प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस की नीयत और नीति पर सवाल उठाया है। मोदी ने कहा है, कांग्रेस की नज़र आम लोगों की मेहनत की कमाई पर है, प्रॉपर्टी पर है, महिलाओं के मंगलसूत्र पर है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने इरादा जाहिर कर दिया है कि अगर वह सत्ता में आई तो लोगों के घरों, जायदाद, और गहनों का सर्वे कराएगी, फिर लोगों की कमाई कांग्रेस के पंजे में होगी। मोदी ने कहा कि माओवादियों ने जो काम दुनिया के दूसरे हिस्सो में किया, वही काम कांग्रेस हमारे देश में करना चाहती है। मोदी के इस बयान से चुनावी कैंपेन की दशा और दिशा दोनों बदल गई। कांग्रेस के नेता मोदी की शिकायत लेकर सोमवार को चुनाव आयोग के पास पहुंच गए। मोदी को मानसिक तौर पर दिवालिया, मानसिक रोगी, साम्प्रदायिक, भाईचारे का दुश्मन, झूठा, फरेबी और न जाने क्या क्या बता दिया। असल में मोदी ने यही बात रविवार को राजस्थान की रैली में कही थी। उसके बाद से ही कांग्रेस के नेता परेशान हैं। मोदी को चुनौती दे रहे हैं कि वो दिखाएं कि कांग्रेस के घोषणापत्र में कहां लिखा है कि लोगों की संपत्ति छीनकर घुसपैठियों को बांट दी जाएगी। कांग्रेस ने पूछा कि मोदी बताएं कि कांग्रेस के किस नेता ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो संपत्ति का सर्वे कराया जाएगा और संपत्ति मुसलमानों में बांट दी जाएगी।
कांग्रेस को इस मामले में INDIA गठबंधन के दूसरे सहयोगी दलों का भी समर्थन मिला। अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, संजय राउत, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और ममता बनर्जी से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक, सब ने नरेंद्र मोदी पर हमला किया। चूंकि मोदी के रविवार के बयान पर कांग्रेस ने जिस तरह से चौतरफा हमला किया, उससे कांग्रेस के नेताओं को उम्मीद थी कि अब शायद मोदी हिन्दू-मुस्लिम की बात नहीं करेंगे लेकिन सोमवार को मोदी ने और जोरदार तरीके से अपनी बात कही, कांग्रेस के घोषणापत्र पर, कांग्रेस के नेताओं की मंशा पर छह मिनट से ज्यादा बोले। मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नज़र देश की महिलाओं के गहनों पर है, माताओं-बहनों के मंगलसूत्र पर है, वो उसे छीन लेना चाहती है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में उसके इरादे साफ-साफ लिखे है, कांग्रेस जानना चाहती है कि किसके पास कितनी जायदाद है, कितनी ज़मीन है, कितने मकान है, कितनी सैलरी है और बैंक में कितना फिक्स्ड डिपॉज़िट है। अगर कांग्रेस की सरकार आई तो लोगों के बैंक खातों में झांकेगी, लॉकर खंगालेगी, ज़मीन-जायदाद का पता लगाएगी और फिर सबकुछ छीनकर, उस पर कब्जा करके उसे पब्लिक के बीच बांट देगी।
