लखनऊ में चल रहे यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन) में राज्य सरकार को बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव मिले हैं जो यूपी की जनता के लिए अच्छा संकेत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिखर सम्मेलन में ऐलान किया कि उनकी सरकार पहले ही 32.92 लाख करोड़ रुपये के 18,643 एमओयू पर साइन कर चुकी है।
यूपी में निवेश की रकम कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में भारत सरकार का जो बजट पेश किया है, वह 45 लाख करोड़ रुपये का है, जबकि उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां 27.2 लाख करोड़ रुपए आंकी गई हैं।
योगी आदित्यनाथ को उम्मीद है कि अगर निवेश प्रस्ताव पर अमल किया जाए तो 92 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने यूपी में अगले पांच साल में 75 हजार करोड़ रुपए निवेश करने का वादा किया। उन्होंने कहा, 'जियो कम्युनिकेशन, रिटेल और रिन्यूएबल एनर्जी बिजनेस के जरिए उनकी कंपनियां 75 हजार करोड़ रुपयों का निवेश करेगी और करीब एक लाख से ज्यादा रोजगार का सृजन करेगी।' अंबानी ने कहा, 'यूपी का स्वर्णिम युग शुरू हो चुका है। जैसे भारत पूरी दुनिया के लिए आशा का केंद्र बनकर उभरा है ठीक उसी तरह यूपी भारत के लिए आशा का केंद्र बन गया है।'
आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने 25,000 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था, 'यूपी प्लस योगी, बहुत हैं अब उपयोगी'। कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि पिछले छह वर्षों में योगी के नेतृत्व और पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश का कायापलट हुआ है। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि यूपी के हर हिस्से को शेष भारत से जोड़ने का एक बड़ा प्लान एयर इंडिया के पास है, यूपी के शहरों में दुनिया के महत्वपूर्ण स्थलों से जुड़ने की क्षमता है।
निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश कभी बीमारू (बिहार, एमपी, राजस्थान, यूपी) राज्य हुआ करता था। बड़े पैमानों पर अपराध के चलते यह राज्य पिछड़ता जा रहा था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है और राज्य विकास के इंजन के रूप में उभरा है। मोदी ने कहा, 'भारत अगर आज दुनिया के लिए उज्ज्वल बिन्दु है तो उत्तर प्रदेश देश के विकास को गति देने वाला राज्य है।
मोदी ने कहा कि आज यूपी के पास हर वो क्वालिटी है जो इसे आर्थिक महाशक्ति बनाने की काबिलियत रखती है। उन्होंने कहा कि यूपी की आबादी कई बड़े देशों से ज्यादा है। यूपी के पास बड़ा मार्केट, मैन पावर, स्किल्ड लेबर है और उद्योगों की स्थापना के लिए सरकार की ओर से सहूलियतें भी दी जा रही हैं। वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आने वाले वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
जिस वक्त लखनऊ में निवेशक सम्मेलन चल रहा था उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव काशी में थे। अखिलेश यादव से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने वही कहा जो कहते आए हैं। अखिलेश ने कहा कि इन्वेस्टमेंट (निवेश) लाना सीएम योगी के बस की बात नहीं हैं। उन्होंने योगी सरकार पर झूठे दावे करने का आरोप लगाया और कहा कि यूपी में अपराध बढ़ा है। इन्वेस्टमेंट सम्मिट सिर्फ दिखावे और प्रचार के लिए है। अखिलेश ने कहा कि योगी कंजूस हैं और वे उद्योगपतियों को कोई छूट नहीं देनेवाले हैं। जब उद्योगपतियों को इन्सेंटिंव (प्रोत्साहन) नहीं मिलेंगे तो वे निवेश भी नहीं करेंगे। एक कमरे में चलनेवाली कंपनियों के साथ कई एमओयू साइन किए गए हैं।
यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यूपी अब समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान होने वाली गुंडई और अराजकता से आगे बढ़ चुका है। कानून-व्यवस्था से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी पर बहुत काम हुआ है। पाठक ने कहा कि अब 'यूपी को विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता।'
यूपी में यह चौथा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट है। इसमें करीब-करीब 32.92 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं। अगर 32.92 लाख करोड़ का निवेश यूपी में हो जाता है तो प्रदेश का कायाकल्प हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ जुटे हैं और बड़े-बड़े उद्योगपति यूपी के बारे में जिस तरह की पॉजिटिव बातें कह रहे हैं, उससे उम्मीद तो जगती है कि यूपी निवेशकों के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन (पसंदीदा स्थल ) जरूर बनेगा। (रजत शर्मा)
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