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Rajat Sharma’s Blog: योगी की त्वरित कार्रवाई से कैसे घुटनों के बल आया एक छुटभैया नेता

श्रीकांत त्यागी ने सियासत की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी जॉइन करके की थी, और बाद में तब वह BSP में रहे स्वामी प्रसाद मौर्य का करीबी हो गया था।

Written By: Rajat Sharma
Updated on: August 09, 2022 18:51 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

देशव्यापी आक्रोश के बाद यूपी पुलिस की एसटीएफ ने एक छुटभैये नेता श्रीकांत त्यागी को मंगलवार मेरठ से  गिरफ्तार कर लिया। इस प्रकरण से पता चलता है कि भारत के लगभग हर शहर में कैसे पैसा और सियासी ताकत के बल पर छुटभैये नेता अपनी धौंस जमाते हैं। त्यागी ने सोसायटी में रहने वाली एक महिला को गाली दी थी, उसके साथ हाथापाई की थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय पुलिस थाने के SHO सहित 6 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही के लिए सस्पेंड कर दिया गया, और नोएडा अथॉरिटी के साथ-साथ नोएडा पुलिस भी हरकत में आ गई।

पुलिस द्वारा छेड़छाड़ का मामला दर्ज किए जाने के बाद से ही त्यागी 5 अगस्त से फरार था। उस पर धारा 354 (महिला का शील भंग करना और मारपीट करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था, और शनिवार को पुलिस द्वारा FIR में और धाराएं जोड़ी गईं। धारा 447 (आपराधिक अतिचार), धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) को FIR में जोड़ा गया था।

नोएडा पुलिस ने कहा कि उसने 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, और अब तक त्यागी के 6 गुर्गों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये 6 लोग रविवार की शाम को सोसायटी में गए थे और महिला को धमकाने की कोशिश की थी।  गिरफ्तार लोगों की पहचान गाजियाबाद के रहने वाले नितिन त्यागी, लोकेंद्र त्यागी, राहुल त्यागी, चर्चिल राणा, प्रिंस त्यागी और रवि पंडित के रूप में हुई है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्यागी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया और राज्य के गृह विभाग से रिपोर्ट मांगई। सोमवार को नोएडा अथॉरिटी ने आवासीय सोसायटी में त्यागी द्वारा कराए गए अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चला दिया। त्यागी के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है और उसके ठिकाने की जानकारी देने पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था, लेकिन मंगलवार की सुबह उसे मेरठ के कंकरखेड़ा के पास श्रद्धापुरी से उसके 3 साथियों के साथ पकड़ लिया गया।

पुलिस ने बताया कि  पिछले चार दिनों में त्यागी पहले नोएडा से हरिद्वार भागा, फिर ऋषिकेश गया और सहारनपुर होते हुए मेरठ आ गया। उसकी पत्नी अनु त्यागी को, जिससे नोएडा पुलिस पूछताछ कर रही थी, उसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद रिहा कर दिया गया।

यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर एक वीडियो के सामने आने के साथ शुरू हुआ। वीडियो में त्यागी एक महिला को भद्दी गालियां देते हुए और उन्हें धक्का देते हुए नजर आ रहा है। दोनों के बीच बहस तब शुरू हुई जब महिला ने त्यागी को कॉमन एरिया में ताड़ का पेड़ लगाने से रोकने की कोशिश की। त्यागी ने महिला और उसके पति पर गालियों की बौछार करते हुए उन्हें धक्का दिया। त्यागी के पास ग्राउंट फ्लोर अपार्टमेंट है, लेकिन उसने अपने फ्लैट के आसपास अवैध निर्माण करवाकर आसपास की जगह हथिया ली थी। उसने बाहर स्थित पार्क के एक बड़े हिस्से पर भी पेड़ लगाकर कब्जा कर लिया था और जब लोगों ने इसका विरोध किया, तो उसने और उसके समर्थकों ने धमकाना शुरू कर दिया।

