरता के बाद इजरायल ठान चुका है कि वह हमास को सबक सिखा कर रहेगा।

Written By: Rajat Sharma
Updated on: October 31, 2023 6:10 IST
Rajat Sharma, India TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

शुक्रवार की रात को जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारी बहुमत से एक प्रस्ताव पारित कर गाज़ा में तुरंत युद्धविराम लागू करने की अपील की, उसी समय इजरायल की सेना गाज़ा में ज़बरदस्त बमबारी कर रही थी।  संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह प्रस्ताव जॉर्डन और अन्य अरब मुल्कों ने पेश किया था। इसके पक्ष में 120 वोट पड़े, जबकि अमेरिका, इजरायल सहित 14 देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया। भारत, ब्रिटेन, कनाडा सहित 45 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।  कनाडा की मांग थी कि प्रस्ताव में हमास द्वारा 7 अक्टूबर को किये गये बेगुनाहों के कत्लेआम की निंदा की जाय, लेकिन अरब देश इसे शामिल करने के लिए तैयार नहीं हुए।  इधर, इजरायल और हमास की जंग की चिंगारी दूसरे देशों में फैलने का खतरा पैदा हो गया है। जंग की आग इजरायल की सीमा से आगे बढ़कर सीरिया और इराक़ तक पहुंचने के आसार हैं।   इस जंग  में अमेरिका और  ईरान  आमने सामने हो गए हैं।   अमेरिकी वायु सेना के एफ-15 और एफ-16 विमानों ने शुक्रवार की सुबह सूरज निकलने से पहले सीरिया और इराक में कई मिसाइल्स फायर की। अमेरिका का दावा है कि इराक़ और सीरिया में उसके बेस पर पिछले कुछ दिनों में हमले हुए हैं, इसलिए अमेरिका ने आतंकवादियों के ठिकानों को बर्बाद किया है। इसी बीच एक रॉकेट मिस्र में गिरा। इससे मिस्र आगबबूला है। इजरायल का कहना है कि ये हमास का रॉकेट है जो मिसफायर हुआ लेकिन हमास का दावा है कि इजरायल ने मिस्र के खिलाफ मोर्चा खोला है। मिस्र ने कहा है कि वो खामोश नहीं बैठेगा, जवाब देगा। ईरान ने भी जंग की तैयारी शुरू कर दी है। 

ईरान के विदेश मंत्री ने कहा है कि अगर गाज़ा पर बमबारी तुंरत बंद नहीं हुई तो अब इजरयइली सेना को ईरानी फौज का सामना करना पड़ेगा। कुल मिलाकर अब इजरायल और हमास की जंग में ईरान, सीरिया, लेबनान और मिस्र के साथ साथ अमेरिकी फौज भी सक्रिय हो गई है। दूसरी तरफ इजरायल ने गुरुवार और शुक्रवार की रात के अंधेरे में गाजा में ज़मीनी हमला शुरू किया, लेकिन वही हुआ जिसकी आशंका अमेरिका बार बार जाहिर कर रहा था। रात में इजरायल की सेना  टैंकों के साथ गाजा में घुसी लेकिन थोड़ी ही देर के बाद इजरायली टैंक वापस लौटने पर मजबूर हो गए क्योंकि हमास की तरफ से इजरायल पर जवाबी हमला हुआ। हमास के  जवाबी हमले से इजरायली सेना भी चौंक गई और उसने वापस लौटने में ही भलाई समझी। हालांकि इजरायल का दावा है कि उसने हमास के बड़े कमांडर और हमाल की हवाई विंग के चीफ  को मार गिराया है और उसके कई ठिकाने बर्बाद कर दिए हैं। इजरायल जो दावे कर रहा है, वो अपनी जगह है लेकिन अब ये जंग दूसरे मुल्कों की तरफ बढ़ता दीख रहा है। पूर्वी सीरिया में इरान समर्थित आतंकियों के जिन ठिकानों पर अमेरिकी वायु सेना के विमानों ने शुक्रवार को हमले किये, वे मुख्यत: गोलाबारूद और हथियार वाले भंडार थे।  छह फाइटर जेट्स ने सीरिया और इराक़ की सीमा पर अबु कमाल नाम के ठिकाने पर प्रिसिज़न बॉम्बिंग की,  मतलब सटीक निशाना लगाने वाली मिसाइलें दाग़ी।  इन हमलों में ईरान की सेना के इलीट रिपब्लिकन गार्ड्स के ठिकाने नष्ट हो गए।  

