ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा। 14 साल के बाद कंजरवेटिव पार्टी सत्ता से बाहर हो गई। 200 साल में कंजरवेटिव पार्टी को सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। वक्त से पहले चुनाव कराने का दांव ऋषि सुनक को भारी पड़ा और 14 साल के बाद लेबर पार्टी की धमाकेदार में वापसी हुई, ज़बरदस्त जीत हुई। 650 सदस्यों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में लेबर पार्टी ने 412 सीटें जीती हैं जबकि ऋषि सुनक की कंजरवेटिव पार्टी को सिर्फ 121 सीटें मिलीं। लेबर पार्टी के नेता कियर स्टारमर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। चुनाव के नतीजे आने के बाद, कियर स्टारमर ने ब्रिटेन के किंग चार्ल्स थर्ड से मुलाक़ात की और किंग ने उन्हें ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। किंग चार्ल्स से मुलाक़ात के बाद कियर स्टारमर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे, जहां उनका ज़ोरदार स्वागत हुआ। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने चुनाव में हार स्वीकार करते हुए किंग चार्ल्स से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इसके बाद वह अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ प्राइम मिनिस्टर्स हाउस से निकल गए थे।
ऋषि सुनक की कंजरवेटिव पार्टी पिछले 14 साल से सत्ता में थी। इस दौरान पार्टी तमाम विवादों में घिरी रही। अर्थव्यवस्था की बुरी हालत, रहन-सहन के गिरते स्तर और एक के बाद एक कई स्कैंडल्स में फंसने की वजह से कंजरवेटिव पार्टी की इन चुनावों में हार लगभग तय मानी जा रही थी। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कियर स्टारमर ने अपने समर्थकों से कहा कि वो तुरंत ही काम पर लगने जा रहे हैं, क्योंकि उनके सामने बड़ी चुनौतियां हैं। ब्रिटिश संसद के चुनाव में सबसे रोचक बात ये है कि इस बार भारतीय मूल के 26 उम्मीदवार चुनाव जीतकर आए। इनकी जड़ें केरल से लेकर पंजाब तक फैली हैं। सत्ता में लौटने वाली लेबर पार्टी के टिकट पर भारतीय मूल के 19 सांसद जीते हैं। इस बार सिख समाज के 10 उम्मीदवार ब्रिटिश संसद के लिए चुने गए हैं। ये अब तक का ब्रिटिश संसद पहुंचने वाले सिख उम्मीदवारों की सबसे बड़ी संख्या है। इनमें 5 सिख महिलाएं और 5 सिख पुरूष हैं और ये सब लेबर पार्टी के हैं। इन 10 सिख सांसदों में तनमंजीत सिंह धेसी और प्रीत कौर गिल लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर आए हैं।
तनमंजीत सिंह धेसी और प्रीत कौर गिल ब्रिटिश संसद में लगातार सिख समाज से जुड़े मसले उठाते रहे हैं। इनके अलावा जो 8 सिख जीतकर आए हैं वो फर्स्ट टाइमर हैं। इस बार ब्रिटेन की संसद में 26 सांसद भारतीय मूल के होंगे। पिछली संसद में लेबर पार्टी के सिर्फ 6 सांसद ही भारतीय मूल के थे। इस बार सरकार बनाने वाली लेबर पार्टी के 19 सांसद भारतीय मूल के हैं, इसकी वजह ये है कि ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री कियर स्टारमर ने अपनी चुनावी सभाओं में कहा था कि भारत के साथ संबंध बेहतर बनाना उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताया था, स्वामी नारायण मंदिर में जाकर पूजा की थी, बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोगों को टिकट दिया और इसका असर ये हुआ कि भारतीय मूल के होने के बावजूद ऋषि सुनक भारतीय मूल के वोटरों का समर्थन नहीं पा सके। लेबर पार्टी को भी अब भारतीयों की ताकत का अंदाजा हो गया है। इसलिए उम्मीद करनी चाहिए भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में जो रुकावटें हैं, वो जल्दी दूर होंगी। कियर स्टारमर भारतीय IT प्रोफ़ेशनल्स को वर्क परमिट देने पर राजी होंगे, दोनों देशों के बीच जल्दी से जल्दी समझौता हो जाएगा। (रजत शर्मा)
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