कौन है श्रीकांत त्यागी? नोएडा के भंगेल इलाके में उसके परिवार की पुश्तैनी जमीन थी और जब नोएडा अथॉरिटी ने उसकी ज्यादातर जमीनों का अधिग्रहण किया तो परिवार को ढेर सारा पैसा मिला। परिवार के लोगों ने 80 से ज्यादा दुकानें बनवाईं, और उनके किराए से काफी आमदनी होने लगी। परिवार के पास गाजियाबाद के सिहानी गेट में ननिहाल की भी कई संपत्तियां भी थीं, जहां दुकानें बनवाकर किराए पर चढ़ाई गई थीं। चाचा के बीमार होने के बाद भंगेल का पूरा कारोबार श्रीकांत त्यागी के कंट्रोल में आ गया। भंगेल की अपनी प्रॉपर्टी में उसने अपना एक शानदार दफ्तर बनवाया, बाउंसर तैनात किए और सियासत में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी।

त्यागी ने सियासत की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी जॉइन करके की थी, और बाद में तब वह BSP में रहे स्वामी प्रसाद मौर्य का करीबी हो गया था। जब मौर्य बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए, तो त्यागी भी उनके पीछे-पीछे आया और खुद को भाजपा किसान मोर्चा का नेता घोषित कर दिया। हालांकि सोमवार को बीजेपी के किसान मोर्चा ने त्यागी से किसी भी तरह के रिश्ते से इनकार किया। अपने राजनीतिक संपर्कों की मदद से त्यागी को सरकारी गनर भी मिल गए थे और एक समय तो उसके और उसकी पत्नी के साथ 7 गनर रहते थे।

त्यागी अक्सर लखनऊ आता जाता रहता था। उसने राज्य स्तर के नेताओं के साथ दोस्ती की, बड़े-बड़े नेताओं के साथ वीडियो बनवाए और तस्वीरें खिंचवाई, और सोसायटी में अपनी दबंगई दिखाई। नोएडा के सांसद डॉक्टर महेश शर्मा और नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने श्रीकांत त्यागी से किसी भी तरह का रिश्ता होने की बात से इनकार किया। महेश शर्मा ओमैक्स सोसायटी भी गए थे और उन्होंने वहां रहने वाले लोगों को भरोसा दिया था कि त्यागी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले त्यागी ने नोएडा सेक्टर 92 में किराए पर एक बंगला लिया था, लेकिन जब उसने खुलेआम दबंगई दिखानी शुरू कर दी तो वहां के लोगों ने इसका विरोध किया। बंगले पर उसने ढेर सारे सिक्योरिटी गार्ड तैनात कर रखे थे, मेटल डिटेक्टर लगवा रखा था और वहां आने वाले हर शख्स को सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता था। त्यागी हमेशा कई गाड़ियों के काफिले के साथ चलता था, और उसके यहां देर रात तक लोगों का आना-जाना लगा रहता था जिससे उसके पड़ोसियों को अक्सर अपनी गाड़ी पार्क करने में दिक्कत होती थी।

त्यागी ने 4 महीने पहले किराए का बंगला खाली कर दिया था और Omaxe Grande आवासीय सोसायटी में रहने आया था, जहां उसने एक ग्राउंड फ्लोर अपार्टमेंट खरीदा था। त्यागी ने जल्द ही ग्राउंड फ्लोर पर अवैध अतिक्रमण शुरू कर दिया। उसने सोसाइटी के बेसमेंट तक में अवैध निर्माण करा रखा था। पार्किंग के लिए बने बेसमेंट से अपने फ्लैट में आने के लिए वह उस रास्ते का इस्तेमाल नहीं करता था, जिससे सब आते-जाते थे। खुद को VIP जताने के लिए श्रीकांत ने बेसमेंट के रास्ते से सीधे अपने फ्लैट तक आने का रास्ता बनवा रखा था।

यह सोसायटी में रहने वालों के लिए बनाए गए नियमों का साफ उल्लंघन था। त्यागी ने सोसायटी की पार्किंग में भी अपना अवैध कब्जा फैला रखा था। आमतौर पर सोसायटी की तरफ से एक से दो गाड़ियों की पार्किंग दी जाती थी, लेकिन त्यागी सब पर धौंस जमाकर बेसमेंट में अपनी 4-5 गाड़ियां पार्क करता था। वह अपने साथ बाउंसर्स भी रखता था, जिससे अगर सोसाइटी का कोई मेंबर उसे टोके-टाके तो वह उसे धमका सके। सोमवार को अवैध निर्माण के तोड़े जाने के बाद सोसायटी के लोगों ने राहत की सांस ली है।

