समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने हाल में हुए पुलिस एनकाउंटर और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त किए जाने पर सवाल उठाया है। शिवपाल यादव का कहना है कि अपराधियों को पकड़ना पुलिस का काम है और सज़ा देना अदालत का काम है। बुलडोजर और गोली चलाना ठीक नहीं है। लेकिन सच्चाई यह कि यूपी में माफिया की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि उनको खत्म करने के लिए पुराने तौर-तरीके काम नहीं आएंगे। सख्त कार्रवाई की जरूरत है। अब तक योगी आदित्यनाथ की सरकार अतीक अहमद और उसके सहयोगियों की करीब 11 सौ करोड़ से ज्यादा की सम्पति पर या तो बुलडोजर चलवा चुकी है या जब्त कर चुकी है। लेकिन इससे अतीक अहमद के गिरोह पर कोई असर नहीं पड़ा। प्रयागराज से करीब 12 सौ किलोमीटर साबरमती जेल में बैठकर वह प्रयागराज में हत्याएं करवा रहा है। अगर अतीक के आंतक को खत्म करना है तो फिर उसके गैंग को खत्म करना ही होगा। इसलिए योगी का एक्शन ठीक है।
अतीक अहमद हों या फिर मुख्तार अंसारी, इनके गिरोह में सिर्फ अपराधी ही नहीं हैं बल्कि ऐसी खबरें हैं कि पुलिस में मौजूद कुछ लोग भी इनके मददगार हैं। जेल इनके लिए साजिशों को अंजाम तक पहुंचाने की सुरक्षित पनाहगार बन जाती है। गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी चित्रकूट जेल के अंदर अधिकारियों को हुक्म देता था। अब्बास अंसारी की पत्नी को जेल में अपने पति से बेरोक-टोक मिलने की छूट थी। हाल में एक छापे के दौरान पता चला कि जेलर से लेकर जेल सुप्रिटेंडेंट तक उससे मिले हुए थे। जेल के अंदर पैसे, गिफ्ट और ऐशो-आराम की चीजें मुहैया कराई जाती थीं। सोमवार को जेल सुप्रिटेंडेंट, जेलर और वार्डन को गिरफ्तार कर लिया गया। योगी आदित्यनाथ की सरकार को छह साल होने वाले हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ 10 हज़ार 760 ऑपरेशन किए और मुठभेड़ों में 178 अपराधियों को ढेर कर दिया। 4900 अपराधी घायल हुए जबकि 23 हजार से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं इन मुठभेड़ों में यूपी पुलिस के 15 जवान शहीद हुए जबकि 1425 जवान घायल हुए हैं। इन आंकड़ों पर उन लोगों को ध्यान देना चाहिए जो यूपी पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का इल्जाम लगाते हैं। बड़ी बात यह है कि आज यूपी में क़ानून का राज है, आमलोग चैन और शांति से रहते हैं। अब लोगों को घर से बाहर निकलने में डर नहीं लगता। उत्तर प्रदेश की बहन-बेटियां अपने आपको सुरक्षित महसूस करती हैं और किसी भी मुख्यमंत्री के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।
ब्रिटेन में राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन में हैं और वहां भी उन्होंने नरेंद्र मोदी की सरकार को कोसना जारी रखा। चाहे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में उनका संबोधन हो या फिर प्रवासी भारतीयों के बीच उनका भाषण, राहुल के निशाने पर मोदी सरकार ही रही। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। मुझे इस बात की शिकायत नहीं है कि राहुल गांधी ने लंदन में जाकर क्या बोला और वहां क्यों बोला? डिजिटल मीडिया के ज़माने में इस बात का कोई मतलब नहीं है कि कौन कहां बोलता है। सबकी बात सारी दुनिया कहीं भी, कभी भी, देख सकती है और सुन सकती है। मुझे तो लगता है कि लंदन में लोग राहुल की यह बात सुनकर हैरान हुए होंगे कि उन्हें देश में बोलने की आजादी नहीं है और विपक्ष का गला घोंटा जा रहा है। क्योंकि वहां के लोगों ने भी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल के भाषण सुने होंगे। संसद में राहुल का भाषण देखा होगा। सब जानते हैं कि राहुल तो भारत में