बुधवार को देशभर में रंगों की बारिश हुई। लोगों ने पूरे जोश और उमंग के साथ होली मनाई। होली का जोश नेताओं में भी दिखा। राजनीतिक दलों और बड़े-बड़े नेताओं ने होली के कार्यक्रम आयोजित किए। इन कार्यक्रमों में होली के रंग के अलावा सियासत और डिप्लोमेसी के रंग भी दिखे। दिल्ली में राजनाथ सिंह ने अपने घर पर होली मिलन का कार्यक्रम रखा और इसमें अमेरिका की कॉमर्स सेक्रेट्री जीना रायमोंडो भी शामिल हुई। उन्होंने 'आज बिरज में होली रे रसिया' गीत की धुन पर डांस किया। उन्होंने अपने साथ राजनाथ सिंह को भी डांस कराया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ताली बजाई।
इस होली मिलन समारोह में जी-20 देशों के ज्यादातर मंत्रियों ने हिस्सा लिया। राजनाथ सिंह ने जीना रायमोंडो को एक दिग्गज राजनीतिज्ञ बताया। उन्होंने कहा कि जीना होली समारोह को लेकर उत्सुक थीं इसलिए मैंने उन्हें यहां आमंत्रित किया। रायमोंडो चार दिनों की यात्रा पर भारत आई हैं और वह भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता और सीईओ फोरम में हिस्सा लेंगी। अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने कहा, उनकी यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच 'व्यापार और निवेश के नए अवसरों को खोलना है'। भारत और अमेरिका हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे का हिस्सा हैं। पीयूष गोयल ने कहा भारत और अमेरिका एक-दूसरे के नेचुरल सहयोगी हैं। हमारा एजेंडा संभावनाओं से भरा है और हम एक सुरक्षित इंडो-पैसेफिक (हिंद-प्रशांत) के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बहुत रिजर्व रहने वाले इंसान हैं लेकिन जब जीना रायमोंडो ने उनसे डांस करने का आग्रह किया तब पहली बार वे कैमरे के सामने थिरकते हुए नजर आए।
केजरीवाल, सिसोदिया और तिहाड़ जेल
जब पूरा देश होली खेल रहा था, लोग रंगों से सराबोर थे, उस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 7 घंटे तक ध्यान किया और ‘देश के लिए प्रार्थना की।’ आम आदमी पार्टी के बाकी नेता भी दिल्ली के आबकारी घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए मेडिटेशन कर रहे थे। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को तिहाड़ जेल में पेशेवर अपराधियों के बीच रखा गया है, और उनकी जान को खतरा है, लेकिन जेल प्रशासन ने तुरंत ही आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। जेल प्रशासन ने एक बयान में कहा, ‘सिसोदिया की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें एक अलग वॉर्ड में रखा गया है। वॉर्ड में बहुत कम कैदी हैं जो कुख्यात अपराधी नहीं हैं और उनका जेल में अच्छा आचरण है।’
यह सही है कि मनीष सिसोदिया कोई पेशेवर अपराधी नहीं हैं, उन्हें जेल में सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए। उनकी सेहत का भी ध्यान रखा जाना चाहिए, पर केजरीवाल के साथियों को यह तय करना होगा कि वे जेल के बारे में क्या सोचते हैं। पिछले साल नवंबर में, जब AAP के तत्कालीन मंत्री सत्येंद्र जैन का बलात्कार के एक आरोपी से मालिश कराने और जेल के अंदर शाही लंच करने के वीडियो सामने आए, तो AAP नेता मसाज को सही ठहरा रहे थे। सौरभ भारद्वाज ने तब कहा था कि जैन को जेल के अंदर सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए। आज यही लोग कह रहे हैं कि जेल में मनीष सिसोदिया की हत्या हो सकती है। मजे की बात ये है कि जेल का प्रशासन केजरीवाल की सरकार के अंडर आता है, तो फिर उनकी शिकायत किससे है?
यूपी की जेलों में गैंगस्टर
उत्तर प्रदेश में अपराधियों की होली खौफ में बीती, क्योंकि उमेश पाल मर्डर केस के बाद पुलिस ने जबरदस्त सख्ती कर दी है। जो अपराधी अधिकारियों के साथ मिलकर जेल में ऐश कर रहे थे, अब उनकी जान आफत में है। गैंगस्टर अतीक अहमद का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है। उसने ही अपने साले सद्दाम को बताया था कि प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या को कैसे अंजाम दिया जाए। सद्दाम ने ही जेल में अशरफ और शूटरों की मुलाकात कराई थी। पुलिस ने अशरफ की मदद करने वाले जेल के आरक्षी शिव हरि अवस्थी और जेल में सब्जी की सप्लाई करने वाले दयाराम उर्फ नन्हे को गिऱफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि नन्हे सब्जी की गाड़ी में मोबाइल फोन, खाने-पीने का सामान और दूसरी चीजें छिपाकर अशरफ को पहुंचाया करता था, जबकि आरक्षी अवस्थी सद्दाम के साथ 5-6 लोगों को जेल के अंदर पहुंचा देता था, फिर वे जेल के अंदर बने एक गोदाम में मीटिंग करते थे। आरोप ये भी हैं कि अशरफ, जिसका असली नाम खालिद अजीम है, जेले से ही अपने केस के गवाहों को धमकाया करता था। अशरफ के ऊपर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं जिनमें हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, जमीन पर अवैध कब्जे और रंगदारी समेत गैंगस्टर एक्ट के तहत कई केस दर्ज हैं। अशरफ राजू पाल के मर्डर केस का मुख्य आरोपी है। अतीक के जेल जाने के बाद उसका दहशत का कारोबार अशरफ ही चला रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार की सख्ती के बावजूद पिछले 6 सालों में यूपी की जेलों के अंदर माफिया सरगनाओं का राज रहा है। अशरफ जैसे गैंगस्टर जेलों के अंदर बैठकर पूरे सिस्टम को कंट्रोल किया करते थे।
यूपी की चित्रकूट जेल में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी अपनी पत्नी से जेल के कमरे में बेरोकटोक मुलाकात किया करता था। वह बाहरी लोगों से संपर्क करने के लिए व्हाट्सऐप का इस्तेमाल करता था। अचानक छापेमारी के बाद जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर और वार्डन को गिरफ्तार करना पड़ा। इससे साबित होता है कि जेलों में तैनात पुलिसकर्मी, अपराधी और सप्लायर सब आपस में मिले हुए हैं। जरूरत इस बात की है कि जेल अधिकारियों और अपराधियों के इस नेक्सस को तोड़ने के लिए एक बार यूपी की सारी जेलों की जांच कराई जाए। जहां-जहां माफिया और जेल प्रशासन की मिलीभगत मिले, वहां सख्त कार्रवाई की जाए। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 08 मार्च, 2023 का पूरा एपिसोड