त्यागी खुद को नोएडा के एक दबंग बीजेपी नेता के तौर पर पेश कर रहा था। वह फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करता था। वह गाड़ियों के बड़े काफिले के साथ चलता था और  सुरक्षा कर्मियों से घिरा हुआ रहता था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए उसने अपनी गाड़ियों में सायरन भी लगा रखे थे। वह अपने सिक्यॉरिटी गार्ड्स के साथ इसी सायरन वाली गाड़ी में आता-जाता था। सोसायटी के लोगों ने 3 साल पहले त्यागी द्वारा किए गए अवैध निर्माण की शिकायत की थी। 5 अक्टूबर 2019 को इन लोगों ने नोएडा के SSP को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद त्यागी को नोटिस भेजा गया था। एक नोटिस त्यागी के फ्लैट पर भी चस्पा किया गया, लेकिन उसकी हरकतों में कोई सुधार नहीं आया।

नोएडा पुलिस ने बताया कि त्यागी के खिलाफ 9 मामले पहले ही दर्ज हैं। इनमें से 8 मामले तो सिर्फ नोएडा फेज 2 थाने से संबंधित हैं, जबकि एक मामला सेक्टर 39 थाने में दर्ज किया गया है। इनमें से ज्यादातर मामलो में त्यागी पर गुंडागर्दी करने, धोखाधड़ी करने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

श्रीकांत त्यागी किसी स्वयंभू छुटभैये नेता का एक जीता-जागता उदाहरण है। सिर्फ यूपी में नहीं, हर राज्य में ऐसे दबंग होते हैं जो अपने आप को नेता कहते हैं, पर असल में ये किसी बड़े नेता का साया होते हैं। ये किसी एक नेता को पकड़ लेते हैं, उसके लिए कभी भीड़ जुटाने का, कभी चुनाव में दादागीरी करने का, कभी पैसे इकट्ठा करने का काम करते हैं, और बदले में उन्हें प्रोटेक्शन मिलता है। इस प्रोटेक्शन का इस्तेमाल ये लोग आम जनता को डराने-धमकाने के लिए करते हैं।

आमतौर पर लोग ऐसे गुंडों से दूर रहते हैं। अगर वे धमकी दें, डराएं, बेइज्जती कर दें तो शिकायत नहीं करते। लोग सोचते हैं कि ऐसे बदमाशों से कौन झगड़ा मोल ले। लोग जानते हैं कि पुलिस के पास जाने से भी कोई फायदा नहीं होता क्योंकि या तो पुलिस ऐसे लोगों की दोस्त होती है, या पुलिस वाले ही ऐसे लोगों से दुश्मनी करने से बचते हैं। इसका असर यह होता हैकि इन सड़कछाप गुंडों को वैधता मिल जाती है, उनकी हिम्मत बढ़ जाती है, और वे हर तरह के कुकर्म करते हैं।

मैं पूरे यकीन के साथ इतना जरूर कह सकता हूं कि उत्तर प्रदेश में पिछले 5 साल में हालात बेहतर हुए हैं। ऐसे लोगों की संख्या और ताकत पर काफी हद तक लगाम लगी । इसमें मीडिया का भी रोल है और सरकार की भी भूमिका है। श्रीकांत त्यागी का मामला इसका एक उदाहरण है। जब शिकायत हुई तो नोएडा की पुलिस ने तुरंत ऐक्शन लिया, दबाव बनाया और लोगों को भरोसा दिलाया कि ऐसे तत्व अब मनमानी नहीं कर सकते। दादागिरी करने वाले शख्स की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चला, इससे समाज में एक संदेश गया कि ऐसे लोगों को अब राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलता। हालांकि इस बीमारी को समाज से पूरी तरह दूर होने में अभी वक्त लगेगा। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 08 अगस्त, 2022 का पूरा एपिसोड

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