हर बात पर बोलते हैं। चाहे नोटबंदी हो, जीएसटी हो, या फिर चीन का मुद्दा हो, जितना और जैसा चाहें वैसा बोलते हैं। कोई नहीं रोकता। राहुल गांधी जब संसद में इन सारे विषयों पर बोलते हैं तो सारे टीवी चैनल लाइव दिखाते हैं। भारत जोड़ो यात्रा का भाषण हो या राहुल की प्रेस वार्ता, लोग उनके भाषणों को आज भी यूट्यूब और विभिन्न वेबसाइटों पर देख सकते हैं। इसलिए इस बात पर तो कोई यक़ीन नहीं करेगा कि राहुल को बोलने की आज़ादी नहीं है । बल्कि लोग यह कहेंगे कि समस्या ये है कि इंडिया हो या लंदन, राहुल वही बातें बोलते हैं। न शब्द बदलते हैं,न भाव बदलते हैं, न इल्जाम बदलते हैं और न किरदार बदलते हैं। सिर्फ जगह बदलती है। बेहतर होता राहुल लंदन जाकर कुछ नया बोलते, तीखा बोलते, तथ्यों और आंकड़ों के साथ बोलते, फिर किसी को सवाल उठाने का मौका नहीं मिलता।
सीबीआई, राबड़ी देवी और विपक्ष
सोमवार को पटना में सीबीआई की टीम ने 'नौकरी के बदले जमीन' मामले में बिहारी की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से उनके घर पर चार घंटे तक पूछताछ की। राबड़ी देवी से पूछताछ करने के लिए सीबीआई की टीम अचानक नहीं पहुंची थी। सीबीआई ने पहले नोटिस दिया था और राबड़ी देवी को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन राबड़ी देवी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सीबीआई से घर पर पूछताछ करने का अनुरोध किया था। जगह, वक्त और तारीख राबड़ी देवी ने ही तय की थी। मंगलवार को सीबीआई की टीम लालू की बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित घर पर भी लालू यादव से पूछताछ करने पहुंची। लालू सिंगापुर में हुई सर्जरी के बाद इन दिनों मीसा भारती के घर पर ही स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। सोमवार को कई विपक्षी नेताओं शरद पवार, संजय राउत, अरविंद केजरीवाल, प्रियंका गांधी और तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार पर राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने का आरोप लगाया और इसकी निंदा की।
अरविन्द केजरीवाल इसलिए चिंतित हैं क्योंकि उनके करीबी सहयोगी मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में दिल्ली की एक अदालत ने 20 मार्च तक के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया है। केजरीवाल सीबीआई और ईडी के एक्शन को मुद्दा बनाकर एनसीपी, शिवसेना, सपा, राजद, नेशनल कॉन्फ्रेंस, टीएमसी, बीआरएस जैसी अन्य पार्टियों को मिलाकर मोदी विरोधी मोर्चा बनाना चाहते हैं। उन्हें तेजस्वी यादव, शरद पवार, ममता बनर्जी, केसीआर, फारूख अब्दुल्ला, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे का समर्थन भी मिल गया है। लेकिन नोट करने वाली बात यह है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस और जेडीयू ने केजरीवाल का साथ नहीं दिया। कांग्रेस का कहना है कि कुछ मामलों में सीबीआई और ईडी का एक्शन राजनीति से प्रेरित होता है लेकिन दिल्ली में मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीाई का एक्शन बिल्कुल ठीक है। कांग्रेस का कहना है कि जिस तरह मोदी सरकार सीबीआई और ईडी विरोधियों को परेशान कर रही है ठीक उसी तरह से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके कांग्रेस के नेताओं को निशाना बना रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान जहां अपने विजिलेंस डिपार्टमेंट की कार्रवाई को कानूनी बताते हैं, वहीं दिल्ली में सीबीआई और ईडी की कार्रवाई को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताते हैं। यह दोहरे मापदंड के अलावा और कुछ नहीं है। (रजत शर्मा)
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