मोदी ने जिस तरह से कांग्रेस को घेरा और जिस मुद्दे पर घेरा, उसकी कल्पना कांग्रेस के नेताओं को नहीं थी, इसलिए परेशानी तो दिख रही है, लेकिन जवाब नहीं मिल रहा। कांग्रेस के नेता बस इतना कह रहे हैं कि मोदी कांग्रेस के घोषणापत्र को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं, इसलिए अब कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रधानमंत्री को कांग्रेस के घोषणापत्र की कॉपी डाक के जरिए भेजेंगे। कांग्रेस के नेता मोदी की शिकायत लेकर चुनाव आयोग के पास पहुंच गए, मोदी के बयान को साम्प्रदायिक और आदर्श आचार संहिता के खिलाफ बताया। प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने मोदी के बयान को उनकी बौखलाहट का नतीजा बताया, कहा कि मोदी को पता चल गया है कि देश का मूड बदल रहा है, इसीलिए वो हताशा में ऐसे नफ़रत भरे बयान दे रहे हैं। बिहार में तेजस्वी यादव ने कहा कि वो हाथ जोड़कर मोदी से गुजारिश करते हैं कि वह महंगाई, बेरोज़गारी, और विकास जैसे मुद्दों पर बात करें, हिंदू-मुसलमान विवाद पैदा न करें, यही देश के लिए बेहतर होगा।
अब सवाल ये है कि आखिर मोदी ने जो बात कही, उसका आधार क्या है? तो मैं आपको बता दूं कि मोदी को ये मौका राहुल गांधी ने दिया है। कांग्रेस की मुसीबत की जड़ राहुल गांधी हैं। राहुल गांधी ने कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने के बाद हैदराबाद में एक रैली में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो पूरे देश में प्रॉपर्टी का सर्वे कराया जाएगा, ये पता लगाया जाएगा कि देश का धन किसके हाथ में है और मजे की बात ये है कि राहुल गांधी के इस बयान का वीडियो खुद कांग्रेस की तरफ से जारी किया गया था। ये सारा मामला क्या है। इसे समझने की जरूरत है। राहुल गांधी ने जब साफ-साफ कहा कि अगर उनकी सरकार आई तो इस बात का सर्वे करवाएंगे कि किसके पास कितनी प्रॉपर्टी है, वो कहां से आई और इस प्रॉपर्टी को बांट दिया जाएगा, मोदी ने इस बात को पकड़ लिया और डॉक्टर मनमोहन सिंह के उस बयान से जोड़ दिया जहां उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस आपकी संपत्ति छीनकर मुसलमानों को दे देगी। राहुल ने जो कहा वो उनके ऊपर वामपंथी विचारधारा का असर है। ये कम्यूनिस्टों की सोच है। एक जमाने में कम्यूनिस्ट देशों में ये होता था, जहां प्रॉपर्टी का सर्वे होता था और जायदाद छीन ली जाती थी। और मोदी ने जो कहा वो बीजेपी की विचारधारा है। वो मानते हैं कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती है, वोट के लिए मुसलमानों को खुश करना चाहती है।
अब संपत्ति छिन जाने की बात ऐसी है जो लोगों को डरा भी सकती है, भावनात्मक रूप से आहत भी कर सकती है। इसीलिए कांग्रेस इतनी परेशान है। कांग्रेस अबतक ये कह रही थी कि मोदी लोकतंत्र को खत्म कर देंगे, संविधान को समाप्त कर देंगे और मोदी को इन आरोपों की सफाई देनी पड़ रही थी। अब मामला बिलकुल उलट गया। अब मोदी आक्रामक मुद्रा में हैं, और कांग्रेस पूरी तरह बचाव की मुद्रा में है। उसे बार-बार सफाई देनी पड़ रही है कि घोषणापत्र में ऐसा कुछ नहीं है लेकिन कांग्रेस की समस्या ये है कि राहुल गांधी ने ये बातें सार्वजनिक रूप से कहीं हैं। एक बार नहीं, कई-कई बार कही हैं। कांग्रेस ने राहुल गांधी के इस बयान को रिकॉर्ड से मिटाने की कोशिश की थी लेकिन डिजिटल इंडिया के जमाने में ये संभव नहीं हो पाया। कांग्रेस के लिए राहत की बात सिर्फ इतनी हो सकती है कि मोदी के इस बयान को मुद्दा बनाने में मोदी विरोधी मोर्चे के सारे नेता एकजुट हो गए। जो कांग्रेस के साथ नहीं हैं वो भी मैदान में उतर गए। (रजत शर्मा)
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