अमेरिका ने एक बयान में बताया है कि 17 अक्टूबर के बाद से सीरिया और इराक़ में उसके सैनिक अड्डों पर लगातार हमले हो रहे थे, जिनमें  अमेरिका के 21 सैनिक घायल हो गए थे। उसी का बदला लेने के लिए अमेरिकी विमानों ने ये बमबारी की। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने एक बयान में कहा कि 17 अक्टूबर से अब तक उसके ठिकानों पर 12 से ज़्यादा हमले हो चुके हैं।  अमेरिका का कहना है कि ये हमले ईरान के सपोर्ट वाले ग्रुप कर रहे हैं जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश पर सीरिया-इराक़ बॉर्डर पर रिपब्लिकन गार्ड्स के हथियारों के डिपो पर बमबारी की गई। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद, पूरे मिडिल ईस्ट में भयंकर तनाव है। इज़राइल की मदद के लिए, अमेरिका ने अपने दो जंगी बेड़े मिडिल ईस्ट में तैनात कर दिए हैं। तीसरा अमेरिकी एयरक्राफ्ट करियर पहले से ही मिडिल ईस्ट में मौजूद है।  

इजरायल और हमास के मामले पर पूरी दुनिया दो भागों में तो पहले ही बंट चुकी थी लेकिन अब दो तरह की सोच वाले मुल्कों के बीच टकराव दिखाई दे रहा है, जो चिंता की बात है।  जहां तक इजरायल का सवाल है,उसे दुनिया के एक बड़े हिस्से का समर्थन है। हमास की बर्बरता  के बाद इजरायल ठान चुका है कि वह हमास को सबक सिखा कर रहेगा।  फिलहाल उसकी सबसे बड़ी मांग ये है कि हमास ने जिन 224 लोगों को  बंधक बनाया हुआ है, उन्हें छोड़े, लेकिन इसके बाद भी इजरायल  इस बात की कोई गारंटी नहीं देना चाहता कि वो गाज़ा में हमास पर हमले रोक देगा। दूसरी तरफ दुनिया को चिंता है, गाज़ा में रहने वाले आम लोगों की। गाजा में रहने वाले लोगों के पास खाने पीने और दवाओं की भारी कमी है, अस्पताल तबाह हो चुके हैं। न पेट्रोल है,  न बिजली  और जो मदद पहुंच रही है, वो न के बराबर है। गाजा में इस जंग के पहले करीब पांच सौ ट्रक रोज जाते थे,अब पिछले तीन हफ्ते में खाने पीने और दवाईयों को लेकर सिर्फ 76 ट्रकों को जाने की अनुमति मिली। इंसानियत के लिहाज से ये बहुत कम है। इजरायल ने गाजा को दी जाने वाली बिजली की सप्लाई भी कम कर दी है, ईंधन भी कम है। ये सप्लाई इसीलिए रोकी गई कि हमास के आतंकवादी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन अब धीरे धीरे इजरायल पर इस बात के लिए दबाव बन रहा है कि वो ज़रूरत का सामान जाने की इजाज़त दे। गाज़ा में रहने वाले लोगों को भोजन, पानी और दवा के साथ साथ बिजली की भी सप्लाई मिले लेकिन अभी तक इस बारे में इजरायल ने कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिया है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 27 अक्टूबर, 2023 का पूरा एपिसोड

 

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